लालची और स्वार्थी नेताओं पर बहुत ही अच्छी और वास्तविक विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए जनता को सावधान करने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद आपको आदरणीय प्रदीप सिंह साहब।
ममता bano का अंत भी इसी विधान सभा election में हो जायेगा लेकिन इसके लिए बिना डर के fair election करवाना जरूरी है जिसके लिए 6 महीने पहले बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाना जरूरी है ।
Bjp की अबतक की सबसे बड़ी भूल अजित पवार को बेवजह और बेमतलब साथ तो लिया ही अपनी बहुमत वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जिससे bjp का महाराष्ट्र में बेड़ागर्क हुआ है।
एक गलती हो तो बताएं इस पार्टी ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं वहीं जाकर पैर मारा है और अभी भी संभालने की तरफ़ नहीं हैं वही सबका साथ सबका विस्वास वाली थ्योरी चल रही है अभी 0000 होंगे तब पता चलेगा
प्रदीप जी हमारा निवेदन है आप एक ऐसे टॉपिक पर एक वीडियो बनाया इस देश में बीजेपी के सामने कोई भी पार्टी खड़ी हो उनको 25 या 30% मुस्लिम वोट फ्री के मिल रहे हैं क्या यह लोकतंत्र के लिए सही बात है इसका मतलब यह हुआ कि अगर उनकी जनसंख्या 30 40% से ज्यादा हो गई तो भारत में उनकी इच्छा के अनुसार ही कोई पार्टी अपना सरकार बनेगी वह कभी विकास एजुकेशन और कोई और मुद्दे पर अपना वोट नहीं देते उनके लिए सिर्फ धर्म ही सर्वोपरि है यह कैसा लोकतंत्र है सिर्फ एक समुदाय के लोग धर्म के नाम पर ही वोट दे रहे हैं
अगर मोदी सरकार ने अभी भी इन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई नहीं की तो अगली बार बी जे पी का सूपड़ा साफ हो जाएगा वैसे भी इस पार्टी का कांग्रेसीकरण शुरू हो चुका है और अगर यही हाल रहा तो वो दिन दूर नही कि इनकी हालत खांगरेस से भी बदतर हो जायेगा जनता ने इन्हे सबक सिखाया है सुधरना या मिट्टी में मिलना ये इनके हाथ है
सत्ता में बने रहने के लिए अलर्ट मोड़ में रहना चाहिए जैसे की नीतीश कुमार के आने के बाद बहुत विरोध हुआ था आज अगर नीतीश नही होते तो कितना मुश्किल हो जाता रिजल्ट सामने है
बीजेपी को वाशिंग मशीन का काम बन्द कर देना चाहिए।वैसे भी सर बीजेपी का महाराष्ट्र में बंटाढार हो गया है।बहुत दुर्गती हुई है।अब बीजेपी महाराष्ट्र में जीत नही पायेगी।सरकार तो बनने से रही अब।
BJP ko kisi bhi keemat par Udhav thakre ko saath rakhna chahiye thha. Godhi me bithha ke nas dabana asaan hota he. Hindu ikathha hotey aur Muslim vote Congress aur Sharad Pawar me bant jatey.
अजीत पवार के कारण ही पूरी बीजेपी पार्टी ने सैद्धांतिकता को ताक पर रखकर समझोता किया और फड़नवीस जी को अर्श से फर्श पर ले आये। मोदी जी का अति आत्मविश्वास और पार्टी की उन पर निर्भरता ने चुनाव में असर दिखाया है नीयत और नीति को जुमले के तौर पर इस्तेमाल मंहगा पड़ा .....
