1 கிறிஸ்துவின் நற்செய்தியின் நிமித்தம் 2021, மே 20 வரை கைதியாக இருக்கும் நான் தீர்க்கதரிசி காக்குவ் பிலிப்பு, 2019,நவம்பர் 7 வியாழக்கிழமை அன்று, நான் எனது வீட்டிலிருந்து, பெளத்த மதம், இந்து மதம், தெள மதம், சமண மதம் ஆகியமதங்கள் மீதும் ஜப்பான், இந்தியா, சீனா மற்றும் ஆசியாவெங்குமுள்ள சகல மதங்கள் மீதும் உரைத்த இறைவார்த்தைகள், 2 பரலோக இராஜ்ஜியம் ஒரு இளங்கலைப் பட்ட தேர்வைப் போலானது, அதில் ஒரு தேர்வர் மட்டுமே தேர்ச்சி பெற்று, அவரைப் பின்பற்றுகிற அனைவருடனும் அவர் மோட்சத்தில் அல்லது நித்திய சொர்க்கத்தில் பிரவேசிப்பார். அனைத்துதேர்வர்களும் திறமையும், ஞானமும் புத்திசாலித்தனமும் உள்ள மனிதர்களாக இருந்தனர் ஆனால் அவர்களில் ஒருவர்தொடக்கப்பள்ளி கல்வி மட்டுமே பெற்றவரும், ஏன் அவர் ஒரு இளங்கலைப் பட்ட தேர்வு அறையில் இருக்கிறார் என்பதைபொருட்படுத்தாதவராகவும் உள்ளார். மேலும் அந்த மனிதன், அது நான் தான், காக்குவ் பிலிப்பு, உங்களுடன் பேசிக்கொண்டிருக்கின்றேன், தரிசனத்தில் நான்: "ஆனால் நான் இங்கே ஒரு இளங்கலைப் பட்ட தேர்வு அறையில் என்னசெய்கிறேன்? நான் ஒரு சிறந்த பள்ளி படிப்பைக்கூட கொண்டிருக்கவில்லையே, நான் என்ன எழுதப் போகிறேன்?" என்றுஎன்னிடம் சொல்லிக்கொண்டேன். Www.PhilippeKacou.Org (Officiel)
ru-vid.com/video/%D0%B2%D0%B8%D0%B4%D0%B5%D0%BE-MNoLTgyrrHQ.html उम्मीद है बुद्ध धम्म को बेहतर तरीके से समझने में आपको मदत होगी ru-vid.com/video/%D0%B2%D0%B8%D0%B4%D0%B5%D0%BE-KLLD4eztswU.html
यह मैं था, पैगंबर काक्कू फिलिप्प, जिन्होंने सार्वजनिक पाप स्वीकारोक्ति के माध्यम से पृथ्वी पर वास्तविक पवित्रता को वापस लाया। और सभी धार्मिक नेता जो सार्वजनिक स्वीकारोक्ति से इनकार करते हैं, वे सुअर प्रजनक हैं। रात में, उन वफादार, उन ईसाई, मुस्लिम, बौद्ध, हिंदू, ताओवादी, कन्फ्यूशीवादी जो आप देखते हैं, वे फिल्म निर्माता और अपने फोन के साथ सेक्स फिल्मों के अभिनेता हैं। इसलिए वे काक्कू फिलिप्प और सार्वजनिक पाप स्वीकारोक्ति से नफरत करते हैं। 🇬🇧 www.philippekacou.org/en
5 आप सभी, बौद्ध धर्म के सदस्य, हिंदू धर्म, शिंटोवाद, ताओवाद, और जैन धर्म, हजारों वर्षों तक आपके पिता ने इन प्रथाओं में एक महान उद्देश्य के लिए इतना कष्ट उठाया। यह पृथ्वी पर अमीर बनने के लिए नहीं था, लेकिन अंतिम मुक्ति और निर्वाण के लिए, उनकी मृत्यु के बाद परमेशवर का शाश्वत स्वर्ग। आज, मैं, काक्कू फिलिप्प, मैं आपके पास परमेशवर के साथ आता हूं जो आपने बहुत चाहा है। मैं आपके पास शुद्धि के मार्ग और अंतिम मुक्ति के लिए आया हूं जो आपने बहुत चाहा है। 6 और 24 अप्रैल, 1993 को ईश्वर से मुझे मिले रहस्योद्घाटन के अनुसार, स्वर्ग के लिए इस शुद्धिकरण के दो पहलू हैं। सबसे पहले, इस शुद्धिकरण में आज्ञाओं का पालन करना शामिल है जो आपका परमेशवर आज आपको दे रहा है। उदाहरण के लिए: कोई भी कभी भी अपने पति या पत्नी के जननांगों पर अपना मुंह नहीं लगाएगा और एक आदमी जानवर की तरह अपनी पत्नी से कभी पीछे नहीं हटेगा। और एक विवाहित महिला के साथ व्यभिचार के मामले में, आप अपने पति से क्षमा मांगने के लिए एक गवाह के साथ जाएंगे। आप कभी भी किसी महिला की नग्नता की तस्वीर या वीडियो नहीं लेंगे। आप अपने फोन या कंप्यूटर पर कभी भी सेक्स पिक्चर या वीडियो डाउनलोड या देख नहीं पाएंगे।
