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Yogesh Balethia
हजारों साल पुराना है अजमेर स्थित चामुंडा माता का चमत्कारी मंदिर, कभी खाली नहीं होता यहां का कुंड
कहा जाता है कि अजमेर में स्थित माता चामुंडा के मंदिर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था। नवरात्री पर भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं।
अजमेर के अरावली की पहाड़ियों पर स्थित चामुंडा माता का मंदिर आस्था का केंद्र है। यहां साल भर भारी संख्या में श्रद्धालु माता का दर्शन करने पहुंचते हैं। नवरात्री पर मंदिर की रौनक देखते ही बनती है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था। वे इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते थे।
1160 में बनाया गया था मंदिर
बताया जाता है कि मंदिर की स्थापना 1160 साल पहले हुई थी। सम्राट पृथ्वीराज चौहान चामुंडा माता को कुल देवी मानते थे। यह भी किवदंती है कि पृथ्वीराज चौहान माता के अनन्य भक्त थे। जहां मंदिर बना है, उसी स्थान पर माता ने सम्राट को दर्शन दिए थे। कहा जाता है कि पृथ्वीराज चौहान युद्ध पर जाने से पहले माता के मंदिर में जरूर आते थे, जहां वो माता की विशेष पूजा-अर्चना कर धोक लगाते थे।
खाली नहीं होता है यहां का कुंड
मंदिर प्रांगण में मां गंगा, भगवान भोलेनाथ, हनुमान और भैरव बाबा का भी मंदिर है। वहीं मां गंगा के मंदिर में एक छोटा सा जलकुंड है। कहा जाता है कि यह जलकुंड कभी खाली नहीं होता। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुंड से हजारों गैलन पानी निकाला जाता रहा है, फिर भी यह खाली नहीं होता है।
मान्यता है कि मंदिर में आने वाले हर भक्त का दुख चामुंडा माता हर लेती है। माता के दरबार में आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। यही वजह है कि हर साल माता के मंदिर में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। नवरात्री पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।
9 апр 2023