गंगा मैया की जय हो जिसके जल से भारत के किसानों की फसल होती है अनाज पैदा होता है पीने को जल मिलता है और गोमूख के दर्शन करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है धन्यवाद मेरे भाई मेरा भारत महान है
भाग्य शाली हो आप,और पुण्य के भागी भी,जो हम जैसे बूढे लोगो को गंगोत्री -गोमुख यात्रा का जीवंत दर्शन भी करा रहे हो।ईश्वर तुम्हे स्वास्थ्य, सुख और यश दे।शुभकामना है। आद्या दत्त, लखनऊ।
भाई आपकी हिम्मत के लिए सलाम जो ऐसी भयानक और खतरनाक रास्ते और पहाड़ों में वीडियो शूट किया है मुझे तो वीडियो में सीन देखने में ही डर और घबराहट लगने लगे आपके लिए धन्यवाद
भैया जी आप स्वर्ग में घूम रहे हो और हमारे को भी गंगा मैया के दर्शन करवा रहे हो गंगा मैया आप रक्षा करे आप की इच्छा पूरी करे हर हर महादेव ॐ नमः शिवाय हर हर गंगे मैया की जय हो
Aapane bahut paropkari karya Kiya hai aur ham logon Ko Ganga Maiya ka darshan karae Hain Jahan se udgam Ganga Maiya ka hai use sthan ka darshan kara kar sabko Dhanya kar kar diya hai bahut bahut dhanyvad
ऐसा नजारा देखने के लिए हमारा भी मन करता है पर क्या कर हम तो मध्य प्रदेश के आदिवासी लोग हैं और आपको पता ही होगा कि आदिवासी लोग जितनी मेहनत करते उतना ही खाना मिलता है
आप थोड़ा सा अपना लिविंग स्टाइल बदलो ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करो किसी अच्छे पढ़ने वाले व्यक्ति को अपना मित्र बनाओ और फिर देखो आप कितना आगे निकल जाओगे मैं समझ सकता हूं आपके जीवन में बहुत संघर्ष है लेकिन संघर्ष करके ही आप अपने जीवन को बदल सकते हो यकीन करो
हर हर भागीरथी गंगा हर हर महादेव,आप लोगों ने आज जो दृश्य दिखाया और वास्तविकता प्रदर्शित किया,उसके लिए हृदय से धन्यवाद,मेरी उम्र 78वर्ष हो चुकी है मैं गंगोत्री जरूर गया हूं 2008 में, गो मुख दिखाकर अपने मेरे पुत्र जैसा कार्य किया आप दोनों को अनेक आशीर्वाद
इन सारी जगहों और नजरों को दिखाने के लिए बहुत शुक्रिया भाई। जाने का तो बहुत मन करता है लेकिन क्या ही आपको बताएं हम भी एक ऐसे state में रहते हैं जहां पर खाने के लिए बहुत मुश्किल से जुगाड हो पता है कहां से जाए। हम आदिवासी जो झारखंड में रहते हैं यहां बहुत गरीबी है। कोई रोज़गार की सुविधा भी नहीं है जिससे पैसा कमाया जाए।।।। फिर बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यह सब नजारे दिखाएं।।।❤❤❤❤❤❤
ये सतयुग त्रेता द्वापर सब का सब भारत का इतिहास नहीं बल्कि ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया झूठा काल्पनिक इतिहास है ये सिर्फ ब्राह्मणी ग्रंथों में ही मिलेगा और कहीं नहीं। आश्चर्य होता है आप जैसे शिक्षित व्यक्ति भी इन कपोल कल्पित कहानियों पर विश्वास करते हैं। आप तर्क क्यों नहीं करते कि इनका दावा सारे संसार के इतिहास का वर्गीकरण का है उन युगों में पैदा हुए ईश्वर के अवतारों को तीनों लोक का मालिक बताया गया है किन्तु इन युगों और उनमें पैदा हुए कथित जगत के पालनहार भगवानों के बारे में इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी अमेरिका किसी को पता ही नहीं है। आपने पढ़ा होगा इनका एक एक युग कई कई लाख साल का होता था जबकि मानव सभ्यता के पूरे विश्व के इतिहास अध्ययन करिए तो पाषाण काल से लेकर अभी तक अलग ही इतिहास है जो पुरातात्विक सबूतों के आधार पर सिद्ध भी किया जा चुका है कि कब मानव ने अग्नि का उपयोग शुरू किया ,कब से शिकारी जीवन से खेती पशुपालन आदि करने लगे, कब से घर बनाकर बस्तियों में रहने लगे ,कब से कपड़ा पहनने लगे, कब से पढ़ने लिखने लगे कब लोहा तांबा पीतल सोना आदि का आविष्कार हुआ यह सब कुछ हजार सालों का सत्य व प्रमाणिक इतिहास है दूसरी तरफ ब्राह्मणों के एक एक युग लाखों साल के होते