26 एक समय आएगा जब उत्तरी अफ्रीका में ईसाई अपने ईश्वर की स्वतंत्र रूप से पूजा करने में सक्षम है, अपने ईश्वर के बारे में स्वतंत्र रूप से बोलने में सक्षम हैऔर कोई भी धर्म इसे रोक नहीं पाएगा। ईश्वर ऐसा बना देगा कि एक दिन, इंटरनेट या अन्य के माध्यम से, इस्लाम की बाधाओं और दीवारों को छेद दियाजाएगा और फल सड़कों पर दिखाई देंगे और परमेश्वर का वचन और उद्धार उत्तरी अफ्रीका में अरब तक पहुंच जाएगा, यहां तक कि अपने आंतरिक कमरे में भी।आज, इंटरनेट संचार का सबसे बड़ा साधन है जिसे ईश्वर ने मानवता को दिया है, जो सभी प्रकार के मानव और धार्मिक अवरोधों के माध्यम से छेदने में सक्षम है।और मैं नहीं जानता कि कैसे लेकिन एक दिन, ईसाइयों के ईश्वर फिर से उत्तरी अफ्रीका का दौरा करेंगे और महान प्रचारक फिर से पहले ईसाइयों के समय के रूपमें स्टेडियमों में आयोजित किए जाएंगे। और यह एक दिन पृथ्वी पर होगा क्योंकि मैं, भविष्यवक्ता काक्कू फिलिप्प, मैंने घोषणा की है।
भाई आप के जैसे लोग पूरे भारत मे हो जाये जातिवाद अपने आप खत्म हो जाएगा अफसोस यही है के अभी भी कुछ लोग ऐसे है जो जातिवाद रखते है 21 वी सदी में ऐसा होता है
@@user-ji2xr2ns3p 😂😂😂वैसे तो अम्बेडकर जी हिन्दू ही रहना चाहते थे पर पाखण्ड के आगे उनकी एक न चली। वो पाखण्ड जो स्वार्थी ब्राह्मणो द्वारा कर्म पर आधारित जाति को बदलकर जन्मजात पर आधारित कर दिया अगर ऐसा न हुआ होता तो हिन्दू धर्म से अलग होकर सिख धर्म ही नहीं बनता।
बाबा साहब एक महान व्यक्तित्व थे उनके विचारों पर ही चल कर इंसान तरक्की कर सकता है इसीलिए उन्होंने बुद्ध के धम्म को अपनाया था आज के दौर में सभी को बुद्ध की शिक्षाओं पर केंद्रित होना चाहिए जो साइंटिफिक भी है।
बाबा साहब के उपकार को ना यह देश बल्कि विश्व कभी चुका नहीं पाएगा और मेरे पास ऐसी कोई शब्द नहीं है जिससे मैं बाबा साहब को नमन करूं उनका आभार प्रकट कर सकूं फिर भी बाबा साहब आधुनिक भारत के निर्माता थे आज दुर्भाग्य है कि देश में वही लोग शासन सत्ता में है जिसको बाबा साहब ने देश के लिए खतरा बताया था
Congress, Aap aur others political party aisa nhi hone degi. Mujhe lagta hai dharam jatiyo se aajad hona chaiye. Ek aisa law pass ho jha jatiya hone par punishment mile. Kyo ki jab tak jatiya hamare dharam me hogi tab tak equality nhi aa sakti.. aaj duniya ke sabhi dharmo me jatiya aur panthwaad hai. Bhuddism aur Jainism jinhone jatiyo ka khandan kiya wha bhi jatiya apna pair pasaar chuki hai. Soch hume badalni hai. Hum apni identity apni jatiyo se na de karke apne dharam se hi de. Aur mahaveer aur Bhuddha ka sapna sarkaar kare
