इसे मिला और गलत सिद्ध कर क्या आप अनपढ़ हो या संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य मुझे लगता है आप लोग पढ़े लिखे नहीं हो 🌷🌷🌷👆👆👆👆👆👆 सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता। 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 अरे वह गलत अनुवाद क्या हुआ को ठीक करके बताते हैं संत रामपाल जी आपके जैसे घूमाते नहीं
@@BhaktiseBhagwanTak520Tum log ka brainwash Ho Gaya Man ganit Kitab padh ketum log ka brainwash Ho Gaya Man ganit Kitab padh Ke Apna brain Safa karao😅😅
@mrkomalmehra श्लोक संख्या के साथ पूरा अनुवाद करके भी बताते हैं संत रामपाल जी महाराज जी आप उसे मिला सकते हैं पढ़े लिखे हो तो क्यों नहीं समझते हो संत रामपाल जी जो गीता में है और जो वेद में है वही तो बताते हैं अपने से वह कुछ नहीं बताते और जो अनुवाद करता गलत किए रहते हैं उसे ठीक करके बताते हैं जो अनुवाद सही है उसे संत रामपाल जी महाराज उसे अनुवाद के बारे में कुछ करते भी नहीं है तो आप क्यों नहीं मान रहे हो सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3 - आप पढ़ लेना यह सही है कि गलत यह लोग तो वेद गीता को दिखाते भी नहीं है बस संस्कृत में बोल देंगे इसका अनुवाद बताते न कुछ बताते संस्कृत में बोलगे बस और अज्ञानी लोग ताली बजा देते
शिवांश त्रिवेदी जी कुछ लोग आपकी बहन के साथ रेप कर रहे होंगे जो की ईश्वर की मर्जी से हो रही है और आप 100m ki दूरी से देख रहे है तो आप अपनी बहन को बचाएंगे या नही?
शिवांश जी केवल अपनी बात बड़ी करते हैं किसी और का नहीं सुनते और दूसरे को पूर्ण रूप से अपनी बात को कहने का मौक़ा भी नहीं देते यह ज्ञान चर्चा है और डिवेट में दोनों पक्षों की बात को सुने बिना कोई निर्णय कैसे हो सकता है।
शिवांशजी आप लोगों के भ्रम दूर करने का जो प्रयास कर रहे है वंदनीय है, सनातन को आप जैसे सेवको की नितांत आवश्यकता है ताकि रामपाल जैसे पाखंडियों से बचे , भोले भले हिंदुओ को धर्मांतरण से बचाए आपको प्रणाम , साधुवाद🙏🙏🙏
वाह रहे शिवांश पाखंडी इसलिए दुनिया नास्तिक बन गई। जब पूजा पाठ और तप करके भी सुख न मिले तो लोग यही सोचेंगे न की भगवान नही है। वो भगवान कैसा जो हमारी दुखो का अंत नही कर सकते वो भगवान नही शैतान है।
Naya shastra name ka bhi chees hota hai... Uttar mimansha to sidha Vedas pe bhi ungli utahata hai. Pahele tu Gyan le fir aa. Logic se bhi Satya Tak kyse pouche wo Naya shastra pe sikhaya jata hai.
