विजय लाल यादव कहते है कि मैं 40साल से गाना गा रहा हूं और जैसा कि मै इनके बारे में बहुत जानता हू कि जबकि चंचल यादव को 07साल हुआ है। यदि आप सिनियर बनते है उसी तरह का आचरण भी होना चाहिए । जब चंचल यादव पुरस्कार देकर सम्मानित कर रही है और उनके सिर पर तमाचा मारे , यह बहुत ही अशोभनीय कृत्य था और सभी को बहुत ही बुरा लगा। रामखेलावन, रामदेव, बुल्लू को अपना गुरु मानते तो क्या वे लोग मंच पर नाचते थे। यदि नाचना ही है तो आरकेसटा खोल ले। जिनमें गाते और नाचते भी है।आप लोग तो हीरालाल यादव का कोई नाम ही नही लेता है ,.....,.............
😂😂अरे यार इतना बड़ा नामी गायक कलाकार होके बिना दारू के आजकल मंच पर नाही चढ़त हैं का खाटी अहिरान में दूध के कमी हो गईल या आज दूध के ताकत आज कम पड़ गईल जिसके दम पर 40साल से बिरहा गाए। धिक्कार है और शर्म की बात है जो अहीर के औलाद होकर दूध के आगे दारू के महत्व देवे लगला। और दारू के नशा में देवालाल के कुछ भी बोल देबा, चंचल के बोल देबा, रजनीगन्धा के बोल देबा। यहीं सब हरकत तोहरे चेला भी सीखत हैं देखला प्रमोद के गायी कम तोहरे एक्टिंग ज्यादा उतारी।