@@ashishjain1660 Dr.Ambedkar ji ne iska b solution diya hai👆 inter cast marriage karo apne aap sab jaati cast khatam hoge ek din🙏 or koi law ki jarurat nai hai🇮🇳indian constitution is best in world Thoda read karo🙏jai Bhim🙏
@@ashishjain1660 Dr.Ambedkar ji ne iska b solution diya hai👆 inter cast marriage karo apne aap sab jaati cast khatam hoge ek din🙏 or koi law ki jarurat nai hai🇮🇳indian constitution is best in world Thoda read karo. Sab party ek hi RSS k vichar pe chal rahi hai RSS se desh ka kuch nai hone vala isliye party jaati cast K bahar aak vote karo desh k liye.🙏Jai Bhim🙏
1. Ambedkar's Advice to Christians 2. 3. The speech delivered to Indian Christians of Sholapur. Published in 'Janata' of 5.2.1938, reproduced from 'Dnyanodaya' "From the available religions and personalities in the world, I consider only two- Budha 3. and Christ for conversion. We want a religion for me and my followers which will teach equality freedom among men, and how man must behave with men and God, how child should behave with father etc. "Missionaries feel they have done their duty when they convert an untouchable to Christianity. They do not look after their political rights. I find this is a big fault in Christains. Because they have not entered into politics uptill now. It is difficult for any institution to survive without political support. We, Untouchables, though are ignorant and illeterate, we are in movement. That is why we have 15 seats in the Legislative Assembly. Students are getting scholarships, there are government hostels. Such is not the case of Christian students. If an Luntouchable student getting scholarship get converted. his scholarship is stopped though his financial status remains same. If you were in politics, things would have been opposed. "Your society is educated. Hundreds of boys and girls are matric. These people have not agitated against this injustice unlike the uneducated untouchables. any girl becomes a nurse or any boy beccomes a teacher they are involved in their own affairs, they do not get involved in public affairs. Even clerks and officers are busy in their work, he ignores the social injustice. Your society is so much educated, how mäny are District judges or magistrates? I tell you, this is because of your neglect towards politics because there in nobody to talk of and fight for your rights." [Ganjare vol. III p. 142 ff ]
You are a great channel it's my society, that means bahujan sammaj ..& true story are seen of backward classes....... Jai bheem,. Jai sambhidhan............
