प्रशांत भाई मैं राजपूत हूं आपकी वीडियो में देखता रहता हूं मेरी एक ही लड़ाई है दलित शब्द ही खत्म कर दो वह चाहे बोधभी बन रहे हैं फिर भी हम लोगों को उनके घरों में जाना उनको अपने घरों में बुलाना चाहिए छोटा-मोटा जो भी हमारा कार्य हो सब को एक साथ बैठकर मिलकर खाना खाना चाहिए मंदिरों में अगर सचमुच बहुत बड़ा खजाना है तो उन पैसों से सभी गरीब लाचार शोषित वंचित जिनको हम दलित कहते हैं उनका घर बनाया जाए उनकी बस्ती में स्कूल बनाया जाए और थोड़ा बहुत उन को रोजगार दिया जाए यह हमको मिल कर करना चाहिए चाहे वह बौद्ध हो या सनातनी हिंदू
@@Cuteboy66392 Koi sense hai tumhare bato Mai tumhare ram to khud mahal paida hua tha elite class mai to phir gareeb ki udhar kaise Karega vo matlab kuch bhi
Bhai Bhagwan hai nahi hai ye to clear kar diye ,, par ye baat abhi bhi bahut logon ko pata nahi hai ki Jo tumhara Baba Sahab tha wo kaun kaun se kitabon aur dusron k constitution se kitna kitna churaya hai .. Father kise kaha jata hai tujhe maloom bhi hai kya . Jo Jisne Discovery kiya hai usse Father kaha gaya hai naa ki kisi aur ka chura ke le liya aur maine kiya maine kiya karke chati pitne Wale log ko father kaha jata hai ....... Chutiy@ @mb€dkaπ
हां मैं नास्तिक हूं तुम्हारा सर्वशक्तिमान भगवान , ईश्वर इंसान को उस वक्त क्यों नहीं रोकता जब ओ कोई पाप कर रहा होता है _ शहीद भगत सिंह 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 । आम, अंगूर , अमरूद , इत्यादि फलों में नमी या पानी कैसे आता है।
@@dark_dkj_ bhaya mei larka nehi hu aur ye jo prsant altu faltu vidio bana tei hai is se log aur bigor gye hai pehle to kuch log vagaban hai ye samajkar kuch pap kar ne se dartei the par abhi uss prsant ne sabke dil aur dimag se god ka dar biswas nikal dia hai aisa nehi karna chahiye na
भाई जी आप आप कितने महान हैं और कितने साहसी है जो इस प्रकार लोगों को जागरूक करने का कार्य करते हैं मैं आपके एक वीडियो को देखकर आपका समर्थन करने लगे तो इतने सारे अन्धभक्त मेरे पीछे पड़ गये कि मैं डर गया और उस समय आपके बारे में सोचा कि आपको कितने लोगो का सामना करना पड़ता होगा मगर सर आप महान हो
सतजुग सत्त सुकृत कहलाये । त्रेता नाम सुनींद धराये ॥ द्वापर में करुनामय कहाये। कलियुग नाम कबीर रखाये ॥ Jo bhagwan hai wo ye hai.sabhi garntho main varnit hai.God❤
@@sumit_kaithwas achha bhai apne kitna pdha h vo bhi bta do aur mene jitna baba saheb ko pdha h to unki ek line quote krta hu vo khte the ki "Shoshan ki jad hinduo ke dharmik granth hai inhe barud lga kr uda dena chahie". Aur gautam buddha ki bat kro hi mt sabut nhi de paoge...🙏
@@dark_dkj_ Hindu dharm Granth nhi unhone manusmrati ko jalaya tha.... Kyuki usme mnushya ko jati men Bata Tha . Or bat kare budh Ki to उन्होने सुधनिपर्थ के अठक वर्गो के नोवे सुत में अर्यो (हिंदुओ) को श्रेष्ठ बताया है। मुझे आपको बताने की आश्यकता नहीं है कि बोध अम्बेडकर से ज्यादा विद्वान थे।
प्रशांत भाई पढ़े लिखे लोग सबसे ज्यादा बेवकूफ होते एक वक्ता अनपढ़ को यह बातें बताते हैं तो उसके समझ में आ जाती है क्या आप सही सही बता रहे हैं मैं भी इस बात से सहमत हूं इन बाबाओं की मानसिकता इतनी घटिया है हम बयां नहीं कर सकते हैं लेकिन हम संघर्ष तो कर रहे हैं आपके साथ मेल कर परिणाम जरूर अच्छा ही नीकले गा
