प्रमाण राजेश जी,,,,,, दीपक ने अपना समय और पैसा दोनों invest किया।,,, लड़की से संभाला नही जा रहा था तो उसे दीपक को लटकाएं नही रखना चाहिए था।,, किसी भी रिश्तों में विश्वास clearity होनी चाहिए।,, ये तो होना ही था, सविता सब कुछ खा गई और डकार भी ना ली।,,, सोचिए इसके उलट दीपक ने उसे छोड़ दिया होता तो इस लडकी ने क्या क्या इल्ज़ाम नही लगाए होते उस पर।,,,, पर दीपक को इतनी बेरहमी नही करनी चाहिए थी।❤🙏🙏🙏🙏
धोखा देने वालों को धोखा मिलता भी है एक न एक दिन।इसलिए कानून अपने हाथ में लेना अनावश्यक है इसमें अपना ही नुकसान है। धैर्य ही एकमात्र विकल्प है। नमस्कार सर 🙏
सर जी जनपद लखनऊ के अंतर्गत इटौंजा थाना के नगर चौगावां महोना में एक लड़के की हत्या हो गई थी पुलिस के द्वारा बताया की एक विकलांग लड़के ने हत्या की दोनों ने साथमे दारू पी आदरणीय सर आपके द्वारा इस घटनाक्रम को बताया जाएं जिससे सारी जानकारी मिल सके और आपके द्वारा हमारे थाने की कोई घटनाक्रम नहीं बताया आपका हर एपिसोड सुनता हूं जय हिन्द सर जी आप लोगों को क्राइम प्रति जागरूक कर रहे हैं 🙏🙏
सर, इश्क, प्रेम या मोहब्बत शब्द का प्रयोग इतना आम हो गया है, कि इसका गंभीर्य और सम्मान कहीं गुम हो गया है। किसी को कोई अधिकार नहीं कि अपना प्रेम दूसरे पर लाद कर या थोप कर नियंत्रण का क्या औचित्य है, समझ से परे है। अपने से कमजोर को मारना आसान है पर सच का सामना बहुत मुश्किल है
किसी भी प्रकार की आसक्ति वासना ,प्राप्त करने की इच्छा को प्रेम कह देना ही गलत है। प्यार मोहब्बत ये बिल्कुल गलत तरीके हमारे मस्तिष्क बैठाये गये है या बैठ गये हैँ, हमने उन्हे ऐसे ही पोषित भी कर लिया है ।
प्रेम की परिभाषा का एक उदाहरण है,,, राजसिंह डुंगरपुर और लता मंगेशकर की नजदीकियां हमने सुनी थी।,,,, दोनों सभी तरह से समृद्ध थे,वो चाहते तो विवाह कर सकते हैं लेकिन राजसिंह डुंगरपुर राजकुमार ( प्रिंस) थे, और राजे रजवाड़ो में बमुश्किल बाहर शादियां होती हैं। इसी कारण से वो दोनों आजीवन अविवाहित रहे। पुरा भारत लताजी को दीदी बुलाता है पर हमारे अंचल में आज भी भाभी ही कहते है।,,, ये होता है प्यार, त्याग।,,, और एक तरफ़ सैयद मोदी और अमिता का किस्सा।
जो प्राप्त है वह पर्याप्त है, ये भावना अब खत्म हो गयी है। जाने क्या खोजता रहता है इंसान एक के बाद दूसरे में, दूसरे के बाद तीसरे मे। बाकी प्यार में धोख़ा इसी लिए ठोका वाला कांसेप्ट है।
प्रणाम सर जी (मेरी इस पोस्ट पर निगेटिव कमेंट आएंगे लेकिन जो मुझे महसूस हो रहा है वह लिख रहा हूं) मेरा मानना है कि भारतीय संस्कृति में आम तौर पर लडके प्रेम संबंधों में ज्यादा समर्पित होते हैं, वहीं लड़कियां मौकापरस्त होती हैं। और अपने खर्चे उठाने के लिए लडको से दोस्ती गांठ लेती है। शायद इसका कारण अपनी सामाजिक व्यवस्था भी हैं, जहां लड़कियों के पास आय के साधन सीमित होते हैं। लेकिन जब कोई हद से ज्यादा प्यार करने वाला मिल जाता हैं, तो ऐसे लडकों से पीछा छुड़ाना बहुत मुश्किल होता हैं और सविता जैसा अंत होता हैं। मेरी सहानुभूति दीपक और सविता दोनों के साथ हैं।
