आपकी बातें सुनकर मुझे हंसी आती है, मैं कन्या राशि का हूं।जैसा आप बताते हैं वैसा ही मेरा आंतरिक स्वभाव है।अपनी कुंडली से संबंधित मैंने आपके सभी वीडियो देखे,मजा आ गया आपकी बातें सुनकर। महान ज्योतिषी हैं आप।ईश्वर सदा आपके साथ रहे,यह मेरी हार्दिक कामना है।आपके मधुर वचनों का मार्गदर्शन मेरा जीवन सुखमय करे।आपको बहुत बहुत धन्यवाद।मेरा वश चले तो मैं अकेले हजारों बार आपका वीडियो लाइक करूं।सभी वीडियो आपके अति सुन्दर हैं।
नमस्ते जैन जी,आपका विडियो अच्छा लगा,कन्या राशी की बाते भी जॅंची,चिंता बहुत करते है,टेन्शन लेते हैं,बाकी सभी बाते जॅची ,लेकिन हम लोग निर्णय नहीं ले पाते,और मैं डबल ग्रॅज्युएशन होते मी confidence की कमी है,और अपने करिअर,प्रोफेशन नहीं बताया.आपकी हॅंसके बात करने की आदत अच्छी रंगी.👍
*।। गायत्री महामंत्र ।।* *॥ ओ३म् ॥ भूर्भुवः स्वः । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ - यजु० ३६* *शब्दार्थ* *ओ३म* :- सबकी रक्षा करने वाला *भूः* :- जो सब जगत् के जीवन का आधार, प्राण से भी प्रिय और स्वयंभू है । *भुवः* :- जो सब दुःखों से रहित, जिसके संग से जीव सब दुःखों से छूट जाते हैं । *स्वः* :- जो नानाविध जगत् में व्यापक होके सबका धारण करता है । *सवितुः* :- जो सब जगत् का उत्पादक और सब ऐश्वर्य का दाता है । *देवस्यः* :- जो सब सुखों का देनेहारा और जिसकी प्राप्ति की कामना सब करते हैं । *वरेण्यम्* :- जो स्वीकार करने योग्य अतिश्रेष्ठ *भर्गः* :- शुद्धस्वरूप और पवित्र करने वाला चेतन ब्रह्मस्वरूप है। *तत्* :- उसी परमात्मा के स्वरूप को हम लोग *धीमहि* :- धारण करें। किस प्रयोजन के लिये कि *यः* :- जो सविता देव परमात्मा *नः* :- हमारी *धियः* :- बुद्धियों को *प्रचो दयात्* :- प्रेरणा करे अर्थात् बुरे कामों से छुड़ा कर अच्छे कामों में प्रवृत करें। *भावार्थ* तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू। तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियों के कष्ट हरता तू ॥ तेरा महान् तेज है, छाया हुआ सभी स्थान । सृष्टि की वस्तु-वस्तु में, तू हो रहा है विद्यमान ॥ तेरा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया । ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ठ मार्ग पर चला ॥🙏🏻🇮🇳🌷🇮🇳🙏🏻
Guruji mere husband ka nakshtra hasta nakshatram hai. Mera bhi kanya rashi uttira falguni nakshtra hai .hum dono ke beech me bahut jhagda hota rahta hai.upay batayen
Sir kya fir hme GROUNDING ki jrurt hai??? Toh earthy sign hone ke bavjood bhi chinta kyu krte hain hum??? Kya silver ya pearl pehnne se aur dikkat badh jayegi?