इस वीडियो को प्रकाशित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर क्योंकि आप एक अकेले चैनल को चला रहे हैं जो पूरे प्रतापगढ़ के साथ पूरे उत्तर प्रदेश का इतिहास भी हम सभी तक पहुंचा रहे हैं। इस वीडियो को बनाने के हम तक पहुंचाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ❤️👍
*_राजपूत_भूमिहार प्रसंग_* ... हिंदू धर्म के जगत गुरु कहते है.. पूरी संक्राचार्य जी.. संक्राचार्य जी का भूमिहार प्रसंग.. पहले भूमिहार खुद को *_बैश्य_* कहते थे उसके बाद वो खुद को *क्षत्रिय* कहने लगे और फिर आगे जाके वो खुद को *ब्राह्मण* कहने लगे .. भूमिहार जाति मे राजपूत और ब्राह्मण दोनो का उपनाम है.. और कुछ कुल भी मिलते जुलते है.. आज राजपूत खुद को *क्षत्रिय* कह दूसरी जाति से लड़ रहे है.. और वही भूमिहार समय के साथ खुद को आगे कर लिया है.. आज कल हर जाति खुद को क्षत्रिय कहने लगी है..जैसे अहिर,कुर्मी,कोइरी, चनऊ... शुद्र तो शुद्र अतिशुद्र भी खुद को *क्षत्रिय* मानते है..अब राजपूत क्यू पड़ा है पचड़ा में क्या अब *क्षत्रिय* धर्म या परंपरा बचा है नही न जो नही उसको छोड़ दो .. राजपूत और ब्राह्मण एक है... राजपूतों का जो आज कल सिंह नाम का उपहास हो रहा राजपूत समाज इस से बचे और राजपूत समाज सिंह उपनाम के जगह आने वाले नए पीठ को नए उपनाम से जोड़े *पुरोहित* , *रायजादा* , *राणा* *शाही* से जोड़े और खुद को .. शुद्ध रखे ..राजपूत समाज एक होके एक टाइटल में बंधे अब *पुरोहित* , *शाही* , *राणा* , *रायजादा* , *राय* सिंह टाइटल आज कल शुद्रा और अतिशुद्र दोनो जाति के लोग कही ना कही लिख रहे है.. यही कारण है जिस से अब राजपूत समाज सिंह लिखना छोड़ रहे है.. दीक्षित राजपूत खुद का उपनाम दीक्षित कर ले.. सोमबंशी और ऋषि बंशी खुद को पुरोहित उपनाम से जुड़ जाए.. जाति की सुधत्तता पर राजपूत समाज ध्यान दे.. सिंह उपनाम का त्याग कर दे अब राजपूत क्युकी अगर राजपूत सिंह और भी जाति सिंह तो राजपूत की इजात गई कहा राजपूत खुद सोच ले.. राजपूत है कौन राजपूत ब्राह्मण एक ही है बहुत से राजपूत है जो ब्राह्मण में भी वही कुल है जैसे गौड़ राजपूत, गौड़ ब्राह्मण,दीक्षित राजपूत,दीक्षित ब्राह्मण, कौशिक राजपूत,कौशिक ब्राह्मण, पालीवाल ब्राह्मण,पालीवाल राजपूत ऐसे अनेकों राजपूत है जो ब्रह्मण राजपूत एक है।। आज भूमिहार खुद को अपने सही जगह ले गया पर राजपूत आज भी मूर्ख बना शूद्रो से लड़ रहा है.. शुद्र से लड़ने से अच्छा खुद को बदल लो.