Ooo ram pal ke chele chapate kahan likha hai kabir das ishwar hai aur authentic vedas aur puran mein hain ki khud ke banaye huye vedas or shastra puran mein hai.😅😅😅
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, वहां जुलाहे ने पाया। मात पिता मेरे कछु नाही, न मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हासी।। पांच तत्वों का धड़ नहीं मेरा, जानुं ज्ञान अपारा। सत्य स्वरूपी नाम साहेब, सोई नाम हमारा।। अधर दीप गगन गुफा में, तहां निज वस्तु सारा। ज्योति स्वरूपी अलख निरंजन, वो भी धरता ध्यान हमारा।। हाड़, चाम, लहु नहीं मेरे, कोई जाने सत्य उपासी। तारन तरन अभय पद दाता, मैं हूं कबीर अविनाशी।। 😍😍🙏
मैं आप सभी को बताना चाहता हूं जो भाई यूट्यूब चला रहा है यह यह भाई बस केवल अपना यूट्यूब रिव्यू बढ़ा बढ़ा रहा है और दूसरे को बेवकूफ बना रहा है दूसरा कुछ नहीं है ना तो इसके पास प्रमाणिक कोई ज्ञान है और ना ही इस भाई के पास कोई अधिकतर सच्चाई है इस भाई के बातों को पारखो क्योंकि इस भाई को भी कबीर के बारे में ही नहीं पता है तो आगे क्याबात करें😂😂😂
खुद अलगराक बाते कर रहे है जब जवाब देना नही आया तो कॉल काट दी 😂 🤣🤣 मत पड़ो चकर मे कोई नहीं है टककर मे भाई सहाब संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों के सवालों के जवाब जन्मो जन्मत्रो मे नहीं दे पा आओगे 🙏
@@deadster1254 नकली ज्ञान चर्चा मे सवाल जवाब दोनों तरफ से होते है शिवांश से पूछना क्या उमाभारती ग्रंथ पढ़ा है इसने जिसमे आदिसंकराचार्य जी ने भारती जी के साथ कामशास्त्र पर ज्ञान चर्चा की थी तब आदि संकराचार्य जी ने कैसे उन्हें हराया था जबकि वो तो बाल ब्रह्मचारी थे 🤣😂
@@deadster1254 अपनी आत्मा को किसी अन्य के शरीर पे डाल कर 6 मंथ तक अन्य की स्त्री के साथ काम क्रिया करके बच्चे पैदा करके फिर उमा भारती जी को कामशास्त्र मे हराया था आदिसंकराचार्य जी ने अब विचार करो ज्ञानियों आदि संस्कारचार्य जी बाल ब्रह्मचारी कैसे रहे जरूर पूछना अपने इस अज्ञानी शिवांश से इस बारे मे 🙏🤣😂
इसे मिला और गलत सिद्ध कर क्या आप अनपढ़ हो या संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य मुझे लगता है आप लोग पढ़े लिखे नहीं हो 🌷🌷🌷👆👆👆👆👆👆 सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
@@BhaktiseBhagwanTak520 bhai ak bat bolu tum log khte ho ki kabir ji sh sarir gye the to sh sarir to lok dewta Devnarayan ji bhi jate h or ha vo bhi pahad ko fadkar kamal pushp me awtar lete h jai shree ram 🙏 jai shree mhakal 🙏 jai shree sanatan dharm 🚩🕉🙏
रामपाल जी के ज्ञान के आगे चारो शंकराचार्य जी पहले हार मान चुके फिर ये क्या साबित करना चाहते हैं अगर रामपाल जी का ज्ञान गलत है तो शंकराचार्य श्रद्धा चैनल पर आकार ज्ञान चर्चा कर सकतेहै अगर शंकराचार्य जी ज्ञान मैं रामपाल जी को निउतर कर देते हैं तो रामपाल जी उनकी सरण ले लेंगे अगर शंकराचार्य निउतार हो गए तो रामपाल जी की सरण करेंगे तो फिर आ जाएं श्रद्धा चैनल पर
भाई पहले ये जान लो की तत्वदर्शी किसे कहा जाता है....... रामपाल ग्रंथ को पड के बताता है...... उसको कूछ भी समाधी का ज्ञान नहीं है..... जीसने समाधी प्राप्त कर ली ऊसको सब चीजो का ज्ञान हो जाता है...... लोक लोकांतर पुरे ब्रह्मांड का ज्ञान उसे प्राप्त होता है...... वह ईश्वर से एकाकर हो जाता है......बिना ग्रंथो को पढे सब शास्त्र, वेद और उपनिषद का ज्ञान प्राप्त होता है....... उसको ही तत्वदर्षी संत कहते है........
