आज अपनी ईजा के सुबह के सारे कार्य दिखाएं दुध निकालना से लेकर छांछ बनाना फिर शुद्ध घी पुजा पाठ से पहले सरयू मां में डुबकी लगाई शरीर जितना भी थका हो ताजगी आ जाती है थकान दूर बहुत अच्छा लगा खुश रहो अर्जुन ❤❤
कितना सुंदर तरीक़ा है मट्ठा बनाने का बर्तन पारंपरिक ❤❤वीडियो बहुत साफ़ आती है अर्जुन हरियाली सरयू नदी का पानी सब इतना सुंदर .. रोड कितनी बनी ?विकास अपने साथ विनाश भी लाता है डायनामाइट से पहाड़ों की नींव ही हिल जाती है .. तुम्हारे यहाँ भी तो पूजा अनुष्ठान होता रहता है बहुत अच्छा 🙏🏻🙏🏻बहुत सुंदर पूजा जय सरयू मां🙏🏻🙏🏻.. भगवान की कृपा बनी रहे अर्जुन वरना कई गाँवों में तो पानी के स्रोत ही सूखे हुए हैं .. बहुत सुंदर गाँव है ..शानदार ब्लॉग अर्जुन❤❤❤❤😊
अर्जुन भाई अब तक तुम पहले ऐसे पहाड़ी हो जिसका ब्लॉग देखने में खुशी होती है ... बहुत हंसमुख हो अपने पहाड़ी कल्चर पर अच्छी पकड़ है न्योली चांचरी भी अच्छी जानते हो अपने कुमाऊं का पारंपरिक वाद्ययंत्र हुडुक बहुत अच्छा बजाते हो अपने ब्लॉग में देवभूमि के अलग अलग रूप परंपराएं और चुनौतियों को दर्शाते हो ... और भी बहुत सारी खूबियां है अन्यथा आजकल सारे पहाड़ियों के ब्लॉग एक ही ढर्रे पर चल रहे हैं जैसे कुछ लोहाघाट, पिथौरागढ़ की तरफ के भी हैं जो अपना बैग उठाते हैं कभी टू व्हीलर कभी फोर व्हीलर उठाते हैं अपना बैग टांगते है और कहीं जंगल में टेंट लगाकर कभी पनीर और कभी नॉन वेज बनाने की वीडियो डालते हैं पर ऐसे ब्लॉगर लंबे समय तक नहीं चल पाते ... आपके उज्जवल भविष्य के लिए अग्रिम शुभकामनाएं 💐💐
Hello bhaiya kaise ho meri Nani ko bhi dikha diya karo Baldev bhaiya ki nani main Gujarat se daily dekhti hun aapke blog meri Nani Ko dikha Dena mujhe achcha lagta hai
बड़े बड़े चट्टानो को तोड़ने के लिए इसका उपयोग करना ही होता है एक प्रकिया के अन्तर्गत .. बारूद से ही बड़ी पहाड़ों की चट्टाने तोड़ी जाती है बाक़ी मिट्टी पेड़ों के लिए जेसीबी मशीन लगाया जाता है
@@Sonupradeep105 हाँ भाई system😀😀होने को तो क्या क्या नहीं होना चाहिए फिर भी तो हो ही रहा है उत्तराखण्ड में.. क्या हालत हो गई जबसे उत्तराखण्ड को अलग राज्य का दर्जा मिला सिर्फ़ नाम का .. फिर भी खुश हैं फ्री का 5 kg राशन से