आदरणीया बहन क्रान्ति माला जी आपने बहुत ही सुन्दर कीर्तन प्रस्तुत किया है। धन्य है मेरे गुरुवर के ज्येष्ठ पुत्र की लेखनी कों आप दोनों को मैं हृदय से प्रणाम करता हूं।
आज का पहला कमेंट मेरा जय जय सियाराम आप तो रामायण से मार्गदर्शन ले कर चल रही हो लेकिन आदीवासियों और मुसलमानों को समझाओ भगवान के नाम से घृणा भड़कानेवाला है