Sir Sorry lekin aapke time ka STF aur aaj ke STF hai chappal pahan ke acuse ko pichha karta hai aur encounter kar deta hai kya aapke time me encounter hota tha ya ab STF ka use politics ke liye bhi hone laga hai
Namaste sir, ladki practical thi ,dhoka khane k baad kitni mansik peeda hoti hai ye to wo hi janta hai ,lekin kisi ki jaan le Lena bhi acchi baat nahi aapke liye bhi bahut saare options hai
मुझे पता है दीपक को बहुत दुख हुआ होगा लेकिन उसने हत्या की जो गलती की उसका मुझे एक कारण यह दिखता है कि उसे पैसा सही से खर्च करना नहीं आता था क्योंकि वो शायद खुद से कमाये पैसे या ईमानदारी से कमाये पैसे नहीं खर्च करता था । दूसरा कारण यह कि कोई किसी का गुलाम नहीं कोई भी हमें कभी भी छोड़कर जा सकता है पत्नी भी कोई भी लेकिन हमें अकेले जीवन जीना भी सीखना चाहिए और यह काम इतना आसान नहीं है। इसमें समय लगता है और बहुत दिक्कत भी होती है। वैसे हम अकेले नहीं होते कभी कुत्तों जैसे जानवर और पक्षी या पेड पौधे कोई न कोई जीव हमारे साथ देने के लिए हमेशा होते हैं । अगर पैसे हैं तो वेश्याएं भी हैं साथ देने के लिए... अब इससे ज्यादा क्या चाहिए किसी को .... सबको चैन से जीने देना चाहिए किसी को गुलाम बनाने की कोशिश या परेशान करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम भी आजाद और खुश रहना चाहते हैं ।
Sir aap kahani kehne se pehle use 2-3 baar padh le, ya practice kar le...aap achaa se nhi suna paate hai.. Vakta hone ke liye practice jaruri hai.. Taaki fluency aaa sake. Baaki aapka apna vichar
मुझे पता है दीपक को बहुत दुख हुआ होगा लेकिन उसने हत्या की जो गलती की उसका मुझे एक कारण यह दिखता है कि उसे पैसा सही से खर्च करना नहीं आता था क्योंकि वो शायद खुद से कमाये पैसे या ईमानदारी से कमाये पैसे नहीं खर्च करता था । दूसरा कारण यह कि कोई किसी का गुलाम नहीं कोई भी हमें कभी भी छोड़कर जा सकता है पत्नी भी कोई भी लेकिन हमें अकेले जीवन जीना भी सीखना चाहिए और यह काम इतना आसान नहीं है। इसमें समय लगता है और बहुत दिक्कत भी होती है। वैसे हम अकेले नहीं होते कभी कुत्तों जैसे जानवर और पक्षी या पेड पौधे कोई न कोई जीव हमारे साथ देने के लिए हमेशा होते हैं । अगर पैसे हैं तो वेश्याएं भी हैं साथ देने के लिए... अब इससे ज्यादा क्या चाहिए किसी को .... सबको चैन से जीने देना चाहिए किसी को गुलाम बनाने की कोशिश या परेशान करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम भी आजाद और खुश रहना चाहते हैं । कोई कुत्ता एक रोटी या दो रोटी के लिए भूखा हो सकता है लेकिन किसी के पैसे का नहीं या किसी दोस्त की जान का दुश्मन नहीं हो सकता और फैशन के लिए कपड़े भी नहीं चाहिए उसको नंगा भी घूम लेगा बिना ब्रश किए और नहाए 😂😂😂😂😂😂😅😅😅😅😅😅😅😅😅