ओम जी गोदारा के भजन/om ji dodara ke bhajan/ओम जी गोदारा मांगलोद का भजन/ दादू वाणी भजन/दादूदयाल केभजन 1दादू दयाल के भजन • ओम जी गोदारा के भजन/om... 2 ओम जी गोदारा मांगलोद का भजन • ओम जी मांगलोद भजन 2021...
ओम श्री गणेशाय नमः जय श्री राधे-राधे गणेशाय नमः 卐 🔱 रिद्धि सिद्धि जय श्री ओम श्री गणेशाय नमः ओम श्री हरि ओम हरि हरि ओम ओम बोलो ओम हरि बोलो बोलो हरी पूंछ बोल हरि जोर से बोलो बाबा री जय श्री ओम श्री राधे राधे बोलो हरि जय श्री हरि राम हरी दयाल दयालु हरी गाय के चारों स्तन श्रीहरि हनुमान हरि गोविंद हरी ओम ठाकुर हरी गाय के चारों स्तन माता दी काली गोरी माता दी हरि बोल नारी बोल रामबोल ओम श्री बोल राम श्री ओम श्री राम ओम शिव गोरख तुम बोल मुझे मरना क्यों चाहते हो तुम लोग मुझे काफी टाइम से मेरे लहर पढ़े हुए हो मुझे यह बात अभी तक समझ में नहीं आ रही है। क्योंकि आख़िर क्यों मारना चाहते हो। मेरे परिवार पर सुबह 11:15 बजे नजर गई सर जी व परिवार पर और वैज्ञानिक पर मैं आपका नाम नहीं जानता लेकिन आप सर जीवट जीव हो। लेकिन आप मरे हुए हो मिट्ठू ने मुझे सुबह फोन किया कि मामा जी मैं गेहूं का दलिया ले आऊं मैं बोला ले आओ मैं सो रहा था मुझे नींद आ रही थी मैं कभी कभी झूठ बोलता हूं और सत्य ही बोलता हूं और झूठ ही दादूराम ही है। और सत्य सत्य राम ही है। ओम शिव गोरख राम राम राम ही है। सीताराम ही है। राम-राम परलोक ही है। परलोक ही पाताल लोक ही है। पाताल लोक परलोक ही है। मैं ऐसे लिखता रहूंगा मुख्य द्वार से लिखता रहूंगा तो मेरे राम परिवार की सेवा कैसे करूंगा सर जी वत भी है। और मरा हुआ भी है। मेरे मैं बाबा लोगों की सेवा कैसे करूंगा मेरी आत्मा जलती है और मैं पूरी बातें देखता हूं सोचता विचार करता हूं तो पूरी नहीं लिख पा रहा हूं। मैं गलती करता हूं उसकी सजा मुझे अवश्य मिलेगी मैं लाइन लिखता दोबारा बढ़ता हूं उसकी सजा मुझे अवश्य मिलेगी मैं लिखता हूं उसकी सजा अवश्य मिलेगी मैं राम का भगत कई लाखों गलतियां कर रहा हूं तो आप लोग कितनी गलतियां कर रहे हो। मैं सत्यराम हूं ओम शिव गोरख की जय हो। सत्य राम की जय हो। गौ माता की जय हो चरण कमल की जय हो"मेरा संत सद्गुरु गुरु ज्ञानी जी महाराज ऐसा ज्ञान बतावे."जय हिंद"जय भारत माता"वंदे मातरम"जय हिंद"जय हिंद"जय हिंद"
ओमजी आप भी पाखंडी हो सत्य के और पारख के लिए आपके पास कुछ नहीं है क्या ये सब संभव है कि इस तरह की कपोल कल्पित कथा सुना रहे हो बहुत शर्म की बात की है गाते रहो और बजाते रहो बनेगा कुछ भी नहीं कबीर और रैदास के कारण रामानंद जी को दुनिया जान पायी वरना आज नाम ही विलुप्त हो चुका होता कि कोई रामानंद जी हुए थे ऐसी मूर्खता पर हंस भी नहीं सकता आप भास अध्यास अनुमान कल्पना के पार सत्य पारख से रहित हो जो पाखण्ड बाजी में लिप्त है मैं आपकी इस कथा को सिरे से नकारता हूं ये पाखंडी पण्डो की घड़ी घड़ाई कल्पित कथा सुना रहे हो सत्य बिल्कुल विपरीत है क्या फायदा आपके ज्ञान का जो सत्य और असत्य में भेद नहीं कर सके