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जड़-चेतन ग्रंथि खोलने में सहायक ज्ञानदीपक एवं भक्तिमणि के प्रकाश का तुलनात्मक वर्णन  

RamcharitManas-Kashi
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उत्तरकाण्ड प्लेलिस्ट
• रामचरितमानस गायन (उत्त...
18006271632
औरउ ग्यान भगति कर भेद सुनहु सुप्रबीन।
जो सुनि होइ राम पद प्रीति सदा अबिछीन॥116 ख॥
भावार्थ:-हे सुचतुर गरुड़जी! ज्ञान और भक्ति का और भी भेद सुनिए, जिसके सुनने से श्री रामजी के चरणों में सदा अविच्छिन्न (एकतार) प्रेम हो जाता है॥116 (ख)॥
चौपाई :
* सुनहु तात यह अकथ कहानी। समुझत बनइ न जाइ बखानी॥
ईस्वर अंस जीव अबिनासी। चेतन अमल सहज सुख रासी॥1॥
भावार्थ:-हे तात! यह अकथनीय कहानी (वार्ता) सुनिए। यह समझते ही बनती है, कही नहीं जा सकती। जीव ईश्वर का अंश है। (अतएव) वह अविनाशी, चेतन, निर्मल और स्वभाव से ही सुख की राशि है॥1॥
* सो मायाबस भयउ गोसाईं। बँध्यो कीर मरकट की नाईं॥
जड़ चेतनहि ग्रंथि परि गई। जदपि मृषा छूटत कठिनई॥2॥
भावार्थ:-हे गोसाईं ! वह माया के वशीभूत होकर तोते और वानर की भाँति अपने आप ही बँध गया। इस प्रकार जड़ और चेतन में ग्रंथि (गाँठ) पड़ गई। यद्यपि वह ग्रंथि मिथ्या ही है, तथापि उसके छूटने में कठिनता है॥2॥
* तब ते जीव भयउ संसारी। छूट न ग्रंथि न होइ सुखारी॥
श्रुति पुरान बहु कहेउ उपाई। छूट न अधिक अधिक अरुझाई॥3॥
भावार्थ:-तभी से जीव संसारी (जन्मने-मरने वाला) हो गया। अब न तो गाँठ छूटती है और न वह सुखी होता है। वेदों और पुराणों ने बहुत से उपाय बतलाए हैं, पर वह (ग्रंथि) छूटती नहीं वरन अधिकाधिक उलझती ही जाती है॥3॥
* जीव हृदयँ तम मोह बिसेषी। ग्रंथि छूट किमि परइ न देखी॥
अस संजोग ईस जब करई। तबहुँ कदाचित सो निरुअरई॥4॥
भावार्थ:-जीव के हृदय में अज्ञान रूपी अंधकार विशेष रूप से छा रहा है, इससे गाँठ देख ही नहीं पड़ती, छूटे तो कैसे? जब कभी ईश्वर ऐसा संयोग (जैसा आगे कहा जाता है) उपस्थित कर देते हैं तब भी कदाचित्‌ ही वह (ग्रंथि) छूट पाती है॥4॥
* सात्विक श्रद्धा धेनु सुहाई। जौं हरि कृपाँ हृदयँ बस आई॥
जप तप ब्रत जम नियम अपारा। जे श्रुति कह सुभ धर्म अचारा॥5॥
भावार्थ:-श्री हरि की कृपा से यदि सात्विकी श्रद्धा रूपी सुंदर गो हृदय रूपी घर में आकर बस जाए, असंख्य जप, तप व्रत यम और नियमादि शुभ धर्म और आचार (आचरण), जो श्रुतियों ने कहे हैं,॥5॥
* तेइ तृन हरित चरै जब गाई। भाव बच्छ सिसु पाइ पेन्हाई॥
नोइ निबृत्ति पात्र बिस्वासा। निर्मल मन अहीर निज दासा॥6॥
भावार्थ:-उन्हीं (धर्माचार रूपी) हरे तृणों (घास) को जब वह गो चरे और आस्तिक भाव रूपी छोटे बछड़े को पाकर वह पेन्हावे। निवृत्ति (सांसारिक विषयों से और प्रपंच से हटना) नोई (गो के दुहते समय पिछले पैर बाँधने की रस्सी) है, विश्वास (दूध दुहने का) बरतन है, निर्मल (निष्पाप) मन जो स्वयं अपना दास है। (अपने वश में है), दुहने वाला अहीर है॥6॥