1. Ambedkar's Advice to Christians 2. 3. The speech delivered to Indian Christians of Sholapur. Published in 'Janata' of 5.2.1938, reproduced from 'Dnyanodaya' "From the available religions and personalities in the world, I consider only two- Budha 3. and Christ for conversion. We want a religion for me and my followers which will teach equality freedom among men, and how man must behave with men and God, how child should behave with father etc. "Missionaries feel they have done their duty when they convert an untouchable to Christianity. They do not look after their political rights. I find this is a big fault in Christains. Because they have not entered into politics uptill now. It is difficult for any institution to survive without political support. We, Untouchables, though are ignorant and illeterate, we are in movement. That is why we have 15 seats in the Legislative Assembly. Students are getting scholarships, there are government hostels. Such is not the case of Christian students. If an Luntouchable student getting scholarship get converted. his scholarship is stopped though his financial status remains same. If you were in politics, things would have been opposed. "Your society is educated. Hundreds of boys and girls are matric. These people have not agitated against this injustice unlike the uneducated untouchables. any girl becomes a nurse or any boy beccomes a teacher they are involved in their own affairs, they do not get involved in public affairs. Even clerks and officers are busy in their work, he ignores the social injustice. Your society is so much educated, how mäny are District judges or magistrates? I tell you, this is because of your neglect towards politics because there in nobody to talk of and fight for your rights." [Ganjare vol. III p. 142 ff ]
Excellent💯, eye opening report. Dr. Ambedkar did well, he accepted Bauth dharm. He said, devtaas can't save human being. Dr. VRA rightly reported, Religion is for human being.Congratulations🎉🎉🎉🎉
5 आप सभी, बौद्ध धर्म के सदस्य, हिंदू धर्म, शिंटोवाद, ताओवाद, और जैन धर्म, हजारों वर्षों तक आपके पिता ने इन प्रथाओं में एक महान उद्देश्य के लिए इतना कष्ट उठाया। यह पृथ्वी पर अमीर बनने के लिए नहीं था, लेकिन अंतिम मुक्ति और निर्वाण के लिए, उनकी मृत्यु के बाद परमेशवर का शाश्वत स्वर्ग। आज, मैं, काक्कू फिलिप्प, मैं आपके पास परमेशवर के साथ आता हूं जो आपने बहुत चाहा है। मैं आपके पास शुद्धि के मार्ग और अंतिम मुक्ति के लिए आया हूं जो आपने बहुत चाहा है। 6 और 24 अप्रैल, 1993 को ईश्वर से मुझे मिले रहस्योद्घाटन के अनुसार, स्वर्ग के लिए इस शुद्धिकरण के दो पहलू हैं। सबसे पहले, इस शुद्धिकरण में आज्ञाओं का पालन करना शामिल है जो आपका परमेशवर आज आपको दे रहा है। उदाहरण के लिए: कोई भी कभी भी अपने पति या पत्नी के जननांगों पर अपना मुंह नहीं लगाएगा और एक आदमी जानवर की तरह अपनी पत्नी से कभी पीछे नहीं हटेगा। और एक विवाहित महिला के साथ व्यभिचार के मामले में, आप अपने पति से क्षमा मांगने के लिए एक गवाह के साथ जाएंगे। आप कभी भी किसी महिला की नग्नता की तस्वीर या वीडियो नहीं लेंगे। आप अपने फोन या कंप्यूटर पर कभी भी सेक्स पिक्चर या वीडियो डाउनलोड या देख नहीं पाएंगे।
