राग् ललित्। कोई पास आया सवेरे सवेरेमुझे आज़माया सवेरे सवेरेमेरी दास्तां को ज़रा सा बदल करमुझे ही सुनाया सवेरे सवेरेजो कहता था कल तक संभलना संभलनावही लड़खड़ाया सवेरे सवेरेकटी रात सारी मेरी मयकदे मेंख़ुदा याद आया सवेरे सवेरे
23 авг 2018