टिहरी बांध, उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में भागीरथी और भिलंगना नदी पर बना है. इस बांध का निर्माण 2006 में शुरू हुआ था. यह दुनिया का आठवां सबसे बड़ा बांध है. इसकी ऊंचाई 260.5 मीटर है और लंबाई 575 मीटर है. इस बांध का मुख्य उद्देश्य जल संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना और पनबिजली परियोजनाओं का निर्माण करना है. यह बांध सिंचाई और बिजली पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. बांध के जलाशय में 925 मिलियन क्यूबिक मीटर का मृत भंडारण और 2,615 मिलियन क्यूबिक मीटर का सक्रिय भंडारण होता है, जिससे कुल भंडारण क्षमता 3,540 मिलियन क्यूबिक मीटर हो जाती है. ऐसा अनुमान है कि टिहरी जलविद्युत परिसर के पूर्ण होने पर यहां से हर साल 620 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होगा. यह बिजली दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों के लोगों को दी जा सकेगी.
.. टिहरी बाँध टेहरी विकास परियोजना का एक प्राथमिक बाँध है जो उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी जिले में स्थित है। इसे स्वामी रामतीर्थ सागर बांध भी कहते हैं |यह बाँध हिमालय की दो महत्वपूर्ण नदियों पर बना है जिनमें से एक गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी तथा दूसरी भीलांगना नदी है, जिनके संगम पर इसे बनाया गया है।
23 сен 2024