Karbala by Premchand , part -2
प्रेमचंद द्वारा लिखा नाटक कर्बला
इस्लाम के इतिहास में कर्बला की घटना एक महत्वपूर्ण घटना है। प्रेमचंद ने इस नाटक में उस घटना का नाटकीय रूपांतर किया है।
कर्बला एक पठनीय नाटक है जिसे प्रेमचंद ने हिंदू-मुसलमानों में पारस्परिक प्रेम की स्थापना के उद्देश्य से लिखा है। प्रेमचंद दिखाना यह चाहते थे कि जहाँ सत्य-प्रेम है, बलिदान-भाव है वहाँ जाति-पाति और धर्म का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने हजरत हुसैन का चरित्र पढ़ा और उन्हें बड़ी श्रद्धा हुऐ और वह श्रद्धा ही नाटक के रूप में सामने आई। इस नाटक में केवल मुस्लिम पात्र ही नहीं हैं, कुछ हिंदू पात्र भी हैं। ये हिंदू पात्र प्रेमचंद की कल्पना या मुसलमानों को खुश करने की गरज से नहीं आए हैं। इसका कारण इतिहास लेखकों के वे मान्य मंतव्य हैं जो हमें यह बताते हैं कि कुछ हिंदू भी कर्बला के संग्राम में सम्मिलित होकर शहीद हुए थे।
कर्बला - भाग (1) - • कर्बला भाग 1 Karbala...
कर्बला नाटक का उद्देश्य - • कर्बला का उद्देश्य
15 окт 2024