जय श्री राम जय राम जय राम जय जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम जय राम जय राम जय जय श्री राम
हरि ॐ तत्सत, श्री राम जय राम जय जय राम,परम पूज्य स्वामी जी,अखण्ड मंन्डलाकारं व्याप्तैनचराचरं तत्पदं दर्शितं ऐन तस्मै श्री गुरुवे नमः,बृह्मानंदं परम सुखदं केवलं ज्ञान मूर्तिम्, द्वंदातीतं गगन सः दृष्यं तत्वमश्चादिलंक्षम, ऐकं नित्य बिमल मचलं, सर्वादिशाक्षभूतं, भावातीतं त्रिगुणरहितं सद गुरु तं नमामिः, ॐ श्री हरिः,