कबीर सब का बाप नहीं है। कबीर अक्षरधाम की आत्मा है। चलते चलते पग थके नगर रयाह नौ कोस। बीच में डेरा पड गया कबीर किसे दे दोस।। जिस घर में अवला बसे बहे प्रेम के पूर कहे कबीर सुनो भाई साधो वह घर हमसे दूर।।
सात शून्य के ऊपरे, सोलह शंख के पार तीन लोक से भिन्न है अमरलोक बिस्तार। कबीर साहेब पूर्ण ब्रम्ह परमात्मा सम्पूर्ण ब्रम्हांड के रचनाकार स्वम सत्यपुरूष है सभी आत्माओ के जनक है, आप ने जिस शाखी का सहारा लेकर आप कह रहे है कि कबीर साहेब बीच मे रह गए। यह साखी कबीर साहेब ने योगियो के लिए कहा है कि आप योग साधन करके शरीर के अंदर ध्यान समाधि लगाकर अमर होना चाहते है, कि जब आप का शरीर छूट जायेगा तब आप अधर मे रह गए आप की मंजिल दूर है। कबीर साहेब ने सभी को समझाया है। साहेब जी अगर आप को कबीर साहेब के बारे जानना है तो आप कबीर वाणि वचन का अध्ययन करे। सत्यनाम साहेब बंदगी साहेब
@@mathuraprasadahirwar4250 आप तो तुम सतलोक से परे की करते हो लेकिन तुम्हारा नाम दान से पता चलता है तुम्हारा नाम दान क्षर ब्रह्मांड सतलोक का है। क्योंकि सतलोक क्षर नाशवान ब्रह्मांड में आता है। इसलिए पहले अपना टिकट तो चेक कर लो कहांका है। बात अखंड की करते हैं और टिकट खड़ं का है ऐसे नैया पार होने वाली नहीं है। होशियारी से कम लो। देखा देखी नहीं।
@@munnalal-ui6lb अच्छा जी आप को हमारे नाम दान के बारे मे आप कैसे जान सकते है। क्योकि हमारा नाम तो विदेह है 52अछर से परे इस को कोई नही जान सकता है 52अछर माया माही इस मे सत्यनाम नाहि नाही, हमारा नाम कागज कलम, वाणि वचन से न्यारा विदेह शब्द है। यह लेने देने वाला बिषय नही है भाई इस नाम को स्वयं सतगुरू कबीर साहेब लखाते हे प्रगट करते है पूर्ण संत भेदी गुरूदेव के माध्यम से, इस सम्पूर्ण ब्रम्हांडो मे सत्य से बडकर कोई नही है इसलिए वह स्थान सत्यलोक है जिसका कभी बिनाष नही है वह अजर अखंड अविनाशी स्थिर है और ऐसा ही वह नाम है सत्य नाम जिस का कभी नाश नही होता है वह नाम अखंड है। ऐसे ही सतगुरू कबीर साहेब है जो पूर्ण ब्रम्ह है सम्पूर्ण ब्रम्हांड के मालिक कर्ता सत्य पुरुष है। सात कोटि शंभु भये नौ कोटि कन्हैया देवतन की गिनती नही मोरी एक पलैया। साहेब बंदगी साहेब साहेब
जब तक रोटी बेटी का संबंध नहीं होगा मानव समाज के अंदर कबीर का और आपका भाषण कोई काम कानहीं है घर ग्रस्त लोग आप लोगों को भी टैक्स दे रहे हैं उसके समझ में जाकर ब्राह्मणों को भी टैक्सदे रहे हैं हम लोगों को बौद्ध धर्म गुरु ठग के खा रहे हैं एक कबीरपंथी दूसरा ब्राह्मणवाद हम लोगों का समाधानकरो
आवाज को भगवान बताना यह गलत है कबीर दास जी ने दिखाया था बताया नहीं था । इसलिए आपकेज्ञान में और कबीर दास जी के ज्ञान में अंतर है आप केवल कबीर पंथी कहते हैं है नहीं