ओमजयलक्ष्मीमाता || Om Jay Laxmi Mata || Mata Aarti || Mata Geet || Mata Aarti
समुद्र मंथन से उत्पन्न लक्ष्मी को कमला कहते हैं जो दस महाविद्याओं में से अंतीम महाविद्या है। देवताओं तथा दानवों ने मिलकर, अधिक सम्पन्न होने हेतु समुद्र का मंथन किया, समुद्र मंथन से 18 रत्न प्राप्त हुए, जिन में देवी लक्ष्मी भी थी, जिन्हें भगवान विष्णु को प्रदान किया गया था।
फूलों के प्रिंट वालें कपड़े भी धारण कर सकते हैं. इसके अलावा शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के मंदिर में शंख, कौड़ी, कमल का फूल, मखाने, बताशे, खीर और गुलाब का इत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होती है.
कुछ संस्करणों में, उसे समुद्र देवता की बेटी कहा जाता है क्योंकि वह समुद्र से निकली थी। गरुड़ पुराण, लिंग पुराण और पद्म पुराण में कहा गया है कि लक्ष्मी का जन्म दिव्य ऋषि भृगु और उनकी पत्नी ख्याति की बेटी के रूप में हुआ था और उनका नाम भार्गवी रखा गया था।
मां लक्ष्मी की आरती
मां लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
5 окт 2023