भाई अभिमन्यु! आपकी बहुत से विडियो के शीर्षक देखे , भाई साहब माफी चाहूंगा आप सत्य को बिल्कुल रिकॉर्ड नहीं कर रहे ये पाखंड की विडियो बना बना कर डाल रहे हो ये शरीर के तापमान को अव्यवस्थित करके क्या सिद्ध करना चाहते हैं ये अज्ञानी व्यक्ति जबकि ये शरीर एक दिव्य आत्मा को धारण किए हुए हैं।शरीर एक साधन है जिसकी सहायता से उस दिव्य चेतना को जाना जा सकता है जो वास्तव में मैं हूं यानी ब्रह्म हुं जबकि ये इस शरीर को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं और आप उनके प्रचारक । सत्य तो सिर्फ एक है वो धारणा टुटती है तो अच्छा नहीं लगता । समझ में आ जाए तो ठीक है नहीं तो माफ कर देना इस तुच्छ प्राणी को।