लोक कलाकार और लोकगीत की आड़ में इन जैसों सड़क छाप तथाकथित कलाकारों ने बुंदेलखंड की महान संस्कृति का सर्वनाश कर रखा है , कला के नाम पे बिना सिर-पैर के दो-अर्थी ,गंदे-गंदे गीत , भोंडी हरकतें इन सब पे लगाम बहुत ज़रूरी है , स्थानीय समाज को आगे आके इन गंदगियों पे रोक लगानी चाहिए ।