@@Adhyatmvigyan03 भाई साहब आप अपने ग्रंथो को सही से पड़ा नही है इसलिए आपको पता ही नही है की तत्व दर्शी सन्त की पहचान क्या है गीता 15के श्लोक 1से 4में पड़ लेना तत्वदर्शी संत किसे कहते हैं
@@Adhyatmvigyan03 🤣🤣😂😂 अरे मुर्ख वो तुम जैसे अन्धो के लिए ग्रंथ खोल कर दिखाते है की देखो इनमे लिखा है क्या है ओर हल्दीराम एंटीनाधारी तुम्हे बताते क्या है
रामपाल ने चेलों से कह रखा है कि सभी वेद,पुराणों का सार स्वयं उसकी वाणी,पुस्तकों में है। रामपाल के चेले कहते हैं कि गुरु के बिना धर्म ग्रंथ समझ नहीं आते । चेलों को आदेश है कि कोई धर्म ग्रंथ न पढ़े,सब रामपाल का घटिया साहित्य पढ़े। इसलिए चेलों के ज्ञान का स्तर साफ दिखता है। चेले सत्य से कोसों दूर है। जय श्री सीताराम 🚩
@@Adhyatmvigyan03 श्रीमद्देवी भागवत पुरान चतुर्थ स्कंद अध्याय 18 विष्णु बोले- इस विषयमें मैं (विष्णु), ब्रह्मा. शंकर, इन्द्र, अग्नि, यम, त्वष्टा, सूर्य और वरुण- कोई भी स्वतन्त्र नहीं है। यह सम्पूर्ण चराचर जगत् योगमायाके अधीन रहता है। ब्रह्मासे लेकर तृणपर्यन्त सब कुछ [सात्त्विक, राजस, तामस] गुणोंके सूत्रोंद्वारा उन्हींमें गुंथा हुआ है ॥ ३३-३४॥
बालकाण्ड चौपाई-143,03 नेति नेति जेहि वेद निरूपा। निजानन्द निरूपधि अनूपा॥ संभु बिरंचि विष्णु भगवान। उपजहिं जसु अनसा ते नाना॥ भावार्थ:-जिन्हें वेद 'नेति-नेति' (यह भी नहीं, यह भी नहीं) कहकर निरूपण करते हैं। जो आनंदस्वरूप, उपाधिरहित और अनुपम हैं एवं जिनके अंश से अनेक शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान प्रकट होते हैं।।
@@sapnabhatia8888 राम जी विष्णु अवतार थे ओर देविभागवत पुराण मे साफ साफ लिखा है ब्रह्मा विष्णु महेश का जन्म ओर मरण होता है तो ज्ञानी जी जरा विचार करे राम जी सुप्रीम कैसे हुवे विष्णु खुद जन्ममरन मे है फिर विष्णु का अवतार राम कैसे सुप्रीम हुवा विचार कर जरा भाई 🙏
@@sapnabhatia8888 👉श्रीमद्भदेवी भागवत पुराण चतुर्थ स्कंद अध्याय 18 👉विष्णु बोले- इस विषयमें मैं (विष्णु), ब्रह्मा. शंकर, इन्द्र, अग्नि, यम, त्वष्टा, सूर्य और वरुण- कोई भी स्वतन्त्र नहीं है। यह सम्पूर्ण चराचर जगत् योगमायाके अधीन रहता है। ब्रह्मासे लेकर तृणपर्यन्त सब कुछ [सात्त्विक, राजस, तामस] गुणोंके सूत्रोंद्वारा उन्हींमें गुंथा हुआ है ॥ ३३-३४॥
@@hindikhaniyoफिर वही पुरानी बकबक ब्रम्हा,विष्णु महेश प्रकट होते हैं जन्म नहीं लेते देवी ने आगे स्पष्ट किया है देवी भागवत में की आप तीनों मुझसे प्रदुर्भूत(प्रकट)हुए हैं ।प्रकट होने और जन्म लेने में आपको फर्क नहीं दिखता?😅😅
@@ShyamSada-lo7coऔर अपलोगों को खाली एक देवी भगवत ही दिखा था क्या ?गणेशपुराण,विष्णुपुराण,शिवपुराण, भागवतपुराण और सूर्य पुराण आदि नहीं दिखते?अगर देवी पुराण मानते हो तो बाकी सब पुराणों को भी मानो वर्ण मत मानो।
Lokesh bhai agyani zarur the lekin unke irade galat nahi the, aap thoda respectful hoke, unko gyan de dete to wo gyan leke wapas jate, ye to empty hi chale gaye. Ab unko nahi pata hai ki ved kya hote hai, ya apne asli dharm hindu dharm ke bareme, kuchh nahi pata to nahi pata. Aap ko unko bhi bolne dena chahiye tha aur unke bhram dur karne chaiye the, unko thoda gyan dena chahiye tha, chahe wo apko basic hi kyu na lage, wo emptry slate the. Bahot kam aeisa hota hai ki agyani itna respectful aur innocent ho, agar aap ki jagah Zakir naik hota to aeise respectful innocent agyanio ko apne dharm me convert kar deta.
