कूष्माण्डा माता का महा मंत्र सुने से घर में दुःख दूर हो जाता है || Aadi Sakti Mata || Kushmanda Mata
अपनी मंद, हल्की हँसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्माण्डा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी माँ कूष्माण्डा कहलाती हैं।
इसलिए ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी जानी जाती हैं। संस्कृत भाषा में कूष्माण्ड कुम्हड़े को कहते हैं। इन्हें कुम्हड़ा विशेष रूप से प्रिय है। कूष्मांडा देवी को आदिशक्ति मां का अवतार माना गया है
Navratri 4th Day 2023, Maa Kushmanda: नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। आज के दिन मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना करने से माता रानी की कृपा प्राप्त होती है। Shardiya Navratri 4th Day 2023: शारदीय नवरात्र की चतुर्थी तिथि पर देवी के कूष्मांडा स्वरूप के दर्शन-पूजन का विधान है।
माना जाता है कि सृष्टि की उत्पत्ति से पूर्व जब चारों ओर अंधकार था और कोई भी जीव जंतु नहीं था तो मां दुर्गा ने इस अंड यानी ब्रह्मांड की रचना की थी। इसी कारण उन्हें कूष्मांडा कहा जाता है। सृष्टि की उत्पत्ति करने के कारण इन्हें आदिशक्ति नाम से भी अभिहित किया जाता है।
मां कुष्मांडा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। मां कुष्मांडा अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली हैं। यदि मनुष्य सच्चे हृदय से इनका शरणागत बन जाए तो फिर उसे अत्यन्त सुगमता से परम पद की प्राप्ति हो सकती है।
नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा देवी की पूजा अर्चना करने के लिए सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके पीले वस्त्र पहनें. पूजा के दौरान देवी मां को पीला चंदन, कुमकुम, मौली और अक्षत चढ़ाएं और एक पान के पत्ते को ओम बृं बृहस्पतये नमः मंत्र बोलते हुए माता को चढ़ाएं
नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा होती है। मां कुष्मांडा अष्टभुजाओं वाली देवी कहलाती हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने वाले साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भक्तों को सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मां कुष्मांडा को लेकर ऐसी मान्यता है पढ़ने वाले छात्र यदि कुष्मांडा देवी की पूजा करें तो उनके बुद्धि विवेक में वृद्धि होती है। दुर्गा माता के चौथे रूप में मां कुष्मांडा भक्तों को रोग, शोक, विनाश से मुक्त करके आयु, यश, बल और बुद्धि प्रदान करती हैं। आइए आपको बताते हैं नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजाविधि, मंत्र, भोग और अन्य काम की बातें।
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LIVE चौथा नवरात्र संध्या भजन : आज शाम माँ कुष्मांडा की यह कथा सुनने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है
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30 сен 2024