* परम धर्ममय पय दुहि भाई। अवटै अनल अकाम बनाई॥
तोष मरुत तब छमाँ जुड़ावै। धृति सम जावनु देइ जमावै॥7॥
भावार्थ:-हे भाई, इस प्रकार (धर्माचार में प्रवृत्त सात्विकी श्रद्धा रूपी गो से भाव, निवृत्ति और वश में किए हुए निर्मल मन की सहायता से) परम धर्ममय दूध दुहकर उसे निष्काम भाव रूपी अग्नि पर भली-भाँति औटावें। फिर क्षमा और संतोष रूपी हवा से उसे ठंडा करें और धैर्य तथा शम (मन का निग्रह) रूपी जामन देकर उसे जमावें॥7॥
* मुदिताँ मथै बिचार मथानी। दम अधार रजु सत्य सुबानी॥
तब मथि काढ़ि लेइ नवनीता। बिमल बिराग सुभग सुपुनीता॥8॥
भावार्थ:-तब मुदिता (प्रसन्नता) रूपी कमोरी में तत्व विचार रूपी मथानी से दम (इंद्रिय दमन) के आधार पर (दम रूपी खंभे आदि के सहारे) सत्य और सुंदर वाणी रूपी रस्सी लगाकर उसे मथें और मथकर तब उसमें से निर्मल, सुंदर और अत्यंत पवित्र वैराग्य रूपी मक्खन निकाल लें॥8॥
दोहा :
* जोग अगिनि करि प्रगट तब कर्म सुभासुभ लाइ।
बुद्धि सिरावै ग्यान घृत ममता मल जरि जाइ॥117 क॥
भावार्थ:-तब योग रूपी अग्नि प्रकट करके उसमें समस्त शुभाशुभ कर्म रूपी ईंधन लगा दें (सब कर्मों को योग रूपी अग्नि में भस्म कर दें)। जब (वैराग्य रूपी मक्खन का) ममता रूपी मल, जल जाए, तब (बचे हुए) ज्ञान रूपी घी को (निश्चयात्मिका) बुद्धि से ठंडा करें॥117 (क)॥
* तब बिग्यानरूपिनी बुद्धि बिसद घृत पाइ।
चित्त दिआ भरि धरै दृढ़ समता दिअटि बनाइ॥117 ख॥
भावार्थ:-तब विज्ञान रूपिणी बुद्धि उस (ज्ञान रूपी) निर्मल घी को पाकर उससे चित्त रूपी दीए को भरकर, समता की दीवट बनाकर, उस पर उसे दृढ़तापूर्वक (जमाकर) रखें॥117 (ख)॥
* तीनि अवस्था तीनि गुन तेहि कपास तें काढ़ि।
तूल तुरीय सँवारि पुनि बाती करै सुगाढ़ि॥117 ग॥
भावार्थ:-(जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति) तीनों अवस्थाएँ और (सत्त्व, रज और तम) तीनों गुण रूपी कपास से तुरीयावस्था रूपी रूई को निकालकर और फिर उसे सँवारकर उसकी सुंदर कड़ी बत्ती बनाएँ॥117 (ग)॥
सोरठा :
* एहि बिधि लेसै दीप तेज रासि बिग्यानमय।
जातहिं जासु समीप जरहिं मदादिक सलभ सब॥117 घ॥
भावार्थ:-इस प्रकार तेज की राशि विज्ञानमय दीपक को जलावें, जिसके समीप जाते ही मद आदि सब पतंगे जल जाएँ॥117 (घ)॥
चौपाई :
* सोहमस्मि इति बृत्ति अखंडा। दीप सिखा सोइ परम प्रचंडा॥
आतम अनुभव सुख सुप्रकासा। तब भव मूल भेद भ्रम नासा॥1॥
भावार्थ:-'सोऽहमस्मि' (वह ब्रह्म मैं हूँ) यह जो अखंड (तैलधारावत्‌ कभी न टूटने वाली) वृत्ति है, वही (उस ज्ञानदीपक की) परम प्रचंड दीपशिखा (लौ) है। (इस प्रकार) जब आत्मानुभव के सुख का सुंदर प्रकाश फैलता है, तब संसार के मूल भेद रूपी भ्रम का नाश हो जाता है,॥1॥
* प्रबल अबिद्या कर परिवारा। मोह आदि तब मिटइ अपारा॥
तब सोइ बुद्धि पाइ उँजिआरा। उर गृहँ बैठि ग्रंथि निरुआरा॥2॥