कबीर, करनी तज कथनी कथै, अज्ञानी दिन रात। कुकर जो भोकत फिरै, सुनी सुनाई बात ।। कबीर, नौ मन सुत उलझया, ऋषि रहे झक मारा । सतगुरु ऐसा सुलझा दे , उलझे ना दुजि बार।।
अज्ञानी शिवांश जो दुख आनेवाला है वो आके ही रहेगा तो भक्ती कोई ना करे फीर क्या जरुरत है भक्ती की फिर कोण आयेगा तुम्हारे पास आज्ञानी गुरु के आज्ञानी चेले
@@baburamyadavbhagatbhagat8100 हरामपालियो की बुद्धी रामपाल ने चाट ली है, खा चाट कर ङकार मार के जेल मे पङा है अब। इन मूर्ख हरामपालियो से बहस करने का कोई लाभ नही क्योकि हरामपाल के कुसंग और दुर्वचन सुन सुन कर इन महान मूर्खो का दिमाग इनकी खोपङी से out हो चुका है । इनकी बुद्धी अब रामपाल की :@# मे कैद है। और हरामपाल जेल मे बंद है
शिवांश भाई आपको क्यो समझ नही आता की जब आप ज्ञान मे उलझ जाते हो गाड़ी पटरी पर चल रही होती है तो आप उस गाड़ी को पटरी से उतार देते हो किसी को बोलने ही नही देते बस एक ही जुमला पकड़ रखा है वेद्दो मे प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है ओये😅😅😅😅😅 भाई वेद भी अन्त मे कह रहे हैं नेति----- नेति---- नेति----- खोज कभी सम्पूर्ण नही होती आपने अपने पीछे जो बैल गाड़ी भरकर ग्रन्थों का ढेर लगा रखा है उन्हे खोलकर भी जनता को दिखाओ भाई प्लीज😅😅😅😅😅😅😅😅😅🙏🏻🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🏻
@@acharyariturajjisharma7135 श्रीमद्देवी भागवत पुरान चतुर्थ स्कंद अध्याय 18 विष्णु बोले- इस विषयमें मैं (विष्णु), ब्रह्मा. शंकर, इन्द्र, अग्नि, यम, त्वष्टा, सूर्य और वरुण- कोई भी स्वतन्त्र नहीं है। यह सम्पूर्ण चराचर जगत् योगमायाके अधीन रहता है। ब्रह्मासे लेकर तृणपर्यन्त सब कुछ [सात्त्विक, राजस, तामस] गुणोंके सूत्रोंद्वारा उन्हींमें गुंथा हुआ है ॥ ३३-३४॥
जो वेद को नहीं मानता वो नास्तिक है... क्या रामपाल के पास खुद की त्रिगुणमयी महामाया है, खुद का ब्रह्मांड है जिस के वो कर्ता है, लोगोंके पापपुण्य के कर्मोके फल देते है
पहले संस्कृत का अध्ययन करो फिर कविर्देवो का अर्थ समझ सकोगे। ये शब्द दो अलग अलग शब्दों को मिला कर बना है। एक शब्द है कवि दूसरा है देवो। कवि के बाद विसर्ग है जो देवो से संधि होने पर विसर्ग का लोप हो जाता है। और उसके स्थान पर र रह जाता है और तब कविर्देवों हो जाता है। इसलिए इस शब्द में कबीर नही हो सकता। कबीर शब्द अरबी भाषा का है । अल्लाह का एक नाम अल कबीर है। वेद संस्कृत में है। कबीर संस्कृत का शब्द नहीं है। इसलिए स्पष्ट है कि वेद में कबीर शब्द नहीं है।
@@rajendrapandey3598 शिवांश का झूठ तो यही पकड़ा गया ज़ब उसने ऋग्वेद मंडल 2 सूक्त 23 मंत्र 1 की सिर्फ संस्कृत बोली उसका अनुवाद नहीं दिखाया आओ हम अपक्क दिखाते है उसका अनुवाद ओर बताना कही लिखा है उसमे गुणेश जी का नाम 🤣 ग॒णाना॑म्। त्वा॒। ग॒णऽप॑तिम्। ह॒वा॒म॒हे॒। क॒विम्। क॒वी॒नाम्। उ॒प॒मश्र॑वःऽतमम्। ज्ये॒ष्ठ॒ऽराज॑म्। ब्रह्म॑णाम्। ब्र॒ह्म॒णः॒। प॒ते॒। आ। नः॒। शृ॒ण्वन्। ऊ॒तिऽभिः॑। सी॒द॒। साद॑नम्॥ -हे (ब्रह्मणाम्) बड़े-बड़े धनों में (ब्रह्मणस्पते) धन के स्वामी हम लोग (गणानाम्) गणनीय मुख्य पदार्थों में (गणपतिम्) मुख्य पदार्थों के स्वामी (कवीनाम्) उत्तमबुद्धिवालों में (कविम्) सर्वज्ञ और (उपमश्रवस्तमम्) उपमा जिससे दी जाती ऐसे अत्यन्त श्रवणरूप (ज्येष्ठराजम्) ज्येष्ठ अर्थात् अत्यन्त प्रशंसित पदार्थों में प्रकाशमान (त्वा) आप परमेश्वर को (आ,हवामहे) अच्छे प्रकार स्वीकार करते हैं आप (ऊतिभिः) रक्षाओं से (शृण्वन्) सुनते हुए (नः) हम लोगों के (सादनम्) उस स्थान को कि जिसमें स्थिर होते हैं (सीद) स्थिर हूजिये ॥१॥ Connotation: -हे मनुष्यो ! जैसे हम लोग सबके अधिपति सर्वज्ञ सर्वराज अन्तर्यामी परमेश्वर की उपासना करते हैं, वैसे तुम भी उपासना करो ॥१॥
कबीर ने रामानंद जी को उन्होंने गुरु बनाया, भगवान राम का भजनलिखा, इन लोगों ने भगवान परमात्मा बनादिया, एक एक किलोमीटर पर इनका भगवान परमात्मा जन्मले लेता है😅 फिर थोड़ी देर बाद रामपाल को यह बना देंगेभगवान😂
रामपाल के चेले सब जगह अपना परचम लहराना चाहते हैं पर, सठ ये क्यों भूल जाते हैं कि जिसको तुम जो ज्ञान पेल रहे हो वो किसी अशिक्षित और धर्म ग्रंथों के ज्ञान से अनभिज्ञ व्यक्ति नहीं है। रामपाल के चेले,अनपढ़ों को प्रमाण दिखाते हैं जिन्होंने कभी धर्म ग्रंथ नहीं पढ़े। जिन्होंने धर्म ग्रंथों का स्वाध्याय कर रखा है वो तुम्हारे प्रमाणों को कैसे मानलें। राम नाम सत्य है 🚩
@@mrkomalmehra इसे मिला और गलत सिद्ध कर क्या आप अनपढ़ हो या संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य मुझे लगता है आप लोग पढ़े लिखे नहीं हो 🌷🌷🌷👆👆👆👆👆👆 सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
@@BhaktiseBhagwanTak520 गीता जी सिर्फ आप लोगों ने ही पढ़ रखा है लगता है .. आपको लगता है हम गीता जी से अनभिज्ञ हैं जो श्लोक संख्या देकर अपने को पंडित सिद्ध करते हो। तुम गीता जी को उतना ही जानते हो जितना रामपाल ने बताया है।
@@mrkomalmehra श्लोक संख्या के साथ पूरा अनुवाद करके भी बताते हैं संत रामपाल जी महाराज जी आप उसे मिला सकते हैं पढ़े लिखे हो तो क्यों नहीं समझते हो संत रामपाल जी जो गीता में है और जो वेद में है वही तो बताते हैं अपने से वह कुछ नहीं बताते और जो अनुवाद करता गलत किए रहते हैं उसे ठीक करके बताते हैं जो अनुवाद सही है उसे संत रामपाल जी महाराज उसे अनुवाद के बारे में कुछ करते भी नहीं है तो आप क्यों नहीं मान रहे हो सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3 - आप पढ़ लेना यह सही है कि गलत यह लोग तो वेद गीता को दिखाते भी नहीं है बस संस्कृत में बोल देंगे इसका अनुवाद बताते न कुछ बताते संस्कृत में बोलगे बस और अज्ञानी लोग ताली बजा देते हैं
@@SandeepKumar-yg6ej"नीलशृगालः " कहानी पढी है कभी ? पढना और सही अर्थ करना आता हो तो पढ लेना। आज रामपाल वही सियार है और तुम लोग उसके चेले मूर्ख बनकर उसकी गुलामी कर रहे हो।
शंकराचार्य का चेला परमात्मा के बारे में पूछे जाने पर आत्मा के बारे में बता रहा है आप खुद ही विचार करो इसे कितना ज्ञान है पूछा कुछ जा रहा है और बत😅कुछ रहा है
