जय लक्ष्मी रमना || Jai Laxmi Ramna || Mata Aarti || Mata Geet || Laxmi Mata Aarti || Mata Bhakti
सत्यानारायण भगवान की आरती ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा का गायन जो भक्त नियमित रूप से सुबह शाम गाते हैं उस पर देवी लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु कृपा करते हैं। आप भी परिवार सहित घंटी और शंख बजाते हुए लक्ष्मी रमणा आरती का गायन मन लगाकर करें तो देवी लक्ष्मी और सत्यनारायण भगवान की कृपा से जीवन आनंद से परिपूर्ण हो जाएगा।
इस आरती का गाय जो भक्त मन लगाकर नियमित और सत्यनारायण भगवान की पूजा में गाते हैं उस पर लक्ष्मी नारायण की बड़ी कृपा होती है। आप भी परिवार सहित इस आरती का गायन करें।
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सत्यनारायण स्वामी जन पातक हरणा॥
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
रत्न जडि़त सिंहासन अद्भुत छवि राजै। नारद करत निराजन घंटा ध्वनि बाजै॥
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
प्रकट भये कलि कारण द्विज को दर्श दियो। बूढ़ा ब्राह्मण बनकर कांचन महल कियो॥
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी। चन्द्रचूड़ एक राजा तिनकी विपत्ति हरी॥
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दीन्हों। सो फल भोग्यो प्रभु जी फिर-स्तुति कीन्हीं॥
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
भाव भक्ति के कारण छिन-छिन रूप धरयो। श्रद्धा धारण कीनी, तिनको काज सरयो॥
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी। मनवांछित फल दीन्हों दीनदयाल हरी॥
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
चढ़त प्रसाद सवायो कदली फल, मेवा। धूप दीप तुलसी से राजी सत्य देवा॥
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
श्री सत्यनारायण जी की आरती जो कोई नर गावै। भगतदास तन-मन सुख सम्पत्ति मनवांछित फल पावै॥
ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
30 сен 2024