समीक्षा सबकी होनी चाहिए चाहे वो वकील हो या जज हो या नेता हो या डाक्टर हो और साथ ही साथ सबकी उचित फीस निर्धारित होनी चाहिए चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी और मुकदमे का तीन साल में फैसला होना चाहिए और फैसला ना होने की दशा पर जज पर जुर्माना का प्रावधान भी होना चाहिए जिससे आम जनमानस को कुछ लाभ मिल सके
@@charanjit4732pesi to dur ki baat aapko bargalane ke naam par bhi paisa mangta hai kyoki sabhi muwakil to case ladne me professional hota nahi hai lekin wakil to professional hote hai lekin apne profession ka upyog case ladne se jyada apne muwakil ko bargala kar paisa tanne me lagate hai
Govt. Servant not allowed to do any other pvt. work in any shape if found so than he is liaable for disciplinary action similarly MLA , MP parshid etc are govt servents can not any private work or practice etc
कोई भी वकील किसी पार्टी को ज्वाइन नही कर सकता, कोई पद नही ले सकता । कोई मंत्री पद नही ले सकता । यह कानून लाना ज़रूरी है । वकील अपनी फीस भी चैक के द्वारा अपने खाते में ही लेगा, ताकि बड़े वकीलों की आय ज्ञात हो सके । इनको भी सही आयकर रिटर्न दाखिल कर देना अनिवार्य हो ।
वकीलों की फीस निर्धारित क्यों नहीं है ? वो फीस की रकम फाइल पर लिख कर रसीद क्यों नहीं देते हैं और बाद में मुकदमा लम्बा खींच कर फीस बढा देते हैं इसको कौन रोकेगा ?
वकील के पेशे में भी कोई तो उसूल होने चाहिए , वकालत करने की पढ़ाई / लाइसेंस लेने का मतलब लूटने और धोकेबाज़ी बेईमानी का लाइसेंस नहीं है , ऐसा कहना की वकील ना करो अपना केस ख़ुद लड़ो , कितनी बड़ी 7:57 धूर्तता और शातिराना सोच है जनता को इस प्रकार की सोच रखने वाले वकीलों से बचना चाहिए
देश में जितने लोगों को न्याय मिल रहा है अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए लास्ट में सबको एडवोकेट ही काम आता है और तुम बोल रहे हो कि एडवोकेट काम नहीं करता जिस दिन एडवोकेट काम नहीं करेगा उसे दिन देश की स्थिति खराब हो जाएगी डॉक्टर इंजीनियर अधिकारी सब लोग अपना वेतन फीस लेते हैं वकील को फीस देने में सब की क्यों फट जाती है क्या वकील पढ़ लिखकर के फ्री में सेवा देने के लिएबना है
Respected Sir, Dono parties ke vakeel aapas me mil jate hai iska Hon'ble Supreme Court ilaj kar de to litigants ki halat sidhar jayagi. I am a civil litigant. Thanks and with kind regards.
@@Navyindian2023 अगर आपका केस पेचीदा हो उनमे ढेर सारे खामिया हो तो ऐसे में हर एक वकिल जो हद की लाईन को पार कर उसके क्लाएंट के पक्ष में निर्णय लाने में सक्षम हो तो वो कुछ भी हतकांडा अपणाये गुंडोंसे भिड कर आपको न्याय दिलवाये तो आप उसको उसके कहने पर फिस नहीं देंगे क्या
भारतीय वकील किसी भी कोर्ट में और कहिं भी कभी भी वकालत कर्ता कर्ता है तो य़ह पहली शर्त हो कि सत्य , अहिंसा और मर्यादा की सीमाओं में होते हुए भी परिणाम भारत देश के हित में हो l यदि ऐसा नहीं हुआ तो उस वक़ील की डिग्री रद्द ya cancle कर देना चाहिए l य़ह कार्य देशहित में होगा l
It's good news. The advocate or lawyer shouldn't proceed to join any political party after retirement. Such type of rule must be implemented and give the directions to advocates and lawyers.