बहुत बहुत बधाई हो शिवांशु भाई अपने रामपाल के चेलों की मिट्टीप्लीत कर रखी शंकराचार्य के चेहरों के सामने रामपाल क्या है बुद्धिस्ट को कोई प्लान करना पड़ा था
जय श्रीराम! हर हर महादेव! बहुत बढ़िया वीडियो शिवांशु भाई! बहुत धैर्य के साथ आप को लोगों को सुनना पड़ता है। कुछ विचार आयें यह वीडियो देखकर । १) "मेरा जूता है जापानी, यह पतलून इंग्लिस्तानी, सर पे लाल टोपी रुसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी" वाली स्थिति लग रही है। "मैं संस्कृत श्लोक कहीं से लेता हूँ, भाषांतर या भाष्य किसी और से, भगवान या भक्त किसी को मानता हूँ लेकिन भक्ति किसी और की करता हूँ।" एक समय कौरव भी अपने समूह के साथ commited थे। आजकल व्यक्ति कभी कौरव, कभी पांडव, कभी यह, कभी वह। Non-commital है। अपनी मनमानी को जो suit करे उसको select करते हैं उसमें भी change आता है। २) लोकेश और दिनेश दास जी के लिए उत्तर - गरम सलियाँ से शरीर को दुःख का अनुभव होता है। उस अनुभव को अंतःकरण (मन बुद्धि चित्त अहंकार) जान रहा है। तात्पर्य दर्द शरीर और अंतःकरण की सीमा में है, वह भी पूरी तरह नहीं। क्यूंकि गाढ़ी नींद में यह अनुभूतियाँ नहीं होती। आत्मा को दर्द होने का प्रश्न ही नहीं है श्रीमद भगवद गीता के आधार पर। वेद मंत्रो के आधार पर। महादेव
@@skcbrahmart6172 रावण को चेतावनी दी गयी थी कईं बार; हनुमान जी द्वारा (जो स्वयं रूद्र के अंश हैं), अंगद जी द्वारा और विभीषण जी द्वारा। कदाचित और भी हो सकती हैं। रावण नहीं माना। महादेव 🙏
भाई वेदों को संत रामपाल महाराज जी मानते हैं ए भाई संत रामपाल जी महाराज का सत्संग अच्छा से नहीं सुना होगा कभी नहीं कहते कि हम वेदों को नहीं मानते संत रामपाल जी महाराज जी वेदों को मानते हैं कबीर परमेश्वर जी सर्वशक्तिमान है उस भाई को ज्ञान नहीं है इस कारण वह यह कह रहा है कह रहा है यह भाई संत रामपाल जी महाराज का सत्संग अच्छे से नहीं सुनता अच्छे से सुनो संत रामपाल जी हर सत्संग में बताते हैं कि कबीर परमेश्वर सर्वशक्तिमान है सर्वशक्तिमान है यह वेदों में भी प्रमाण है
जय श्रीराम! हर हर महादेव! इस वीडियो में शिवांश भैय्या ने कहा की कोई महादेव की भक्ति के नाम पर नारायण को नीचा दिखाए तो उसका भी प्रतिकार होगा। उसी सन्दर्भ में मैंने अपना मत नीचे लिखा है। "अगर कोई भी भगवान हरी नारायण का, उनके किसी भी वेदादि-शास्त्रसम्मत अवतार का, उनकी लीलाओं का या उनके भक्तों का अनादर करे, या नारायण को परब्रम्ह परमात्मा न जाने, हरी-हर और वैसे ही दुर्गा, गणेश और ब्रम्हदेव/सूर्य इनमें भेदबुद्धि रखे, तो उनके ऐसे मत या वर्तन का पूरा विरोध मैं करता हूँ। चाहे ऐसा व्यक्ति अपने आप को शैव कहे या कुछ और। भगवान शंकराचार्य जी ने शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य और सौर पंथों को एकत्रित किया था। ताकि वैदिक सनातन हिंदू संस्कृति बनी रहे। शंकराचार्य का खंडन वेदादि शास्त्रों का खंडन है। मैं एक (स्मार्त) शैव हूँ।"