थे और उनकी गप्प कथाओं में ऐसे ऐसे पात्रों का वर्णन है जो तीन तीन युगों तक जीवित रहे जैसे परशुराम वह सतयुग में गणेश के दांत तोड़कर उन्हें एक दन्त बनाता है त्रेता में सीता स्वयंवर में जाकर हंगामा करता है और द्वापर में भीष्म व कर्ण को धनुर्विद्या सिखाता है यानी तीनों युगों में जवान सैनिक के रोल में , बूढ़ा तो होता ही नहीं , हनुमान जामवंत आदि त्रेता यानी रामायण कालीन पात्र महाभारत काल यानी द्वापर में भी अपना रोल निभा रहे हैं । यह सब सिर्फ कहानियों में ही संभव है वास्तव में नहीं । लोहे का आविष्कार होकर अभी चार हजार साल भी नहीं हुए फिर सतयुग से लेकर द्वापर तक फरसा लहराने वाले परशुराम व अन्य योद्धाओं के हथियार तलवार त्रिशूल आदि के लिए लोहा किस ग्रह से आयात किया गया था ? चारों धाम की स्थापना शंकराचार्य जो ब्राह्मण थे ने सातवीं आठवीं शताब्दी में किया था उसके बाद ही धीरे-धीरे प्रचारित करते हुए आज वे उन्हें उन शूद्रों को भी अपना तीर्थस्थान स्वीकार करवाने में कामयाब हो गए जिन्हें उनके ब्राह्मण धर्म के अनुसार शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान का अधिकार ही नहीं था जिनकी संस्कृति श्रमण संस्कृति थी श्रमजीवी थे जो बुद्ध के अनुयायी थे। आज भी शंकराचार्य का पद ब्राह्मण के लिए ही आरक्षित है कोई शूद्र शंकराचार्य नहीं बन सकता। भारत में संघर्ष विषमता वादी अंधश्रद्धा वादी ब्राह्मण वाद और समतावादी मानवतावादी वैज्ञानिकता वादी बुद्धिज्म के बीच ही रहा है और आज भी जारी है ब्राह्मण वादी शूद्रों को सत्ता के बल पर शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान से वंचित करके उन्हें पूर्व की स्थिति में ले जाने के लिए प्रयासरत हैं, एससी एसटी ओबीसी के जीवन स्तर में जो भी सकारात्मक बदलाव आये हैं वे समतावादी महापुरुषों फुले साहू अम्बेडकर पेरियार आदि के संघर्षों के बदौलत आये हैं किंतु यह बात अभी तक अशिक्षित तो छोड़िए शिक्षित शूद्र भी नहीं समझ पा रहे हैं और हिन्दू बनकर ब्राह्मण वाद और ब्राह्मण शाही को ही मजबूत कर रहे हैं जिस दिन शूद्र समाज के लोगों को अपना सच्चा इतिहास और समतावाद विषमता वाद का संघर्ष मालूम पड़ जायेगा वे ब्राह्मणों द्वारा थोपे गए झूठे काल्पनिक इतिहास होगा..
बहुत सुंदर, उत्तम कार्य , आपकी साफ आवाज, भाषा शैली, कैमरे का चित्रण और एकांत का अनुभव वाकई बहुत हार्दिक है। मनोज कुमार इगलास की तरफ से प्रार्थना है आप जीवन में बहुत उन्नति करें। धन्यवाद
जय श्री गंगा मैया की जय हो, बहुत बहुत धन्यवाद व साधुवाद एवं शुभकामनाएं और ढेरों मंगलकामनाएं करते हैं कि आप इसी प्रकार आगे भी हमें ऐसे ही सुन्दर ढंग से नजारा संचार माध्यम से वीडियो बनाकर देते रहें।🎉❤
आपका यह वीडियो बहुत अच्छा लगा ऐसा लग रहा था जैसे हम भी आपके साथवहीं पर हैं आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपने हमें घर बैठे गंगोत्री के दर्शनकर दीजिए जय हो गंगा मैया की भगवान आपको खूबशक्ति दे और आप ऐसे ही और बढ़िया बढ़िया दर्शन करते रहे जय सियाराम हर हर महादेव
Har har gange❤ Jay ho bhagirathi ❤ Jay ho ganga Maiya ki jay 💞🌞🙏 Bahut aachchha laga bhai aapke sath dev bhoomi pe chalte huye gomukh darshan💞🌞 Jay shree shiv-shakti 🙏 Jay shree gurudev ji ki jay 🙏 Jay ho jay ho jay ho 💞🌞🙏
आपको गोमुख धाम का दर्शन करने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद गंगा मैया आपको सदैव स्वस्थ रखे आप पर सब की कृपा बनी रहे आपके लिए बहुत सारी शुभकामनाएं हर हर गंगे जय गंगा मैया❤❤ से धन्यवाद
aapki vajah se hame ghar baithe maa bhagirathi aur gangotri ke darshan prapt ho gae aur bahut sari jagah ke darshan hue dhanyavaad aap bahut hi acchhi videos banate hain