(ओबीसी युवक जिसे हिन्दू धर्म पर गर्व है, उसकी महान बुध्दिजीवी समाज सुधारक से वार्ता के कुछ अंश आप के लिए) प्रश्न 1- आप किस धर्म से हैं? उत्तर - हिन्दू | प्रश्न 2- हिन्दू धर्म का मूल आधार क्या है ? उत्तर - वेद, पुराण, मनुस्मृति और वर्ण - व्यवस्था है | प्रश्न 3 - हिन्दू धर्म में कितने वर्ण होते हैं? उत्तर - चार | प्रश्न 4 - चारों वर्णों के नाम बताओ? उत्तर - चार वर्ण निम्नानुसार हैं :- (1) ब्राह्मण, (2) क्षत्रिय, (3) वैश्य, (4) शूद्र प्रश्न 5 - क्या आप ब्राह्मण हैं? उत्तर - नहीं | प्रश्न 6 - क्या आप क्षत्रिय हैं? उत्तर - नहीं | प्रश्न 7- क्या आप वैश्य हैं? उत्तर - नहीं | प्रश्न 8 - ( अर्थात आप ऊपर के तीन वर्णों में नहीं हो) अब बताइए कौन सा वर्ण बचा? उत्तर - शूद्र | प्रश्न 9 - इसका मतलब तो यही हुआ कि आप शूद्र हैं? उत्तर - अरे हाॅं ! हिन्दू धर्म के मूल सिध्दांतों के अनुसार तो सभी ओबीसी ( OBC.) शूद्र ही हुए | प्रश्न 10 - यदि आपको हिन्दू धर्म पर गर्व है, तो आप उसके सिध्दांतों को भी मानते होंगे? उत्तर - हाॅं | प्रश्न 11 - तो इसका मतलब ये हुआ कि शूद्र का जन्म सिर्फ ऊपर के वर्णों की सेवा करने के लिए ही हुआ है? उत्तर - बिलकुल सही है, जिसे हिन्दू धर्म पर गर्व है, उसे हिन्दू धर्म के प्रत्येक सिध्दांत और नियम को मानना ही चाहिए और ऊपर के तीनों वर्णों की सेवा ही, उसके जीवन का लक्ष्य होना चाहिए | प्रश्न 12 - क्या आप बता सकते हैं कि एससी, एसटी (SC, ST) की स्थिति हिन्दू धर्म में कैसी है? उत्तर - हाॅं! हिन्दू धर्म में हम शूद्रों ( ओबीसी) OBC से SC, ST (एससी, एसटी) की स्थिति बहुत खराब है | प्रश्न 13 - तो एससी, एसटी (SC, ST) किस वर्ण में आते हैं? उत्तर - जब ओबीसी (OBC) शूद्र में आते हैं, तो एससी, एसटी (SC, ST) की क्या बिसात है ! वे तो हर हाल में शूद्र में ही आएंगे, बल्कि वे तो महाशूद्र वर्ण में आएंगे | प्रश्न 14 - हिन्दू धर्म में शूद्रों का क्या स्थान है? उत्तर - ऊपर के तीन वर्णों की सेवा करना | वैसे तो हिन्दू धर्म के अनुसार शूद्रों को पढ़ने, संपत्ति, ज्ञान प्राप्त करने का भी अधिकार नहीं है | प्रश्न 15 - इसका मतलब ये हुआ कि हिन्दू धर्म में वर्ण है, वर्ण में जात - पांत, जात - पांत में ऊंच - नीच और छुआ - छूत , और ब्राह्मण के आगे सब नीच क्या आप मानते हो कि हिन्दू धर्म में ऊंच नीच है? उत्तर - हाॅं! शतप्रतिशत है | प्रश्न 16 - तो क्या हिन्दू नीच होतें हैं? उत्तर - सब नहीं, किन्तु कुछ नीच होते हैं | प्रश्न 17 - कुछ से क्या मतलब? उत्तर - जो शूद्र वर्ण में हैं, वे नीच हैं | प्रश्न 18 - शूद्र वर्ण में कौन हैं? उत्तर - जैसे कि ऊपर बताए अनुसार OBC, SC, ST (ओबीसी, एससी, एसटी) सब शूद्र हैं | जिन्हें सिर्फ नीच माना जाता है | प्रश्न 19 - भारत में इनकी संख्या कितनी है? उत्तर - भारत में OBC, SC, ST ( ओबीसी, एससी, एसटी) की आबादी, कुल आबादी का 80-85℅ है | प्रश्न 20 - मतलब देश में 80 से 85 ℅ हिन्दू नीच हैं? उत्तर - हाॅं | प्रश्न 21 - बताइए! जिस धर्म में नीचों की बहुल्ता हो, वह धर्म कैसे आगे बढ़ सकता है? क्या आपने कभी सोचा कि हिन्दू धर्म, विश्व का एक मात्र धर्म है, जिसमें नीच लोग होते हैं और जिस धर्म में नीच लोग होंगे, क्या वह धर्म भी कोई धर्म हो सकता है? जरा सोचिए? उत्तर - धर्म सबको जोड़ने का काम करता है, सबको समान मानता है, सबके विकास की बात करता है, तोड़ने का नहीं | मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा है कि मैं आज तक एक नीच का जीवन जी रहा था | प्रश्न 22 - तो बताइए | अब आपको कैसा महसूस हो रहा है? उत्तर - महोदय, अब बात समझ में आ गयी है कि जिस धर्म में अपनों को ही नीच समझ गया हो, उनको पढ़ने - लिखने व सम्पत्ति रखने से रोका गया हो, वह धर्म क्या खाक विकास करेगा |
*हमें उन धर्माचायों को आईना दिखाना जरूरी हो गया है जो धर्म के नाम पर धरती अतिक्रमण किए हैं और कर रहे हैं वे अपने परिवार समाज राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्व समझें और जनहित राष्ट्रहित में राष्ट्र को सुपुर्द कर दें* *कण कण में शंकर रोम रोम में राम* *हममें तुममें खड़ग खंभ में मातु पिता गुरु स्वामी सखा के रुप में प्रकट है उस हरि हर समेत सभी देवी देवताओं के लॉकेट धारण करते हैं, अपने थैली झोली डोलची में लेकर चलते हैं* *🚩🏹 जय श्री राम 🏹🚩*