@@omkarparadkar श्री मद्देविभगवत पुराण पढ़ उसमे लिखा है ये जननी जो मनुष्य माया के गुणों से प्रभावित हो कर ब्रह्म विष्णु महेश सूर्य पवन गणेश आदि की स्तुति करते है वे अज्ञानी ही है इसलिए कहते है सुने से अच्छा है शास्त्रों मे देखा भी करो भाई श्रीमद्देविभागवत पुराण पृष्ठ 11 पर लिखा है 🤣😂
अरे भाई, तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्यों ने को भी किसी के विरोध में बात नहीं कि बल्कि पवित्र सद् ग्रंथों से प्रमाणित कर ज्ञान बताया है जो तुम लोगों को किसी ने आज़ तक पवित्र शास्त्रों को पढ़ने का ढंग हि नहीं सिखाया। अगर आपको लगता है तो खुद ब्रह्मा विष्णु महेश जी स्विकार कर रहे हैं कि उनकी जन्म मृत्यु होती है पवित्र देवी पुराण में पृष्ठ 5 अध्याय 123 पर। खुद आपके ब्रह्मा विष्णु महेश जी हि कह रहे हैं कि वो अविनाशी परमात्मा नहीं हैं तो फ़िर तुम तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्यों पय क्यों चिल्ला रहे हो। जिन्होंने सिर्फ सत्य को तुम्हारे हि ग्रंथों से प्रमाणित कर कर दिखाया है। अपने आप से तो लीखा नहीं है पवित्र सद् ग्रंथों का ज्ञान। जो तुम्हें बेवकूफ बनायेंगे। तुम्हारे हि ग्रंथों से तुम्हें सत्य दिखाया है कि ब्रह्मा विष्णु महेश जी खुद अपनी जन्म मृत्यु स्विकार कर रहे हैं। फिर भी तुम तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्यों को ग़लत समझ रहे हो। पागल तो नहीं हो गये हो।😂😂😂
@@omkarparadkar विरोध तो खुद तुम लोग कर रहे हो सनातन धर्म के पवित्र सद् ग्रंथों कि बातों को नहीं मानकर। पवित्र देवी पुराण में खुद ब्रह्मा विष्णु महेश जी ने खुद के मुखारविंद से कहा है कि उनका जन्म मृत्यु होता है वह अविनाशी नहीं हैं। देवी पुराण में पृष्ठ 5 अध्याय 123 पर जाकर देखो। और तुम लोग ब्रह्मा विष्णु शिव जी के वचनों को हि नहीं मान रहे। तो आप लोग खुद मनमाना आचरण करते हुए ब्रह्मा विष्णु शिव जी के वचनों का उलंघन कर रहे हो। अपने आप को पहले अध्यात्मिक मार्ग में तोलकर देखो तब समझ में आएगा तुम लोगों को कि तुम लोगों को क्या समझा रहे हो। नाशवान प्रभूओं कि मनमानी साधनाएं कर और करवा रहे हो जो भविष्य में आगे चलकर पतन का कारण बनेगी। पवित्र भगवद्गीता जी में लीखा है कि है अर्जुन जो शास्त्रों के विरुद्ध साधना कर और करवाता है पवित्र सद् ग्रंथों कि नहीं मानता उसका पतन निश्चित है। इसलिए भाई जी आप नादानों को अब किस तरफ समझाएं कि ब्रह्मा विष्णु महेश जी खुद नाशवान प्रभू हैं वो पुर्ण मोक्ष प्राप्ति नहीं दे सकते खुद तो जन्म मृत्यु के चक्र में फंसे हैं आपको क्या निकालेंगे।
भईया राधे राधे क्या भगवन sankrachry ko sastratr me sadand ji maharaj ne haraya tha kya muje aapse puchna tha please reply ❤❤❤ jay राधे जय श्री करपात्री महाराज जय श्री sankrachry जी
@@rajendra76-n3x difference kaise ho gaya jail toh wahi hai yehi main keh raha hun jail jaane ke tarike se farak padhta hai sant rampal ji maharaj ko jabardasti jail mein daala gaya hai jahan prajatantra hi bhrast ho jaaaye wahaan nyay kaise ho sakta hai yehi krishna ji ke saath hua tha wahi aaj ho raha hai