भावार्थ:- और महान्‌ बलवती अविद्या के परिवार मोह आदि का अपार अंधकार मिट जाता है। तब वही (विज्ञानरूपिणी) बुद्धि (आत्मानुभव रूप) प्रकाश को पाकर हृदय रूपी घर में बैठकर उस जड़ चेतन की गाँठ को खोलती है॥2॥
शेष यहाँ:
hindi.webdunia.com/religion/r...

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18 авг 2021

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Комментарии : 42   
@user-jc1xg1mv3f
@user-jc1xg1mv3f 5 месяцев назад
. ये कथा मधुर परम सुखद और आत्मा को सहज ही आकर्षित और आनंद प्रदान करने वाली है। धन्य है ये भारत भूमि जहां भगवान और भक्त प्रकट हुए।👏🙏😌👌🌹🚩🚩🥀🌺🪷💐🌻🌞🌷🌷💐🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
@motilalkewat844
@motilalkewat844 Год назад
जाकर नाम सुनत शुभ होई मोरे ह्रदय रहो प्रभु सोई
@sughrivmaurya9605
@sughrivmaurya9605 3 месяца назад
Hari Hari om👏 bahut achha ok
@animachikbaraik8692
@animachikbaraik8692 Год назад
Naya hoo is marge my ! Or sun kar man ram ji charno ke or vagta ha! Bas Jevan May ram pad or kuch nahi ! Dharay rahna ram ji ❤️❤️❤️😭😭😭
@sardarpathak5710
@sardarpathak5710 Год назад
जय रघुनंदन जय सिया राम
@JayaJaya-fp2gg
@JayaJaya-fp2gg 2 года назад
🙏🏻🙏🏻
@nandaniprasadmishra-fz9uw
@nandaniprasadmishra-fz9uw 5 месяцев назад
जय श्री राम बहुत सुंदर और सही ढंग से श्री रामचरितमानस का वाचन किया गया बहुत बहुत आभार 🎉🎉🎉
@vinaytiwari8671
@vinaytiwari8671 2 года назад
Siya var Ramchandra ki Jay
@vinodsinghsolanki2223
@vinodsinghsolanki2223 Год назад
जय श्री राम
@munnadev1728
@munnadev1728 3 месяца назад
जय श्री सीताराम
@bhagwatsarma1691
@bhagwatsarma1691 2 года назад
बहुत सुंदर स्वर्ग श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड
@rishudwivedi739
@rishudwivedi739 2 года назад
Jay Shree Ram
@ajitsinghchadwas3096
@ajitsinghchadwas3096 19 дней назад
।। जय श्री राम जय श्री राम हरे राम हरे राम अति उत्तम अति मंगल
@parthsarthidubey5705
@parthsarthidubey5705 6 месяцев назад
जय श्री सीता राम जी
@eshwarsharma4582
@eshwarsharma4582 3 месяца назад
जय सियाराम
@prashantsingh-fv3mr
@prashantsingh-fv3mr 9 месяцев назад
है मेरे प्रभु श्री सीता राम मेरे पूज्य माता पिता को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।मुझे मार्ग दर्शन दें।।🙏🙏🚩🙏🚩🙏🚩🚩🙏🚩🙏🚩🙏🚩🙏
@vishalgandotra3035
@vishalgandotra3035 Год назад
jai sita ram
@tishmalhotra5622
@tishmalhotra5622 2 года назад
Jai Siya Ram
@karnaoram273
@karnaoram273 2 года назад
Jai Siyaram 🙏🙏🙏💐🌼🌸🌺
@nepalisingh615
@nepalisingh615 Год назад
Ji sri rm
@ashishdubey8896