डॉ बाबासाहेब साहेब हम दलीतो जनमो जन्म का अछूत, अत्याचार से हमे मुक्ति दे वी ईसिलिए हम पढ लिख पाए और हमे महान बुद्ध धर्म कि दिक्षा देकर हमे सन्मानित जीवन जीने हक दिया जो अब तक किसी भगवान ने नही दीया ईसलिए हम बौध्द धर्म और बाबासाहेब के लिये हुए शिक्षा व मार्ग पर चलना चाहिए,है आवाज चॅनल बहुमूल्य जानकारी के लिए शुक्रगुजार हु, जयभीम नमो बुध्दाय.पुणे महाराष्ट्र
स्कूलों में बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर जी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कराया जाना चाहिए ।सारे भारतीय मूलनिवासियों को बाबा साहेब के सपने साकार करने के लिए तन मन धन से बौद्ध धर्म अपनाना है। पाप मुक्त आजाद भारत तैयार करना है।
इस महान संविधान ने देश मे सभी धर्मो को बराबर का दर्जा दिया है, इसी लिए तो कहते है कि.मेरी भारत माँ की मिट्टी का अंदाज ही निराला है... हिंदु मुस्लिम,सिख इसाई,सबको अपने आँचल में पाल डॉक्टर बाबासाहेब भिमराव आंबेडकर जी को कोटी कोटी नमन
☸️ *अत्त दिप भव* ☸️ *अत्त दिप भव! हे वाक्य किती लहान आहे.,* *पण जेवढे ते लहान आहे तेवढाच त्यातील अर्थ संदर्भ महान आहे.,* *बुद्धाच्या तत्त्वज्ञानाचा तो सार आहे., बुद्धाच्या तत्त्वज्ञानाचा आधारभूत मुख्य विचार आहे.,* *कारण सुख दुःख यश अपयशाचे मूळ मन आहे व ते चुकीच्या संस्कारामुळे, सवयीमुळे मलीन बनले आहे.,* *ते मन प्रत्येकाचे त्याचे स्वतःचे आहे.,* *त्या मनावर इतरांचे नियंत्रण नसते.,* *यामुळे ते मन शुध्द करायचे व सुखी व्हायचे तर ज्याचे त्यालाच प्रयत्न करावे लागतील.,* बुद्ध म्हणतात *“अत्त दिप भव”* स्वतःच स्वतःचा दिप हो। *स्वतःच स्वतःचा प्रकाश हो।* *जीवनात सुख शांती, समाधान यश प्रतिष्ठा, मान, सन्मान, धन संपत्ती, आरोग्य जे काही हवे आहे., ते स्वतःच तुम्हाला स्वकष्टाने, स्वप्रयत्नाने मिळवायचे आहे.,* *दुःखी आहेस, संकटात आहेस, अपयशाने खचला आहेस, चिंताग्रस्त आहेस, भयभीत आहेस, व्यथित आहेस, विवंचनेत आहेस, संभ्रमात आहेस, व्याकूळ आहेस, तर तुला दुसरे बाहेर काढतील व सुखी करतील हे शक्य नाही.,* *जे काही करायचे आहे ते तुला स्वतःलाच करायचे आहे ज्याचे दुःख त्यालाच दूर करायचे आहे.,* *ज्याचे अपयश त्यालाच यशात रूपांतरित करायचे आहे.,* *जो अशांत आहे., त्यालाच स्वतः प्रयत्न करून शांती मिळवायची आहे.,* *जो निर्धन आहे., त्यालाच योग्य प्रामाणिक प्रयत्न करून सधन व्हायचे आहे.,* *1) बुद्ध कोणाला पावत नाही,* *कोणावर कोपतही नाही,* *कोणाला आशीर्वाद देत नाही,* *कोणाला शाप देत नाही,* *कोणाच्या अंगातही येत नाही,* *अंगात येणारे देव,भूत,प्रेत आत्मा यांचं अस्तित्व मात्र नाकारतो,* *ते स्वतःला देव म्हणवून घेत नाही,* *त्यांना पूजा नकोय,* *ते कुणालाही भीती दाखवत नाही,* *ते जगण्याचा मार्ग दाखवतात...* *कारण बुध्द मुक्तीदाता नसून.,* *मार्गदाता आहेत.* *2) मैं बुद्ध को इसलिये अपनाता हूँ.,* *कि बुद्ध ना स्वर्ग का लालच दिखाते हैं,* *ना नर्क का डर।* *वो ना खुद को भगवान कहते है,* *और ना ही मुक्तिदाता।* *वे सिर्फ अपने आप को मार्गदाता बताते है।*
Me pratham bharatiy hu aur antatak bharatiy rahunga yese kahanewale mahananav Dr babasaheb ambedkarji ko samajana bahot hi abhyaspurn he Jay bhim Jay savarakarji Jay modiji