@@rajendra76-n3x compare main nahi jail ki wajah se ho rahe hain dono tum khud socho jail mein janam lena krishna ki marji bhi tumne hi bola aur sant rampal ji maharaj ko case mein andar hain yeh bhi galat tumne hi saabit kardiya jabki sacchai yeh hai ki krishna ka jail mein janam lena unki marji nahi majboori thi searchh karke dekho krishna ji ke maata pita ko 14 varsh kansh ki jail mein kyun rehna padha ? Kyunki pichle janam mein kakayi ne unke ram avtar ko 14 varsh ka banbaas karaya tha isi wajah se unhe bhi jail bhogni padhi yeh swam krishna ji maata devki ke poochne par batate hain yeh shaastro mein pramaan hain isliye sach ko maano bhi apne mann se kuch bhi kehne se sach nahi ho jaayega
@@rajendra76-n3x iss leela ko abhi aap nahi samajh sakte 3 yug ka rahasya bhi iss leela ke saath khatam hoga saara agyaan hatakar ab gyaan se duniya ko mukt karenege swam kabir parmatma Voh jail mein hain par youtub ki wajah se sabhi jagah apna gyaan prachaar kar rahe hain aur ek din saare viswa ko apna gyaan samjhakar voh mukt karenge saari sristi unki bhagti karenge aur satlok jaayenge yeh iss leela ka anthh hoga jail jaana koi leela nahi par parmatma yeh saabit karne gaye hain ki iss lokk mein tumhe nyay nahi mil sakta yeh kaal la lokk hai Jai ho bandi chodd ki
@@kabiravtar yeh Leela nahi log ko murkh bnana bolte hai ise Leela krte na itni police aati na itna hagma hota chup surrender kr dete. Itne logo ko marwne ki kya jrurt thi
बहुत अच्छी बात है रामपाल के 6 महीने के बच्चे ने हिम्मत की ज्ञान चर्चा करने की सिर्फ 6 महीने हुए हैं उपदेश लिए । पर सामने वाले के प्रश्न अच्छे नहीं लगे क्या होगा परमात्मा नहीं रहेगा तो क्या होगा रामपाल नहीं रहेगा तो यह कोई सवाल हुए ज्ञान चर्चा में । कोई आध्यात्मिक चर्चा करो दूसरे पक्ष के प्रश्नों के उत्तर भी देनै चाहिए ना की बात काट दे ।
@@NaveenSharma-gq9qj किसी ऐसे चैनल पर ज्ञान चर्चा के लिए बुलाओ जिसका कंट्रोलर ज्ञान चर्चा करने वाला नहीं हो कोई दूसरा आदमी हो । ताकि दोनों पक्ष को अपनी बात कहने और सुनने का पूरा मोका दिया जाए । ये तो अपनी बात को उपर रखना चाहते हैं बस । ज्ञान कम चतुराई ज्यादा दिखाते हैं। किसी भी विडियो मैं देख लो
@@Kasan4522 जो प्रमाणित ज्ञान को स्वीकार नहीं करते हैं उसके साथ चर्चा करना मुर्खता है श्रीमद्देवी भागवत पुरान चतुर्थ स्कंद अध्याय 18 विष्णु बोले- इस विषयमें मैं (विष्णु), ब्रह्मा. शंकर, इन्द्र, अग्नि, यम, त्वष्टा, सूर्य और वरुण- कोई भी स्वतन्त्र नहीं है। यह सम्पूर्ण चराचर जगत् योगमायाके अधीन रहता है। ब्रह्मासे लेकर तृणपर्यन्त सब कुछ [सात्त्विक, राजस, तामस] गुणोंके सूत्रोंद्वारा उन्हींमें गुंथा हुआ है ॥ ३३-३४॥