यदि कोई वकील अपने व्यवसाय का प्रचार करता है तो कंपटीशन की भावना उत्पन्न होगी ,देश में सेवाओं की क्वालिटी अच्छी होगी और देश के नागरिक को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा।
पुलिस अगर गलत कार्यवाही करे ,किसी कौ मार्पिट बिना वजह करे या गाली दे, तो एक शिकायत पर ही उन्हे फाशी या उमृकैद हो ।क्यू की ऐसे मे पीडित कौ कोर्ट मे कई गुना ज्यादा चक्कर काट कर भी न्याय मिल्ता नही पैसे और जिन्दगी खराब होती अलग ,और पीडित की जिन्दगी मे क्या प्रभाव पड्ता है इसका दर्द और अपमान और सदमा सब्दो मे नही बता सकते। इसलिये ये कानुन पास हो ।
जब हम किसी भी मुकदमे के लिए फीस तय करते है और केस को चलते 5 साल से ज्यादा हो जाते है तो वकील कहते है 5 साल बाद फीस डबल हो जाती है और क्लाइंट को तंग करते है ऐसा कुछ कानून है क्या? वकील साहब नगद पैसा लेते है न कोइ रसीद देते है ऐसा क्यों इनके लिए कोइ प्रावधान है क्या? आपकी वीडियो देखकर अच्छा लगा आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप वकीलों के सताए लॉगो को जागरूक कर रहे है धन्यवाद। सर्
Bahut ,bahut achha order diya court ne ,damm hai order me ,ob kiya hogare kalia- Kapil,prasant praduson ,singhvi ? Cji ko aour ek kam karna chahiye I chahiye ki koi okil rajya sabha ,lok sabha ka member ke sath sath okil mathh bon na ,duel laddu math khana .
Sir mai ek bat aapke madhyam se kahna chahta hu ki koi bhi Advocate agar Jo sansad ya Vidhayak ho woh bhi Vakalat nahi kar sakta aisa bhi kanun banana chahiye Jai hind Jai bharat 🙏🙏
Advocates bhai kapil sibal and abhishek manu singhvi jaise advocates ke khilaaf bhi kuch karna chahiye jo dusre logon ko kam nahi milne de rahe or har jagah.....
भारत सरकार द्वारा सभी प्रकार के आर्थिक अपराधों के स्थाई समाधान के लिए NDS न्याय धर्म सभा द्वारा दिए गए न्याय प्रस्ताव संख्या एक digital currency system . डिजिटल करेंसी सिस्टम को 100% इंप्लीमेंट करना चाहिए !
Excellent. Advocate ke fee to be fixed for each case. Desh ke kanoon ko kush corrupt bakil barbad ker deya. Garib aadmi case larh hi nahi sakta Ek accha Bharat banayo. Jai Hind.
(1)District कोर्ट मैं Wakeel जान से मारने की धमकी दे रहा एक poorv केस fee's 25000/-दे कर बिना बताएं कोर्ट case लdना बंद कर दिया......क्या करे.....????? (²) District कोर्ट मैं एक Wakeel REGISTRY property एजेंट है........
Jai hind sir 🇮🇳🌅🚕💐🌅🇮🇳🦚 jai hind sir sahi he jo vakil desh virudh kes kar rahe ya lud raha he to un sare vakilo ki digri kensel karke vakilgiri par ya vakilat ke laysans par kanun 🇮🇳🚕 kanun se ben lagaye 🇮🇳🦚🌅👏🚕 modiji bjp jindabad 🏹🚕🇮🇳🦚🌅👏🏹🚕🌈 🦚🌌💐
जय हिन्द, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के भषटाचारी वकील हकीम खान ने ऐसे ही हमें सीबीआई जांच होगी ऐसा बताया ओर चालीस हजार रुपए लिए लेकिन कोई जांच हुई ना कोई कार्रवाई हुई सिर्फ भषटाचारी वकील को पैसे चाहिए था यह वकील के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, रमेश यदुवंशी थाना नवेगांव तहसील जुनारदेव जिला छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश।
Desh me sabse jayda kaala dhan Land,House aur Gold me laga hai isliye har ghar ka Bharat me check hona chaiye tabhi ja k kaala dhan bahar aayega aur desh ki gareeb aur honest logo justice millega
दलाल को कोर्ट तहसील कार्यालय से भगाया जाएगा तो मानवता न्याय बांधा दूर हो सकती है।। स्वयं का काम स्वयं करावें।। ऐसा काम कानून व्यवस्था प्रभावित हो रहा है नेता जी और दलाल लोग को भुगतना पड़ रहा है।।
Modi ji ki tisri sarkar se mera anurodh hai ki HC/SC mein se bhi priwar wad wale future mein jgh nhi milni chahiye...ab court mein bhi ghuskhori ka chalan hota ja rha hai..sarkari karmchari ki trh 60year ke baad wakil aur judge ko bhi retire bnane ka niyam bnayegi..purane sabhi wakilon ko retire kr dein .
