बहुत बढ़िया कहा आपने,,, हमारे बाबा साहब जी गरीबों के अधिकार के सभी महिलाओं के शिक्षा और अधिकार के लिऐ संघर्ष करने वाले महात्मा भगवान है,,, जय वाहेगुरु जी ❤❤🙏🙏जय भीम जय नमो बुद्धा 🙏🙏❤️❤️
महाराज गौतम बुद्ध भगवान को ढूंढने नही गये थे . वो मानव के दुख का कारण ढूंढने गये थे . और अपेक्षा मानव के दुख का कारण है अपेक्षा मत किजिए सुख मिलेगा यह उन्होंने ढूंढा .
अरे हो संत सन्यासी हे जब सन्यास होने से पहले तब सनातन धर्म था उनके माता पिता हिन्दू थे उनोने ही बाद मे सन्यास लेकर संत बने और बाद मे उनोने खुद का धर्म बनाया लेकिन सनातन धर्म दुनिया का सत्य धर्म हे
भगवान बुद्ध के पास हर सवाल का जवाब था इस संसार मे ऐसा कोई सवाल ही नहीं है जिसका जवाब भगवान बुद्ध के पास ना हो. अधूरा ज्ञान समाज को भटकता है कृपया कुछ पढ़ कर जवाब दे 🙏🙏 धन्यवाद 🙏🙏🙏
Bhagwan Buddha ne unka patni ka bhi jawab Diya tha,par yeh nahi batayege,innhone toh bhagwan Buddha ke ghar chodhne ka kharan bhagwan dhoondhna bataya hai😂
पहली बात तो यह है कि गौतम बुद्ध जी ईश्वर की सत्ता पर विश्वास नहीं करते थे ।उन्होंने वैदिक कर्मकांड की आलोचना की लेकिन पता नहीं किसने उन्हे विष्णु भगवान का अवतार घोषित कर दिया ।
बाबा साहेब लिखित budhdha and his dhamma यह किताब के अनुसार गौतम जब घर छोड के गये थे तब वे भगवान को खोजने नहीं बल्की इस दुनिया के दुखों का कारण खोजने के लिए गृह त्याक किया था और ६ साल बाद तपस्या से उन्होंने बोधित्वप्राप्त किया और वे बुद्ध कहेलाये… और ज्ञानप्राप्ति करके भिक्षा माँगते अपने घर नही लौटे ! उनके पिता शुध्दोधन राजा ने अपने राज्य कपिलवस्तु में तथागत भगवान बुद्ध को प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया था…
तभी असली दीपदान उत्सव मनाया गया जिसे लोग दीपावली में परिवर्तित किया गया , हमारे चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की जय 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 नमो बुद्धाय नमो बुद्धाय नमो बुद्धाय 🌹❤️🌹❤️ जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान जय भारत
गौतम बुध्द ईश्वर को कभी नही नकारे, उन्होने इंसान और इंसान के बिच जातिगत भेदभाव , दलित शुद्र के प्रति नीचता सोच का विरोध किया , ब्राम्हणो के पाखण्डवाद का विरोध किया , जो सही भी है
तुम भगवान बुद्ध की क्या हो तुम भगवान बुद्ध के अनुसार हो कि बुरा मनोर के पाखंड दिख रहे हो सबसे बड़े पाखंडी तक तुम ही लगता प्रवचन को सुनना चाहिए अच्छे से और तुम यहां पर ब्राह्मणों का पाखंड लेकर आ गये
Mahatma Buddh bhagvan Vishnu ke avtar nahi the brhamano ne budh ki lokpriyta ki vajah se unhe avtar bana kar bhagvan Vishnu ke sath chipka diya ye bilkul sach hai
😂 ek aur bhai bhai budha k darjano encryption and scriptures mile hai ek me bhi aisa jikr nhi hai samrat ashok kahte hai ki mai is praja ki ma saman hu mera jiwan inke liya samarpit hai
मेरे दोस्त, तुम एक मूर्ति की पूजा करते हो और तुमने भगवान को छोड़ दिया जिसने तुम्हें बनाया। यह एक ऐसी मूर्ति है जो न तो सुनती है, न देखती है और न ही अपनी रक्षा कर सकती है। कम से कम भगवान के पास वापस जाओ जिसने हम सभी को बनाया। वह क्षमाशील और दयालु है।
बुद्ध ने दुःख से मुक्ती का निवारण खोजन के लिये घर छोडा न कि भगवान कि खोज के लिये.. सब कहाणी उलट पुलाट मरोडकर बतायी है.. शातीर्ग बाबा अपने हिसाबसे बुद्ध बाता राहा है..
भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में किसी भगवान की खोज भी की है उन्होंने सत्य और विज्ञान तक वादी मनुष्य के लिए मध्यम मार्ग का उपदेश दिया है उन्होंने सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया मैं उन भगवान बुद्ध को शत-शत नमन करता हूं नमन करता हूं
29 वर्ष की अवस्था में बुद्ध ने घर त्याग किया था और 6 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद बोधगया मैं पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्ति हुई थी और उन्होंने चार आर्य सत्य अष्टांगिक मार्ग तीन रत्न पंचशील दिया उसका जिक्र करो
भगवान बुद्ध जी गुरू महाराज घर से बाहर इसलिए गए थे, की उनका मानना था, की घर, संसार ये सब सन भर के लिए ही है, और वो भगवान की खोज के लिए नही गए थे, वो सत्य और ज्ञान की खोज के लिए निकले थे, उन्होंने सांसारिक सुख को त्याग कर घर महल एसो आराम सब छोड़ दिया था, उनका मानना था, की ये सब सन भर के लिए है, इसलिए उन्होंने घर का त्याग किया, और अपना जीवन जिया और मध्य मार्ग की खोज की ओर सबको बताया जो व्यक्ति उस पे चलेगा उसे शांति और आनंद की प्राप्ति होगी और सत्य और ज्ञान की भी, समझे
सुनो, बुद्ध ने सत्य की खोज में घर का त्याग किया था, की इस संसर में दुःख क्यों है, उसका करण क्या, दुःख है तो उसका निबारण क्या, और मृत्यु एक जीवन का कड़वा सत्य है, ये कहा है। गौतम बुद्ध ने सदाचार को ईश्वर मना है , उन्होंने कहा ,ईश्वर ना तो मंदीर मे है ना मस्जित में ना घर मे, ईश्वर अंदर है मन में जो की एक सदाचार है, जो हर मनुष्य के अंदर है बस ,उसे जगाने की अबश्य्कता है ,क्युकी सदाचार ,सतकर्म ही ईश्वर है ,ना कि पत्थर मूर्ति , जो सहमत है बो लाइक करे 🙏🙏 नमो बुद्धाय
सोनू बुद्ध ने सत्य की खोज मैं घर का त्याग किया इस संसार में दुख क्यों है, उसका कारण क्या दुख है तो उसका निवारण क्या, और मृत्यु कड़वा सत्य है कहा गौतम बुद्ध ने सदाचार को ईश्वर माना है, उन्होंने कहा है ईश्वर न ही मंदिर में है ना ही मस्जिद में ना ही घर में , ईश्वर तो अंदर है में जो की एक सदाचार है, जो हर मनुष्य में है बसा हुआ, उसे जगाने अबशायकता नही है, क्योंकि सदाचार , सत्यकर्म ही ईश्वर है, नही की पत्थर मूर्ति , 🙏🙏
आज से मुझे लग रहा है कि भारत भूमि अनिरुद्ध महाराज जी का जीवन सफल हुआ है और लोगों का उद्धार होगा मार्ग दांता महात्मा बुद्ध की जय हो बाबा साहब अंबेडकर संविधान लिख कर भारत वासियों का उद्धार किया🇮🇳
Kis scientist ne budhism ko scientific kaha hai 🤔 TRIPITAK padh usme bahut science hai😂 Saree scientist ne Sanatan Dharma ki hi tarif ki hai Chahe vo Atheist scientist Albert Einstein kyu Naa ho
सादर प्रणाम. कथा के अनुसार प्रवचन अच्छा है किंतु गौतम जी सत्य की खोज में वन में गए थे कि यह संसार क्यों परिवर्तन सील है कैसे आदमी पुनः पुनः जन्म लेता और क्यों?.और ढेर सारे प्रसंग के उत्तर जानने के लिए उन्होंने कठिन तपस्या की. शरीर सूख गया,मरने की स्थिति आ गई. तब सुजाता यादव ने खीर खिलाई जो जंगल में पीपल के वृक्ष को चढाने के लिए लाई थीं. और ज्ञान दिया कि मध्य मार्ग ही श्रेष्ठ है. न ज्यादा न कम. तब वह पुनः जंगल में तपस्या के लिए चले गए. और प्रण किया कि जब तक सत्य नहीं मिल जाता है तब तक मैं अपने हाथ पैर,व अंखियों को नहीं खोलेगे .उसी रात उन्हें सत्य प्राप्त हो गया. उस रात को पूर्णमासी थी. उसे बौद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. और जब पत्नि ने कहा कि यह सत्य केवल जंगल जाने वाले,कपड़े बदलने बालों को ही मिलता है तो वह निरुत्तर नहीं हो गए,कहा कि इस बात को मेंने जंगल जाकर जाना कि सत्य हर जगह मिल सकता है. भागवत छोड़ कर भी. भागवत कथा कह कर भी,लेकिन श्रेष्ठता का अभिमान तो छोड़ना पड़ेगा. मन (चित्त)को शान्ति करना होगा. जिसके लिए भगवान बुद्ध द्वारा बताई विपश्यना साधना करनी होगी. आपका मंगल हो.
