महाराजा कमल चंद भांजदेव जी को नमन। बहुत ही सुन्दर जानकारी दी है आप ने। कोहिनूर हीरा। जिसकी चर्चा हम फिल्मों में देखे थे अब पता चला कि वह हमारा है ❤❤ धन्यवाद् आप को
बहुत ही रोचक जानकारी तिवारी जी अदभुत शुन के ही मन गदगद हो गया राजा साहब के द्वारा जानकारी मीली हमारे भारत के सम्पती को वापन लाना है जय माया मावली दंतेश्वरी आया जय बस्तर चो माटी माय
It was really informative ....thanks baster talkies ❣️ Yes the Kohinoor belongs to the. ......Kakatiya dynasty !!! They are the real owner of Kohinoor ......... warangal fort belongs to the Kakatiya dynasty ✨.................
विकास जी ,हसदेव की कटाई फिर चालू हो गई है,,इस बार तो शासन प्रशासन दोनो मिलकर कटाई को अंजाम दे रही है। अब कोई भी शासन या प्रशासन से लोगो का विश्वास नहीं रहा।
सर जी हमें सर जी हमें पीएससी में पढ़ाया जाता है कि यह जो कोहिनूर का हीरा है इसे वारंगल के राजा ने दिल्ली सल्तनत के राजा अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति मलिक काफूर को आक्रमण के समय भेंट स्वरूप दिया गया
मेरा माना है की टुरिस् लोगों को नक्सली कभी नुकसा नहीं पहुँचते हैं पर कई लोग को लगता है बस्तर घुमने जाने से कुछ दुर्घटना हो शक्ति है बहुत सारे लोगो इस प्रकार का सोच रखते है तो आप उनका इस एक विडियो बनाए आप क्या सोचते इस प्रकार अफवाहों से
Netam ji jai budhadev,yeh bastar raj pariwar (kaktiya wansh) kya gond hain ?aapne baat bulkul sahi kahi ki warangal fort me gaj sodum hai.lekin yeh log to apne aap ko gond hi nahi mante.aur to aur gaj sodum to odisa aur dakshin bharat me har aitihasik jagh pr mila hai.
Phele baat ye pura area paramar vansho ka tha jise aplogo ko bhut saal phele diya gaya tha kaktiya vansh ko 1400 phele se bastar aap akaram ke baad aye hai
Dada jis tarah aap bastar ki khubsurti ko ko hamse saja karte h man hota h ham bhi bastar aay aor bastar ki khubsurti ko dekhe Aor abse mahatvpurn bat bastar aake aapse milna ham asha karte h aap bhihame nirash ni karenge Seva johar sir ji 🙏🙏🙏🙏
सरकार ने आखिरकार अपने मतलब और फायदे के लिए फोर्स लगाकर पेड़ों की कटाई शुरू ही कर दी आदिवासियों से उनकी जल 🌲⛳जमीन छीन कर ये मत सोचों की हमारा क्या जा रहा पेड़ों की कटाई से बहुत जन जीवन अस्तव्यस्त हो जायेगा इसलिए उठो लड़ो और संघर्ष करो.. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 #Savehasdev
अन्नम देव वारंगल से युद्ध के डर से भाग कर बस्तर आया था। हकीकत ये है और ये काकतीय वस के नहीं हैं बल्कि चालुक्य वंश से हैं। इन्होंने बस्तर में आ कर अपने आप को काकतीय वस का बताया ये सच है । इतिहास ठीक से पढ़िए सब कुछ समझ में आ जायेगा। जबकि काकतीय राजा गोंड आदिवासी राजा था जिसका राज्य चिन्ह आज भी वारंगल में मौजूद हैं।