वर्तमान बहुत सारे सांसद विधायक मंत्री अभिभाषक संघ की सदस्यता लेकर अपने आप को वकील भी कहते हैं और नेता भी कहते हैं ऐसे मंत्री और नेताओं की सदस्यता समाप्त होना चाहिए.
अधिवक्ताओं के लिए कानून बनाने से पहले सुप्रीम कोर्ट खुद की नियुक्ति के लिए उचित प्रक्रिया तय करें। अधिवक्ताओं कुछ नहीं कर रहे है इसलिए इस प्रकार के निर्णय आ रहे है। सबसे पहले अधिवक्ताओं का वेतन तय करना चाहिए।
माननीय माई लार्ड वकीलों की दुकान तो आपके जज साहब चलवा रहे हैं बिना वजह सालों तक केस को लटकाए रखने वाले जजों को सख्त निर्देश दिए जाएं तो फिर इन वकीलों और जजों की मिली भगत से लूट बंद हो सकती है जज भी तगड़ा पैसे खाकर ही केस खत्म करने पर राज़ी होता है।इसका इलाज जरूरी होना चाहिए।
जज सरकार के एजेंट है उसका क्या? जज के रिटायरमेंट के बाद का क्या? अडोवोकेट को जज के यहां पूजा अर्चना, दिया बत्ती का काम भी नहीं रहा. इतने नियम सिर्फ वकील पालन करेंगे. पुरे कपडे पब्लिक प्लेस पर नहीं यह ठीक है. कुछ अडोवोकेट वैसेही आधे कपडे मे पब्लिक प्लेस पे अब मिलेंगे. अजीब है.
Visting card देना, घर के नेम प्लेट पर चैम्बर नम्बर लिखवाना, दो से अधिक लोगों में अपने को वकील बताना अगर एडवरटाइजमेंट की कैटेगरी होगी तो यह बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण निर्णय दिया है सुप्रीम कोर्ट ने। इतनी भी कोन सी आफत आ जायेगी अगर आप वकील हो तो अपने आपको वकील नही बताओगे तो क्या घसियारा बताओगे, बस कुछ भी निर्णय दे दिया जाता है।
Naya Kanoon banana chahiye, one person can only do one job, berojgari ka ek mukhya Karan hai, we all fully Support, Faisla within, 3, 6 aur one year mein ho jana Chahiye, vakil apney chakkar mein faisley ko latkatey rehtey hain,
Advocates act se kuch nai hota hai. Disciplinary committee toh practicing lawyer hi chala rahe hain. Koi lawyer kisi aur lawyer ke against koi judgement nai sunata state aur national nar council mein. Kya koi rakshak ko bhakshak bannane se nai rokta
Meri samajh se Court khud chahta hai ki koi vakil kuchh bhi kaam na kare keval Court ki ghulami kare. Is se behtar ye hota ki nyaypalika se saare Vakilon ko baahar kar ke court khud hi saare kaam kare.
It's to be implemented in case of politicians also who are Rajya sabha members and doing practice in Supreme Court and other courts. Rules should be equal to everyone. This is my personal view.
सबके लिए नियम कायदा है जज साहब के लिए भी नियम कायदा है या नहीं है 15 साल में चार जज साहब बारी बारी से 138 check bounce case mein अभी तक फैसला नहीं सुना सके केवल तारीख पर तारीख दिए जा रहे हैं 150 तारीख दे दिया 15 साल में उनके लिए भी कुछ कायदा कानून है या फिर आम आदमी के और सबके लिए रखा हुआ Vasai Palghar Maharashtra
वकील अगर कोई नहीं है और कोर्ट में बैठ रहा है सफेद शर्ट पहन कर घूमता है और बिना रजिस्टर होके विज्ञापन कर रहा है तो कोई उसका कानून के तरह कुछ नहीं कर सकता