वैसे देखा जाये तो शरद पवार की विकृत राजनीति ने महाराष्ट्र को बहुत नुकसान पहुंचाया है, सबसे ज्यादा दंगे बम धमाके इन्ही के कार्यकाल में हुए मगर महाराष्ट्र का बहुत बड़ा वर्ग इनको लेकर अति भावुकता से ग्रस्त है चुनावों में कामयाबी इसी का परिणाम है, सीटें बगैर संघर्ष के मिल गईंः
Bjp vale sattaa me ane k bad rss k karyakartao ko ku de k barabar samjhte hain jaise cg m bjp ke purva mukhyamntri ko bharosa nahi tha lakin rss vale ko bharosa tha ki sarkar banegi rss n kam b bahut kiya lakin ab sarkar ban jane k bad unki koi puch parakh nahi hai
आज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ पूर्ण रूप से राजनीतिक हो गया है। निश्चित रुप से सत्ता का पक्ष लेने वाले पत्रकार फ़ायदे में रहते हैं इसलिए अधिकतर पत्रकार सत्ता पक्ष के पक्ष में दलीलें देते हैं। हालत यह हैं कि लोग टीवी पर पत्रकारों को देखते ही समझ जाते हैं कौन क्या कहने वाला है।
मोदी जी के बाद प्रदीप सिंह जी का ही नाम लेना होगा 😁😁 इस उम्र में एक से एक कलर के और डिजाइन के कपड़ों के संग्रह के बारे में। जैसे मोदी जी आने के बाद जैकेट के डिजाइन,कलर, देखने मिल रहे हैं वैसे दादा के कुर्ते के कलर की फैशन चलेगी।😂😂😂😂😂
षड्यंत्र का खुलासा अब दिल्ली आबकारी नीति के इस अवैध विचार को जन्म देने के बाद, भाजपा या मोदी को दोष देना केजरीवाल के लिए अच्छा संकेत नहीं है। उन्हें पूरी तरह से दोषी ठहराया जाना चाहिए और उनके सहयोगियों सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह को गौण भूमिका निभानी चाहिए। यह मामला कैसे आगे बढ़ता है, यह देखने वाली बात होगी।
जिस प्रकार से आपने चारों नेताओं का बखान किया है उससे लगता है कि उन सभी नेताओं की नेतागिरी समाप्त होने की कगार पर है और उनको दोबारा मौका मिलना सम्भव नही दिखाई दे रहा है ।
प्रदीप जी सादर नमस्कार। आपकी भाषण शैली अति संतुलित और शालीन होती है। जिसे सुनकर विदेश में भी होकर देश में होने का आभास करवाता है। सटीक और सामयिक जानकारी देने के लिए आभार। साधुवाद।
आप सही है सरजी, परंतु शरदपवार इस समय केवल BJP के कार्यकर्ताओंके लापरवाही तथा अतिरिक्त आत्मविश्वास और बुद्धीमंत सेक्यूलर लिब्रांडूओके कारण ज्यादा सांसद जितवा चूके है।फिलहाल मराठा समाज समय सुचकताकेनुसार BJP के और शिंदे शिवसेनाके साथ निकल पडा है। मुस्लिम समाज BJP को हमेशासें अपना शत्रुही घोषित कर चूका है।
अब भाजपा का भी हाल यही होने वाला है अगर अभी भी सावधान नही हुए इसलिये मेरा सुझाव है कि बिना लाग लपेट के जंता के हित और राष्ट्र हित मे काम करना चाहिये आज कल दलित ,ओबीसी , आदिवासी एक अलग अलख जगाने की कोशिस कर रहे है अतः बडे सोच विचार की आवश्कता है केवल वाहवाही या हित की बात नही होनी चाहिये वास्तविक हित परिलक्षित होना चाहिये ।पेपर लीक पर ठोस कानून , भृष्टाचार पर ठोस कानून, सीएए जैसे ठोस कानून ,जातिवाद पर रोक और नौकरियो पर ध्यान देना होगा।बडबोलापन रोकना होगा।
आपका विश्लेषण बहुत ही सटीक है। साधारण जनमानस को अजीत पवार और कांग्रेस नेता को राज्य सभा भेजना ठीक नहीं लगा संघ के कार्यकर्ताओं को भी और ना भाजपा को भी ठीक नहीं लगा। ये दोनों पार्टियों की वजह से भाजपा की पार्टी को हानि हुई। उनकी पार्टी में एक से बढ़कर अनेक कर्मठ नेता है। बाहरी नेता जैसे इंसान मुख्यमंत्री शर्मा जी जो एक समर्पित नेता हैं। बहुत बहुत धन्यवाद
