आदिकाल से ही परम पवित्र है बिरजा क्षेत्र, यों ही नहीं बना कल्कि का जन्मस्थल
ओडिशा के जाजपुर में स्थित बिरजा शक्तिपीठ और बिरजा क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध उसके चहुंओर का क्षेत्र आदिकाल से ही अत्यंत पवित्र माना जाता रहा है। सृष्टि के सृजनकर्ता स्वयं ब्रह्मा ने यहां एक यज्ञ कर इस स्थान की महत्ता प्रकाशित की और उस यज्ञ से आविर्भूत मां बिरजा स्वरूप योगमाया को यहां स्थापित किया। उसी स्थल पर उन्होंने एक ही पत्थर से बने एक विशालकाय स्तंभ (शुभस्तंभ) की भी स्थापना की जो वर्तमान में भूतल से 40 फीट ऊंचा है पर उसकी गहराई का पता कोई भी नहीं लगा सका है। स्वयं महाप्रभु के अवतार कपिल मुनि ने इसे सभी क्षेत्रों में 'प्रथम क्षेत्र' की संज्ञा दी। ओडिशा के सोमवंशी राजा जजाति (ययाति) केसरी ने यहीं अपनी राजधानी स्थापित की और अश्वमेध यज्ञ कराने के लिए कन्नौज से 10,000 ब्राह्मणों को लाकर यहां बसाया जिनकी बस्ती 'संबल' कहलायी। 'मालिका' ने बार-बार यह स्पष्ट घोषणा की कि कलियुग-अंत में इसी 'संबल' के एक श्रेष्ठ ब्राह्मण के घर महाप्रभु कल्कि का जन्म होगा।
8 окт 2024