गांव में इतना प्रेम है कि क्या कहा जाए जिस प्रेम से आम खिला रहे है चाचा उतना प्रेम शहर में नही मिल सकता यहां लोग कुत्ता पाल के खिलाते है यही अंतर है गांव और शहर में ।
आनंद आया आपका बाग खेतों पर चारपाई पर दिल से प्यार सम्मान करने वाले भाई को राम राम जी 🙏🙏 आज भी शहरों की चकाचौंध और बनावटी प्रेम से गांव का कोई मुकाबला नहीं,,
सर जी हम बलिया जिले से है इस वीडियो को और लम्बा करना था बहुत मजा आया नेता और हीरो हिरोइन का वीडियो बहुत देखते है लेकिन किसान और चरवाहे लोग के वीडियो बहुत कम मिलता हैं देखने को बहुत सही लगा
@@diwakaryadav990 पत्रकार महोदय बात का पेड़ पर चढ़ाकर यादव जी से लगभग सत्तर अस्सी रुपए का आम चख लिया। मार्केट में तो कार्बाइड से पके हुए आम मिलते हैं,यह पेड़ का पका हुआ है । चालू पत्रकार।
सादर प्रणाम सर। सर आपके पैर में क्या हो गया है? आपकी नीर-क्षीर विवेक पद्धति और जिंदादिली मन मोह लेती है। ईश्वर विश्व के समस्त आसेब से इस (आपको) अनुपम हीरे को सदैव बचा कर रखें ताकि इसके अमर आलोक में हम उचित-अनुचित का निर्धारण कर सकें। धन्यवाद।
कोईजोड़ नहीं है माननीय पूर्व प्रमुख जी आपका प्रतिनिधिके रूप में/लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूपमें आप जैसे बहादुर लीडर स्पष्टवक्ता कलाम के सिपाही, जन संसद आपका हृदय से नमन करताहूं,, वह माता पिता धन है जो आप जैसे महान पुत्र रत्न को जन्म दिया है, उत्तर प्रदेश ही नहीं हिंदुस्तानही नहीं आपका कर्म निष्ठा विश्वास के पर्याय पत्रकारिता के माध्यम से विश्व स्तर पर आपका डंका बज रहा है, सागरआपको प्रणाम🎉🎉❤
बृज भूषण जी यही तो हमारी संस्कृति है यही सभ्यता है इसको भूलनी नहीं चाहिए सर आप बहुत अच्छे इंसान हैं ऐसे ही वीडियो दिखाए करिए ताकि हमारी सभ्यता हमारी संस्कृति की रक्षा हो सके
Ekdam aisai hamrau sabhe k iha ka kahanai bag bagaicha ka rha pahile jaise ghna rha surya ki roshni na aa paye, ghiyahwa, matahwa, chorhwa, aur kai prkar k deshi aam hote the gaanv me
भारत में दो तरह के स्कूल हैं --(1) सरकारी या प्राइवेट स्कूल और (2) राम का स्कूल...ही ही ही ही....सारे अनपढ़ गंवार राम के स्कूल में पढ़ायी लिखाई किया है...ही ही ही ही....