हमारा गुरु तत्व शुद्ध होना चाहिए 10गुरु जो आदिगुरु हैं भव सागर में गुरु तत्व जो हें उसके अधिष्ठाता हैं गुरु नानकसाहब मोहम्मद साहब राजा जनक शिरढी के साईबाबा व अन्य ओर भी गुरु यह सद्गुरु हैं इनकी कृपा से ही हम भव सागर से पार होते है हमारा गुरु तत्व शुद्ध हो ओर कोई भी बाह्य दुष्प्रभाव ना हो
हमारे नाभी चक्र के चारों तरफ जो हैं वो भव सागर का स्थान है बायें तरफ गुरु तत्व ओर दायें तरफ लीवर हैं वो चित का स्थान है वो दायाँ भाग हैं भव सागर का हमारा गुरु तत्व शुद्ध हो चित शान्त हो स्वयं के गुरु स्वयं हो सद्गुरु के अनुयायी बनें और सभी बाह्य दुष्प्रभाव नहीं हो हमारे अंदर तब भव सागर शुद्ध सन्तुलित जाग्रत होता है ओर हम भव सागर से पार होते हैं ओर तभी हमारा नाभी चक्र भी शुद्ध सन्तुलित रहता है जय श्री माताजी
गुरु तत्व जो बायें तरफ हैं उस पर हाथ रख कर आदिगुरु दत्तात्रेय के108नाम रोज सुबह शाम बोले मन्त्र के रूप में निर्मलान्जली बुक में मिल जायेंगे सब यह बुक खरीद ले इन नाम के मन्त्र बोलने से ही हमारा भव सागर शुद्ध सन्तुलित जाग्रत होता है