मंत्र तंत्र यंत्र चैनल में आप सभी का स्वागत है आज मैं यहां आप सभी के लिए गुरु गोरखनाथ जी का मूल मंत्र लेकर आया हूं। इस मंत्र को सिद्ध करने की विधि और इस मंत्र को सिद्ध करने के पश्चात आपको जो भी सिद्धियां प्राप्त होगी उसके बारे में आपको बताऊंगा।
आईए जानते है गुरु गोरखनाथ जी के इस मूल मंत्र को सिद्ध कैसे करें गुरु गोरखनाथ जी का मूल तथा बीज मंत्र सिद्धि के लिए आप होली, दीपावली, महाशिवरात्रि में से एक मुहूर्त चुन सकते हैं। होली और दीपावली सबसे उत्तम हैं, उसके बाद में शिवरात्रि का महाशिवरात्रि का पर्व होता है जिसमें आप भी कर सकते हैं।
प्रथम एक बाजोट पर पीला कपड़ा बीछाकर गुरु गोरखनाथ जी का या नवनाथों का चित्र स्थापित करके पूर्व की तरफ मुख कर के आसन डालकर बैठ जाएं। आसन कोई भी ले सकते हैं । कुशा या उन का आसान हो तो आती उत्तम। उसके पश्चात गुरु गोरखनाथ जी का पंचोपचार से पूजन करें। पंचोपचार याने धूप, दीप, फुल, तिलक, भोग चढ़ाना अनिवार्य है।
गुरु गोरखनाथ जी को भोग में रोट, मिठाई, मालपुए या आपकी इच्छा के अनुसार कुछ खाद्य पदार्थ चढ़ाएं और उन्हें लंगोट और 5 मीटर का केसरिया वस्त्र अवश्य चढ़ाएं।
होली या दीपावली की रात में रुद्राक्ष की माला से 108 माला जप करना है। अगर आप एक ही दिन में कर लोगे तो आपको एक दिन में सिद्धि मिल जाएगी। अन्यथा आप आपकी सुविधा अनुसार भी 108 माला का जाप पूर्ण कर सकते हैं।
इस मंत्र के सिद्ध होने के पश्चात आप गुरु गोरखनाथ जी के दर्शन कर सकते हैं, आपकी वाणी सिद्ध हो जाएगी, तमाम शाबर मंत्रों का ज्ञान आपको अपने आप ही हो जाएगा। और जब भी आप किसी मरीज को अभिंमत्रित धुनें की विभूति देंगे, तब वह ठीक हो जाएगा।
यह गोरखनाथ बीज मंत्र मैं आप सभी के लिए पाठ करके दे रहा हूं। इसे प्रतिदिन सुनने के भी अनगिनत फायदे हैं।
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मंत्र:-
"ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः"
23 сен 2024