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क्या भारत अपनी आजादी के 100 साल बाद फिर से गुलाम हो जाएगा? 

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क्या भारत को आजादी के 100 साल बाद फिर से गुलाम बनाने की तैयारी चल रही है? 2047 तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी ताकत बनेगा या इस्लामिक राष्ट्र बनाने का सपना देखने वाले होंगे हावी? सवाल क्यों उठ रहा है इसे विस्तार से समझने के लिए देखिए ये रिपोर्ट
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6 сен 2024

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Комментарии : 10   
@RameshSingh-kb5lo
@RameshSingh-kb5lo Месяц назад
Bilkul sahi
@makardhwajabhuyan637
@makardhwajabhuyan637 Месяц назад
Sahi bat Netao ne samjhana chahia
@user-zh6wb6po7q
@user-zh6wb6po7q Месяц назад
"अखिल भारतीय राम राज्य परिषद" भारत की एक परम्परावादी हिन्दू पार्टी थी। इसकी स्थापना स्वामी करपात्री ने सन् 1948 में की थी। इस दल ने सन् 1952 के प्रथम लोकसभा चुनाव में 3 सीटें प्राप्त की थी। सन् 1952, 1957 एवम् 1962 के विधान सभा चुनावों में हिन्दी क्षेत्रों (मुख्यत: राजस्थान) में इस दल ने दर्जनों सीटें प्राप्त की थी। प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री,की 11 फरवरी हार्ड अटैक से नहीं जहर,से,हत्या हुई उनके निधन के बाद इंद्रा गांधी प्रधानमंत्री बनना बहुत मुश्किल था जब इंदिरा गांधी वादे से मुकर गयी..इंदिरा के लिये उस समय चुनाव जीतना बहुत कठिन था। करपात्री जी महाराज के आशीर्वाद से इंदिरा गांधी चुनाव जीती।इंदिरा ग़ांधी ने उनसे वादा किया था चुनाव जीतने के बाद गाय के सारे,हत्या गौ काशी खाने बंद हो जायेगें जो अंग्रेजो के समय से चल रहे हैं।इंदिरा गांधी मुसलमानों और कम्यूनिस्टों के दवाब में आकर अपने वादे से मुकर गयी थी। जवाहर लाल नेहरू कार्यकाल में कुछ हिंदू पार्टियों के द्वारा गौ काशी रुकबाने हेतु आवाज उठाई तो नेहरू जी नेभी बोला था कि इस तरह हम देश को नहीं चला सकते इन गौ काशी मुद्दों को हम संविधान में संशोधन करने की आज्ञा नहीं दे सकते**गौ हत्या निषेधआंदोलन.**और जब तत्कालीन प्रधानमंत्री ने संतों की इस मांग को ठुकरा दिया जिसमे सविधान में संशोधन करके देश में गौ वंश की हत्या पर पाबन्दी लगाने की मांग की गयी थी, तो संतों ने 7 नवम्बर 1966 को संसद भवन के सामने धरना शुरू किया हिन्दू पंचांग के अनुसार उस दिन विक्रमी संवत 2012 कार्तिक शुक्ल की अष्टमी थी,जिसे*गोपाष्टमी**” भी कहा जाता है।इस धरने में मुख्य संतों के नाम इस प्रकार हैं- शंकराचार्य निरंजन देव तीर्थ, स्वामी करपात्री महाराज और रामचन्द्र वीर।