#गुरुजी ने बताया कि,,,,,,,,,,,,,,
🌿बी क्लीन राधर धेन क्लेवर,,,,,,मतलब भगवान को चतुर नही शुद्ध मन चाहिए,,,,भोले भाव मिले रघुराई ,,,,,,,,,,,,,,,।
🌿मन को मोड़ना ही नही बल्कि जितना भी है,,,,,,,,,,,।
🌿मतवाला हाथी ज़ोर जबरदस्ती से बांधा जा सकता है ,,,,लेकिन मन को युक्ति से मोड़ा जा सकता है,,,,,,,,,,।
🌿मन दिखता नही पर दिखाता बहुत है,,,,,,,,,,,,,।
🌿उचित युक्ति छोड़कर मन को बांधना ,,,कमक के तंतु से हाथी को बांधने के समान होता है,,,,,,,,,,,,,।
🌿जोर ना छूटे युक्ति छूटे संसार,,,,,,,,,,,,,।
🌿गुरु हमे नुक्ती नही युक्ति देते है,,,,,,,,,,,,,।
🌿मन के मते ना चालिए मन के मते हज़ार,,,,,,,,,,,,,,।
🌿टीचर बन ना है तो खुद के टीचर बनिये,,,,कुछ सिखाना है तो खुद को सिखाएं,,,,,,,,,,,,,,।
🌿प्रारब्ध का विस्वासी भगवान नही तो कम से कम फरिश्ता तो होता ही है,,,,,,,,,,,,,,।
🌿दोष हमारे भीतर ही होता है, हम
बाहर देखते है,,,,,,,,,,,,।
🌿शुक्राने सतगुरु जी के , हरि ॐ,,,,,,,,,,,,,।
4 май 2020