परमपूज्य बोधिसत्व बाबासाहब डॉ०भीमराव रामजी अम्बेडकर ,को कोटि कोटि नमन । अनुसूसीचित जाती के लोग मूल रूप से नागवंशी हैं और बुद्ध धम्म के अनुयायी हैं । 4:48 बाबू जगजीवनराम यह भारत के ख्याति प्राप्त मंत्री , किन्तु अनुसूचित जाति के लोगों के जीवन में विशेष बदलाव नहीं ला पाए । आज कल कुछ ' नाम' विलास के आदि और ' नाम ' दास बौद्ध धर्म अनुयायी होने का दावा करते हैं और सत्ता से सांठगांठ बनाये हुए हैं , ☕ वाले के तोते बन गए हैं । आपकी यह रिपोर्ट तारकीक किन्तु जमीनी हक़ीक़त कुछ और आर०पी०आई का हाल देखो , राजनितिक पिठ्ठू कांग्रेस भाजपा दोने के बने हुए हैं बौद्ध बनने के बाद भी । सिद्दार्थ गौतम जन्मजात बौद्ध धर्म के अनुयायी नहीं , कुछ महामूर्ख खुद को जन्मजात बौद्ध कहते हैं । बाबासाहब के कारवां को केवल कांशीराम चला पाए , अब वह भी धुंधला हो गया । जय भीम नमो बुद्धस्स
बोधिसत्व बाबासाहेब आंबेडकरजी ने हमे बौद्ध धम्म देके हमरा पुनर्जन्म किया है/ हमारा उद्धार किया है, हम ऊनके आजन्म रिनी है. में सच्चे मन से उन्हे नतमस्तक अभिवादन करता हुं । जय भारत जय बुद्ध जय भीम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बाबा साहिब का यह विचार कैसे सही है "धर्म इंसान के लिए होता है, धर्म के लिए इंसान नहीँ" ??? कोई भी धर्म एक होता है उसमें इंसान अनेक होते हैं, अगर धर्म इंसान के हिसाब से चलेगा तो धर्म धर्म नही रह जाएगा, हर इंसान अलग सोच रखता है और हर कोई फिर धर्म को अपनी सोच से चलाएगा, जैसे अच्छे पंडितों ने हिन्दू धर्म का विकास किया तो भेद भाव वाली सोच वाले पंडितो ने हिन्दू धर्म का नुकसान किया,, जैसे औरंगजेब और मुग़लों ने इस्लाम को नुकसान पहुँचाया और आजकल के राजनितिक सिख अपने धर्म को नुकसान पहुंचा रहे हैं... मैं कहना ये चाहता हूँ के "धर्म के लिए इंसान होता है" क्योंकि इंसान धर्म के अनुसार बदल कर धर्मी कहलाता है ना के धर्म को अपने हिसाब से बदल कर ...
मैं सभी एससी एसटी ओबीसी श्रेणी के लोगों से प्रार्थना करना चाहूंगा के मंदिरों यहां तक कि सभी धर्म स्थानों पर दान देना बंद कीजिए अगर आप मंदिरों में दान देते हैं तो आप अपने पूर्वजों पर हुए जुल्मों के लिए मनु वादियों को इनाम दे रहे हो कभी सोचा है किसी मंदिर का पुजारी शूद्र क्यों नहीं अपनी मेहनत की कमाई यूं - मंदिरों में देना छोड़िए जय भीम जय भारत
भगवान बुद्ध जी सनातनी हिंदू थे सनातन धर्म का अंग बौद्ध है सारे बौद्ध सनातनी हिंदू हैं राष्ट्र में सभी लोग एक समान हिंदू हैं जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
Wah ankho me prem ke ansu aaa gye, dhanya hai hum, jo ap jaise margdarshak mile, Grehsth hone se pehle ya vivah ke baad mai bhi Bhudh ki sharn me jaunga....
Hindu dharm samay ke sath apni kamiyo ko dur kiya h aur Manav hit ki or aage badha h.jis dharam me whole world ko apna kutumb samajhata ho,bo bhala ek jati ko bhala kaise respect nahi karega,mai manta hu pahle padhe-likhe log bahut kam the jinko hindu dharam ki spirituality ka jyan nahi tha vaise logo ke bato me aakar hindu dharam ka tyag karna katai samajhadari nahi h.Har insan totally perfect nahi ho sakta chahe kyu n Ambedkar ji hi kyu n ho . I love hindu dharam .Budhhism aatma ko nahi manta but Hinduism shikhism and jainism aatma ko manta h kyuki aatma hi amar aur abinashi h jo paramsatya h.
