तंत्रोक्त देवी सूक्त का हिंदी अर्थ इस प्रकार है, यह अर्थ गीताप्रेस गोरखपुर के द्वारा प्रकाशित दुर्गा सप्तशती से लिया गया है:-
देवी को नमस्कार है, महादेवी शिवा को सर्वदा नमस्कार है। प्रकृति एवं भद्रा को प्रणाम है। जगदम्बा को नियमपूर्वक नमस्कार है। १।
रौद्रा को नमस्कार है, नित्या, गौरी एवं धात्री को बारम्बार नमस्कार है। ज्योत्स्नामयी, चन्द्ररूपिणी एवं सुखस्वरूपा देवी को सतत प्रणाम है।२।
शरणागतों का कल्याण करने वाली वृद्धि एवं सिद्धिरूपा देवी को बारम्बार नमस्कार है। नैऋती (राक्षसों की लक्ष्मी) राजाओं की लक्ष्मी तथा शर्वाणी (शिवपत्नी) -स्वरूपा आप जगदम्बा को बारम्बार नमस्कार है।३।
दुर्गा, दुर्गपारा (दुर्गम संकट से बाहर निकलने वाली), सारा (सबकी आधारभूता), सर्वकारिणी, ख्याति, कृष्णा और धूम्रादेवी को सर्वदा नमस्कार है।४।
अत्यंत सौम्य तथा अत्यंत रौद्र रूपा देवी को [मैं] नमस्कार करता हूँ, उन्हें हमारा बारम्बार प्रणाम है, जगत की आधारभूता कृति देवी को बारम्बार नमस्कार है ।५।
जो देवी सभी प्राणियों में विष्णुमाया के रूप में कही जाती हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।६।
जो देवी सभी प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।७।
जो देवी सभी प्राणियों में बुद्धि रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।८।
जो देवी सभी प्राणियों में निद्रा रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।९।
जो देवी सभी प्राणियों में क्षुधा (भूख ) रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।१०।
जो देवी सभी प्राणियों में छाया रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।११।
जो देवी सभी प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।१२।
जो देवी सभी प्राणियों में तृष्णा (प्यास) रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।१३।
जो देवी सभी प्राणियों में क्षान्ति (क्षमा) रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।१४।
जो देवी सभी प्राणियों में जाति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।१५।
जो देवी सभी प्राणियों में लज्जा रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।१६।
जो देवी सभी प्राणियों में शान्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।१७।
जो देवी सभी प्राणियों में श्रद्धा रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।१८।
जो देवी सभी प्राणियों में कान्ति (प्रकाश) रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।१९।
जो देवी सभी प्राणियों में लक्ष्मी रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।२०।
जो देवी सभी प्राणियों में वृत्ति (स्वभाव) रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।२१।
जो देवी सभी प्राणियों में स्मृति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।२२।
जो देवी सभी प्राणियों में दया रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।२३।
जो देवी सभी प्राणियों में तुष्टि रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।२४।
जो देवी सभी प्राणियों में माता रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।२५।
जो देवी सभी प्राणियों में भ्रान्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।२६।
जो जीवों के इन्द्रिय वर्ग की अधिष्ठात्री देवी एवं सब प्राणियों में सदा व्याप्त रहने वाली हैं, उन व्याप्ति देवी को बारम्बार नमस्कार है।२७।
जो देवी चैतन्य रूप से सम्पूर्ण जगत को व्याप्त करके स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।२८।
पूर्वकाल में अपने अभीष्ट की प्राप्ति होने से देवताओं ने जिनकी स्तुति की तथा देवराज इंद्र ने बहुत दिनों तक जिनका सेवन किया, वह कल्याण की साधनभूता ईश्वरी हमारा कल्याण और मंगल करे तथा सभी आपत्तियों का सर्वनाश करें।२९।
उद्दंड दैत्यों से सताये हुए हम सभी जिन परमेश्वरी को इस समय नमस्कार करते हैंतथा जो भक्ति से विनम्र पुरुषों द्वारा स्मरण की जाने पर तत्काल ही सम्पूर्ण विपत्तियों का नाश कर देती हैं, वे जगदम्बा हमारा संकट दूर करें।३०।
Music Label: Subhnir Productions
Song: Devi Suktam
Singer : Madhvi Madhukar
Music Director :Nikhil Bisht, Rajkumar
Recordist: Pramod Kumar
#madhvimadhukar
29 сен 2020