राम चन्द्र वीर तो आमरण अनशन पर बैठ गए थे, लेकिन इंदिरा गांधी ने उन निहत्ते हजारों ब्राम्हणों साधु संतो पूरे भारत से आए बौद्ध जैन सिख नागा साधु हिंदू महिलाओ बच्चो और संतों पर पुलिस के द्वारा गोली चलवा दी जिसमें लगभग बताई गई संख्या 5000,मौत10000 घायल जिंदा सभी लोगों को जेल में डाल दिया साधू मारे गए।इस ह्त्या कांड से क्षुब्ध होकर तत्कालीन गृहमंत्री ”गुलजारी लाल नंदा” ने अपना त्याग पत्र दे दिया, और सरकार को जिम्मेदार बताया।लेकिन संत*राम चन्द्र वीर*अनशन पर डटे रहे जो 166 दिनों के बाद उनकी मृत्यु के बाद ही समाप्त हुआ था। राम चन्द्र वीर के इस अद्वितीय और इतने लम्बे अनशन ने दुनिया के सभी रिकार्ड तोड़ दिए है। यह दुनिया की पहली ऐसी घटना थी जिसमे एक हिन्दू संत ने गौ माता की रक्षा के लिए 166 दिनों तक भूखे रह कर,अपना बलिदान दिया था*इंदिरा के वंश पर श्राप..लेकिन अखबार ने इंदिरा के डर से साधुओं पर गोली चलने और राम चंद्र वीर के बलिदान की खबर छापने की हिम्मत नहीं दिखायी, सिर्फ मासिक पत्रिका,आर्यावर्त,और,केसरी,ने इस खबर को छापा था। और कुछ दिन बाद गोरखपुर से छपने वाली मासिक पत्रिका “कल्याण” ने गौ अंक में एक विशेषांक प्रकाशित किया था, जिसमे विस्तार सहित यह घटना दी गयी थी।मीडिया वालों ने अपने मुहों पर ताले लगा लिए थे तो करपात्री जी ने उन मारे हुए साधु संतो और मुर्दों को उठाते हुए श्राप दिया था इंदिरा गांधी,यद्यपि तूने निर्दोष साधुओं की ओर निर्दोष सनातनी हिंदुओं पुरुष महिलाओं की हत्या करवाई है, फिर भी मुझे इसका दुःख नही है। लेकिन तूने गौ हत्यारों को गायों की हत्या करने की छूट देकर जो पाप किया है, वह क्षमा के योग्य नहीं है। इसलिये मैं आज तुझे श्राप देता हूँ कि,गोपाष्टमी” के दिन ही तेरे वंश का नाश होगा”,7नवंबर1966“आज मैं कहे देता हूँ कि गोपाष्टमी के दिन ही तेरे वंश का भी नाश होगा..!“ब्राम्हणों का श्राप मुख अग्नि होता है*कैसे श्राप सच हो गया.जब करपात्री जी ने यह श्राप दिया था वहाँ “प्रभुदत्त ब्रह्मचारी“ भी मौजूद थे। करपात्री जी ने जो भी कहा था वह आगे चल कर अक्षरशः सत्य हो गया। इंदिरा के वंश का गोपाष्टमी के दिन ही नाश हो गया। सुबूत के लिए इन मौतों की तिथियों पर ध्यान दीजिये...१. संजय गांधी की मौत आकाश में हुई, उस दिन हिन्दू पंचांग के अनुसार गोपाष्टमी थी।२. इंदिरा की मौत घर में हुई, उस दिन भी गोपाष्टमी थी। ३. राजीव गांधी मद्रास में मरे, उस दिन भी गोपाष्टमी ही थी।गोली चलने के दिन स्वामी करपात्री जी ने उपस्थित लोगों के सामने गरज कर कहा था कि..रामचरित मानस चौपाई,साधु अवज्ञा कर फलू ऐंसा, जराई नगर अनाथ कर जैसा,लोग,भूल जाएं,में इन कांग्रेसी गांधी परिवार के द्वारा साधु संतो गौ हत्या हिंदू सनातनियों की,हत्याओं को नहीं भूलूंगा ये ब्रह्मण काश्राप है
@kamalbhargava6303
@kamalbhargava6303 Месяц назад
Ye such he humco lagta hee hum free huye nahi
@kamalbhargava6303
@kamalbhargava6303 Месяц назад
Hamare neta hamare dushman he
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