Nice video with valuable information.. bt one date is wrong, I think 12 October 1956 is correct instead of 12 November 1956. Please check n make correction if needed
21 तुम्हारे ज़माने के जीवित नबी के संदेश के अलावा तुम को देव से मिलने कोई पर न सकेगा। एक शाकाहारी या कुम्भमेला तुम को भगवान या निर्वाण के करीब नहीं ला सकेगा। एक चॉशेंग या मक्का के तीर्थ यात्रा से एक आश्रम एक संकेत इस्लाम मसज़िद अयोध्या या दूसरे और जगह के एक हिन्दुमनिदर, तुम्हें देव या मोक्ष नहीं पा सकेगा। लेकिन तुम्हारे ज़माने देव भेजे एक आदमी के ज़रिये खुद ईशवर तुम्हारी रक्षक हैं वहा इसके बिना ईसा केसकांत पर या जाप्पान की पर्वत पर हिमालय पर या चीन के पाँच पुण्य पर्वत पर ध्यान में बैठकर प्रस्ताव या प्रार्थना स्वीकार करनेकेलिए देव कभी एक आदमी को धरती पर न भेजेगा। 22 जब योहन्नान स्नापक रोगिस्तान से लौट आये तब यहूद लोग प्रस्ताव से उसके पास आने के लिए वह एक बुद्ध बनकर आने की आवश्यकता क्या है? चालीस दिन और चालीस रात उपवास करने के बाद कर्ता येशु की भाषा इस प्रकार थी। (अणली) साँप के सन्तानों को सर्पी को सफ़ेद रंगे मकबरे सबयहूद लोगों को तोरा लौट लाने के लिए वह तुम्हारे सन्यासियों की तरह मधुर वाणि से रेगिस्तान से आने की अवश्यकता क्या है? सब रबियों और यहूद लोगउसको मिशिहाई पहचानेंगें? सच यानी तुम को क्या बुराई स्वीकार करना है? 23 उस दिन 1993 अप्रेल 24 में मैं दैवत्व से लौटने के बाद चीन के पाँच पवित्रपर्वत पर या जाप्पान के "कीये" पर्वत पर या हिमालय पर्वत पर जाकर मैं ध्यान मग्न रहें तो मुझे बताएं कि मैं मानव जाति के लिए क्या लाता हूं ताकि मनुष्य पश्चाताप और कि भूकंप और सुनामी पृथ्वी पर हमला नहीं कर सकते हैं।मुझ से बताओ कि दैविक नाम पर दूसरे लोग धरती में बुराई करके देखकर हम खुद परिपूर्ण पा सकोगे? जानते हैं कि प्रत्येक धर्म एक ही शैतान की ओर ले जाता है। और धर्म बदलना यानी जेल की कोठरियों बदलना है। देव किसी धर्म में नहीं। एक धर्म पर सदस्य बनने के लिए देव कभी एक आदमी को धरती पर नहीं भेजेंगें। WWW.PHILIPPEKACOU.ORG
5 आप सभी, बौद्ध धर्म के सदस्य, हिंदू धर्म, शिंटोवाद, ताओवाद, और जैन धर्म, हजारों वर्षों तक आपके पिता ने इन प्रथाओं में एक महान उद्देश्य के लिए इतना कष्ट उठाया। यह पृथ्वी पर अमीर बनने के लिए नहीं था, लेकिन अंतिम मुक्ति और निर्वाण के लिए, उनकी मृत्यु के बाद परमेशवर का शाश्वत स्वर्ग। आज, मैं, काक्कू फिलिप्प, मैं आपके पास परमेशवर के साथ आता हूं जो आपने बहुत चाहा है। मैं आपके पास शुद्धि के मार्ग और अंतिम मुक्ति के लिए आया हूं जो आपने बहुत चाहा है। 6 और 24 अप्रैल, 1993 को ईश्वर से मुझे मिले रहस्योद्घाटन के अनुसार, स्वर्ग के लिए इस शुद्धिकरण के दो पहलू हैं। सबसे पहले, इस शुद्धिकरण में आज्ञाओं का पालन करना शामिल है जो आपका परमेशवर आज आपको दे रहा है। उदाहरण के लिए: कोई भी कभी भी अपने पति या पत्नी के जननांगों पर अपना मुंह नहीं लगाएगा और एक आदमी जानवर की तरह अपनी पत्नी से कभी पीछे नहीं हटेगा। और एक विवाहित महिला के साथ व्यभिचार के मामले में, आप अपने पति से क्षमा मांगने के लिए एक गवाह के साथ जाएंगे। आप कभी भी किसी महिला की नग्नता की तस्वीर या वीडियो नहीं लेंगे। आप अपने फोन या कंप्यूटर पर कभी भी सेक्स पिक्चर या वीडियो डाउनलोड या देख नहीं पाएंगे।