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कबीर साहेब ईश्वर हैं? | रमाशंकर साहेब के क्रांतिकारी विचार | पारखी बाबा अलग ढंग से कैसे सोते हैं? 

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9 сен 2024

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Комментарии : 12   
@PremKumarSingh-lu1kn
@PremKumarSingh-lu1kn Месяц назад
Sprem saheb bandgi saheb bandgi saheb bandgi bilkul sat aar sar bachan hai saheb ji saheb bsndgi
@AvtarSingh-ub8fr
@AvtarSingh-ub8fr 24 дня назад
Sahib bandgi sant Sheri Rama Sankar ji
@harshdbhamat7783
@harshdbhamat7783 Месяц назад
Satnam sahib Kabir
@user-rm8rz9zo4j
@user-rm8rz9zo4j Месяц назад
Saheb bandgi Saheb🌹🙏🌹
@bholanath6872
@bholanath6872 Месяц назад
साहेब कोटि कोटि बंदगी बहुत उत्तम।
@KapoorsinghChandel
@KapoorsinghChandel Месяц назад
जय हो ❤🙏🏽🙏🏽
@harshdbhamat7783
@harshdbhamat7783 Месяц назад
Kabir panth me jude
@gopalgupta3254
@gopalgupta3254 28 дней назад
अगर कबीर साहब ईश्वर है तो उसे कहे आबे धरती पर से अपराध को तुरंत बंद करें।
@salikramsoni4560
@salikramsoni4560 Месяц назад
।।जय श्री सच्चिदानंद परमेश्वराय नमो नमः।।::-पद्य पाठ::-दोहा::-"क"क केवल नाम है, "ब"ब ब्रम्ह शरीर। "र"र सबमें रम रहा, ताका नाम कबीर।।00।।:-कबीर बीजक:-अवधू अविगत से चलि आया, कोई भेद मरम नहीं पाया। ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा,बालक बन दिखलाया। काशी नगर जल कमल पे डेरा, वहाँ जुलाहे ने पाया। मात पिता मेरे कछु नाहीं, ना मेरे घर दासी। जुलाहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हांसी। हाड चाम लहू ना मेरे, कोई जाने सारशब्द उपासी। तारण तरण अभय पद दाता, मैं हूँ कबीर अविनाशी।।01।।अरबों तो ब्रम्हा गए, ऊंन्चास कोटि कन्हैया। सात करोड़ तेरे शंभू मर गए, मेरी एक नहीं पलैया। हम हैं सतलोक के वासी, दास कहाए, प्रगट भये काशी। धरि देह भवसागर आये, धरमदास तोही नाम सुनाये। कलियुग में काशी चले आये, जब हमारे तुम दर्शन पाये। तब हम नाम कबीर धराये, काल देख तब रहे मुरझाए।।02।।देह नहीं और दरसे देही, जग ना चीन्हे पुरुष विदेही। नहीं बाप ना मात जाये, अविगत से हम चले आये। चारों युग भवसागर आये, आदि नाम जग टेर सुनाये।नाम सुने शरणागत आवे, तिन्हीं के हम बंध छुड़ावे। सतयुग सत सुकृत कहाये, त्रेता नाम मुनिन्द्र धराये। द्वापर में करुणांमय कहाये, कलियुग नाम कबीर रखाये।।03।।साल बीसम बीसा से फिर, विदेही रूप धर हम आये, घर घर जाकर सारशब्द अखण्ड सुमिरण चित्त में सुपात्रों को लखाये। साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र वाले को पहले पठाये। नौतम सुरति धारक भेदी नांद गुरु, उसपर छाप लगाये। वही सबको मेरा भेदी सतसंग रोज बखानें, विरले हंस समझेगे इसके मायनें।।:-अस्ति आत्माराम है, मन माया कृत नास्ति। याकी पारख लहै यथा, बीजक गुरु मुख आस्ति।।04।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय संत परिवार को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।00।।
@mithileshksing7005
@mithileshksing7005 Месяц назад
Gina diye ek hi theme ko bite bite.are kuch nya topic discover kriye
@dhirajlalkoir6419
@dhirajlalkoir6419 Месяц назад
Saheb bandgi Ap kishore tarah se man ko sant karne ke. Mathard apnate hai har vidio mein khulasa karne. Chahiye duniya. Dari. Sunane se achha hota ki ap jiwan jine. Ke liye aspast batate ki. Ap ko kaise raha na hai sab ko galati bata ke bidio band kar dete hai
Далее
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