आप वो पहले सनातनी गुरु हैं जिन्होंने भगवान गौतम बुद्ध की बात कही उनकी कहानी सुनाई। नहीं तो सभी सनातनी, गौतम बुद्ध और उनकी दी हुई शिक्षाओं से घृणा करते हैं। आपको चरणों में कोटि कोटि नमन।
Bhai yahi wo Banda hai, Jo boddh dham me chala me gya tha sharado ke din or bolta hai boddh dham me pitro ka pind daan karte hai, inhi ka vedio ka vedio he dekh lena, drasal apni dukan chalti rahe bas itna maksad hai, lekin ab log jagruk hai, koi bhagwan jesi cheez nhi he Bharat me.,
@jay yadav whats up university se copy paste kiya lagta hai, koi bramhanical group join kiya kya bhai? क्या मतलब संसार शुन्य है? ऐसा कब कहा ? कोनसी किताबे पढ़ते हो? दुःख है और यह सत्य है ये तो आप अपने खुद के लाइफ से सिख सकते हो। और क्या कहा संसार क्षणिक है यह भी कब कहा? और दुःख को समाप्त करने के लिए भिक्षु बनना काफी है, कुछ हद्द तक दुःख कम हो जाता है, भिक्षु भी इसीलिए की दुःख मुक्ति की साधना कर सके। बोधिसत्व वो ही बनते है, जो बुद्ध बनने की कामना रखते है, कोई भी ऐरा-गैरा बोधिसत्व भी नही बन सकता बुद्ध बनने की बात छोड़ों ।
गौतम बुद्ध ने कभी भगवान की खोज नहीं उन्होंने सब को समान बताया जीवन जीने का सही से मार्गदर्शन करवाया,,,😊😊😊 बौद्ध धर्म का निर्माण किया और निच समाज से लोग गिरना करते थे उसे समाज को जीना सिखाया 😊😊
तथागत बुध्द ने कहा था भगवान नाम की चीज है ही नही उसे धुंडणे मे अपना समय व पैसा बरबाद ना करे सत्य ही सब कुछ है मानव ही मानव के काम आता है खुद पर भरोसा रखो कोई देवी देवता आपके काम नही आ सकता 🙏🤔मुझे किसी भी काल्पनिक भगवान पर भरोसा नही है
🎉❤ठीक है, मेरे दोस्त, अगर ब्रह्मांड के लिए कोई भगवान नहीं है, तो स्वर्ग और पृथ्वी को किसने बनाया? आप बुद्ध कहेंगे। मैं आपको बताऊंगा कि कैसे, जब यह एक मूर्ति है, और आप चोरी के डर से इसे चोरों से बचाते हैं . और आपके लिए, ब्रह्मांड के लिए एक भगवान है, और वह भगवान ही है जिसने हम सभी को बनाया है। और वे आपको बताते हैं कि हम सब बुद्ध के लिए हैं, इस तरह भगवान ने आपके लिए एक मन बनाया ताकि आप सही के बीच अंतर कर सकें और ग़लत, और इस्लाम धर्म को ईश्वर की ओर लौटाओ। दूसरा प्रश्न: ईश्वर सूर्य को पश्चिम से लाता है। क्या बुद्ध भी इसे ला सकते हैं? बुद्ध मृतकों को पुनर्जीवित करने और मारने के लिए? ईश्वर के पास जाओ और इस्लाम की खोज करो और ईश्वर तुम्हारा मार्गदर्शन करेगा, मेरे दोस्त
@@Tareq-tarek44 तु क्या बोल रहा है तुझे खुद पता नही तर्क लगाकर सत्य बोला करो 😂🤣😜 बुध्द धम्म पाखंड से दूर है जिसमे देवी देवता का कोई महत्व नही बुध्द ने खुद ही कहा की भगवान को धुंडने मे अपना समय ना गवाये
😂😂😂 बुद्ध ने कभी नही कहा की ईश्वर की खोज मे गया था ओर ईश्वर मिल गया , बुद्ध खुद ईश्वर को नही मानते थे , नास्तिक थे , लेकिन इन अनपढ़ मूर्खों ने हर जगह अपना झूठा काल्पनिक ज्ञान पेलना है
गौतम बुद्ध ने ना तो किसी की भक्ति की और नहीं किसी ईश्वर कि भक्ति की उन्होंने यही कहा था कि अपनी बुद्धि का विकास करो बुद्धि से ही आपका जीवन होगा गौतम बुद्ध का अर्थ यह है
नमोबुद्धाय जय भीम हमारे महापुरूषों ने महात्मा बुद्ध को अपनाया है भारत देश महान है हमारे प्रधानमंत्री जब बाहर जाते हैं तो कहते हैं कि बुद्ध युकीधरती से आया हुं