@ashishdubey8896 10 месяцев назад
जय माता दी।।🙏🙏🌹🌹🇮🇳🇮🇳
@palji6445
@palji6445 17 дней назад
Surusebhejnekikripakare❤
@birendrakumarupadhyay6672
@birendrakumarupadhyay6672 Год назад
जय श्री राम जी 🙏
@bhavintrivedi5982
@bhavintrivedi5982 2 года назад
Jay shree ram 🙏🌹🙏
@hemantsingh1926
@hemantsingh1926 Год назад
Jai shree sita Ram 🙏🙏
@rajveerraghuwanshi8007
@rajveerraghuwanshi8007 2 года назад
सिया वर रामचन्द्रजी की जय
@son_of_destiny
@son_of_destiny 2 года назад
💐🙏ll Jai Shri Ram ll🙏💐
@dr.ramjanamdubey5295
@dr.ramjanamdubey5295 2 года назад
*FABULOUSLY & ENCHANTING RECITATION OF SHRI RAMAYAN; CHAUPAA-I, DOHA,* *SORATHA & SHLOKAS* *WITH LYRICS, CLEAR VOICE* *OM JAY SHRI SITA RAM* *OM JAY BABA SHRI TULASI DAS*
@SoFarSoGood_35
@SoFarSoGood_35 2 года назад
जय जय श्री सीताराम जी की!!🙏🙏🙏🙏🙏
@bawanisankarpragya.purari4660
@bawanisankarpragya.purari4660 2 года назад
ओम नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम 🙏🙏🙏
@bawanisankarpragya.purari4660
@bawanisankarpragya.purari4660 2 года назад
Jai Bhavani Shankar 🙏🏻🙏🏻 Om Namha shivay Om Namha shivay Om Namha shivay ओम नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः
@user-lc3hr8cp9p
@user-lc3hr8cp9p 2 года назад
नमो राघवाय 🌷🚩🙏
@jagdishprasadsingh2758
@jagdishprasadsingh2758 2 года назад
Jai Shri Ram 🙏🙏🙏
@SatyamPandey-ig1km
@SatyamPandey-ig1km 2 года назад
Jai SiyaRam Jiki
@RAVIPATEL-eu3bv
@RAVIPATEL-eu3bv 2 года назад
जय जय श्री राम
@user-rm2ll6su4s
@user-rm2ll6su4s Год назад
पूरी रामायण सातों कांड सुनाओ जी नंबर नंबर से
@RamcharitManas
@RamcharitManas Год назад
प्लेलिस्ट देखिये www.youtube.com/@RamcharitManas/playlists
@chandrikakudva5505
@chandrikakudva5505 2 года назад
PARAM DHARMA se PARAM GYAAN ! Only by kripa of Prabhu Shri Ram ! Jai Shri Ram !
@prahladagarwal4126
@prahladagarwal4126 Год назад
Bhakti Kitni Saral hai aisa Kuchh Das Ji Ne Khoob fresh hai Samjha Karo Bajai hai are Itni sari bhakti Kalyug mein Iske Sivay dusra Koi sadhan Nahin Hai Dhyan mein bahut Parishram AVN Lagan karni padati hai Bhakti to aap sote kutte baith ke Chalte Kahin Bhi Karenge to apna Kalyan hai Jay Shri Ram
@baikunthnathpathak5200
@baikunthnathpathak5200 Год назад
जय श्री राम
@ashishuikey6299
@ashishuikey6299 2 года назад
Jai shree ram
@anandmishra5368
@anandmishra5368 2 года назад
jai jai siya ram🙏🙏🙏
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Я нашел кто меня пранкует!
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