जय श्री राम प्रदीप सिहं जी, बिलकुल सही विषलेशण किया है आपने।यह जो चारो राजनितिज्ञो वाकई में इतने महत्वकांक्षी थे कि खुद को जल्द से जल्द बिना कुछ खुबियो के बड़े बड़े सपने देखने लगे और नतिजन जमीन पर ओंधे मुंह गिरे। जय भारत जय हिन्द वन्दे मातरम 🇮🇳
प, बंगाल अब कश्मीर बन चुका है बस अन्तर यह है कि वहां मु, मंत्री एक हिन्दू महिला है। स्थिति दिन ब दिन खराब होती जा रही है।मालिक यानी देश की जनता ध्यान दे।
बहुत सटीक विश्लेषण किया है, केजरीवाल राजनीति को भी आंदोलन की तर्ज़ पर चलाना चाहते हैं जो मुमकिन नहीं है, उन्होंने झूठ और मनगढ़ंत विमर्श से राजनीति में कदम रखा ,जबकि राजनीति में आने के बाद वह स्वयं भ्रष्टाचार में घिर गये जबकि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ ही वह सत्ता में आयें और उसी तरह डूब गए।
प्रदीप जी, हकीकत कहना गलत है उसे औकात कहा जाता है और ये चारों ही भूल गए और हाल देखलो? जय हिंद जय भारत वंदेमातरम बोलो सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम कहिए जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए
अजीत पवार खुद ही एनडीए से बहार हो जायेंगे। अभी महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव देखना होगा। बीजेपी ने अजीत को लेकर गलती की लेकिन डबल गेम का दांव बराबर जमा नही अगर जम जाता तो दोनों प्रादेशिक पार्टी एक झटके में धाराशाई हो जाती। विधानसभा में शरद पवार कितना एक्टिव रहेंगे यह देखने वाली बात रहेगी।शरद पवार के बाद संगठन पर पकड़ जयंत पाटिल की रहेगी वैसे पहले से ही वो संगठन का काम देख रहे हैं तो पार्टी में उनके समर्थक भी है।इस वजह से पार्टी में टुट हो सकती है। अजीत पवार ने चुनाव लडा है हमेशा शरद पवार की देखरेख में लड़वाने का यह पहला मौका था अजीत का।अब पाटिल लोग पार्टी पर कब्जा जमाने की कोशिश में रहेंगे उसके चलते अजीत की घर वापसी हो सकती है।
ओम । कटु सत्य। सार्वभौम सचाईयां। म्रत आतमाऐ जीवित प्रतिमाएं । ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः। प्रदीपजी आपका विशैषण का समझानै का तरीका अति सुंदर व सटीक है। मै सबको भेजता रहता हूं। केजरीवाल जी पर जितना बोला जाए उतना कम है।
प्राचीनतम धार्मिक वाराणसी नगरी में जाम झाम झेल रहे प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं को तत्काल मुक्ति दिलाने के लिए संबंधीत सड़को का किसी भी कीमत पर तत्काल चौड़ी करण करने की प्रार्थना करता हूँ
इन चारो नेताओं में सबसे अग्रणी नाम आता है "हमारे किसान भाईयों के जान से प्यारे शरद पवार"जी का???????दस साल कृषी मंत्री और करीब तैतीस साल भावी पंतप्रधान?
bhajpa ne glti ki ajit pawar ko nhi lena chahiye tha maharastra me ajit pawar ke karan sindhe bjp ki seat kam aayi bjp ko vidhansabha se ajit pawar ko nhi lena chahiye
अजित पवार को गवर्नमेंट में लेने के बाद ही बीजेपी की महाराष्ट्र में आबरु कम हो गयी.... इस गलत कदम को महाराष्ट्र.... आने वाले विधान सभा में भी उपर उठना मुश्किल.... 😢😢😢