तिलोई कन्हपुरिया क्षत्रियों के इतिहास पर वीडियो बनाने के लिए आपका हृदय की गहराइयों से बहुत-बहुत धन्यवाद जय महाराजा कान्ह जय कन्हपुरिया राजवंश क्षत्रिय धर्म युगे युगे
*_राजपूत_भूमिहार प्रसंग_* ... हिंदू धर्म के जगत गुरु कहते है.. पूरी संक्राचार्य जी.. संक्राचार्य जी का भूमिहार प्रसंग.. पहले भूमिहार खुद को *_बैश्य_* कहते थे उसके बाद वो खुद को *क्षत्रिय* कहने लगे और फिर आगे जाके वो खुद को *ब्राह्मण* कहने लगे .. भूमिहार जाति मे राजपूत और ब्राह्मण दोनो का उपनाम है.. और कुछ कुल भी मिलते जुलते है.. आज राजपूत खुद को *क्षत्रिय* कह दूसरी जाति से लड़ रहे है.. और वही भूमिहार समय के साथ खुद को आगे कर लिया है.. आज कल हर जाति खुद को क्षत्रिय कहने लगी है..जैसे अहिर,कुर्मी,कोइरी, चनऊ... शुद्र तो शुद्र अतिशुद्र भी खुद को *क्षत्रिय* मानते है..अब राजपूत क्यू पड़ा है पचड़ा में क्या अब *क्षत्रिय* धर्म या परंपरा बचा है नही न जो नही उसको छोड़ दो .. राजपूत और ब्राह्मण एक है... राजपूतों का जो आज कल सिंह नाम का उपहास हो रहा राजपूत समाज इस से बचे और राजपूत समाज सिंह उपनाम के जगह आने वाले नए पीठ को नए उपनाम से जोड़े *पुरोहित* , *रायजादा* , *राणा* *शाही* से जोड़े और खुद को .. शुद्ध रखे ..राजपूत समाज एक होके एक टाइटल में बंधे अब *पुरोहित* , *शाही* , *राणा* , *रायजादा* , *राय* सिंह टाइटल आज कल शुद्रा और अतिशुद्र दोनो जाति के लोग कही ना कही लिख रहे है.. यही कारण है जिस से अब राजपूत समाज सिंह लिखना छोड़ रहे है.. दीक्षित राजपूत खुद का उपनाम दीक्षित कर ले.. सोमबंशी और ऋषि बंशी खुद को पुरोहित उपनाम से जुड़ जाए.. जाति की सुधत्तता पर राजपूत समाज ध्यान दे.. सिंह उपनाम का त्याग कर दे अब राजपूत क्युकी अगर राजपूत सिंह और भी जाति सिंह तो राजपूत की इजात गई कहा राजपूत खुद सोच ले.. राजपूत है कौन राजपूत ब्राह्मण एक ही है बहुत से राजपूत है जो ब्राह्मण में भी वही कुल है जैसे गौड़ राजपूत, गौड़ ब्राह्मण,दीक्षित राजपूत,दीक्षित ब्राह्मण, कौशिक राजपूत,कौशिक ब्राह्मण, पालीवाल ब्राह्मण,पालीवाल राजपूत ऐसे अनेकों राजपूत है जो ब्रह्मण राजपूत एक है।। आज भूमिहार खुद को अपने सही जगह ले गया पर राजपूत आज भी मूर्ख बना शूद्रो से लड़ रहा है.. शुद्र से लड़ने से अच्छा खुद को बदल लो.
सर् ..कोई पता तो था नही हमे की आप आएंगे नही सर.. हम भी चले आते और आपको सबसे ऊपरी मंजिल पर से तिलोई का शानदार नजारा दिखाते सर ..बगल में एक सगरा भी है उस सगरे को मगरमछ का तालाब सगरा बोलते है किसी जमाने मे उस तालाब में मगर पाला जाता था और बताते है सर ..की राजा मोहन सिंह के जमाने मे उन सभी मगरमछो को गोली मार कर मरवा दिया था लेकिन सर बहुत सुंदर दृश्य है तालाब का आज भी ...सर हमारा तो पूरा बचपन राजमहल की पुरानी इमारतों में बीता... सर मैं एक सलमानी (नाई) बिरादरी का हुँ हमारे पूर्वज बहुत बहुत दिनों तक राजाओ की सेवा की लेकिन अभी इस वक्त हमारे दादा जी मैजूद है जिनकी उम्र करीब 90 साल की है काफ़ी रहस्मयी बाते भी है इस हवेली के बारे में बताया करते है सर.. कभी कभी तो ऐसा लगता है कि वो बताते रहे और हम सुनते रहें सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो कि आज की पीढ़ी जैसे हम सभी को तिलोई का इतना बड़ा इतिहास बताने के लिए ...
हैप्पी टीचर डे सर आप के बनाए यह वीडियो से हमे अपने इतिहास के बारे में बहुत ही गहनता से जानने को मिलता है आप एक अध्यापक की भाती हम लोगो को उसके बारे में बताते हो आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर
Happy to see this historic information. Basically I am from Kerala but i was born in 1983 Tiloi at Hospital colony back side of this palace.... And studied in RVS & SPN schools.... Many times I have visited this Raja ka kot ... Especially during Holi... Thank you for refreshing the history. - K A Bijumon, Ekta Nagar (Kevadia) Gujarat
भ्रमण, इतिहास और रोमांच की इस टोली में आपका हार्दिक स्वागत है। भले ही आप इस चैनल पर पहली बार आ रहे हो लेकिन आशा है आप बार-बार आते रहेंगे। बहुत-बहुत धन्यवाद !
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर । इस वीडियो को प्रकाशित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद l पूरे प्रतापगढ़ के साथ-साथ पूरे उत्तर प्रदेश के इतिहास को हम सभी तक पहुंचा रहा है। इस वीडियो को हमारे साथ साझा करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सर 🙏 🙏🙏
इस विडियो के माध्यम से हम सभी ने बहुत कुछ जाना । आपका बहुत बहुत धन्यवाद , आप के द्वारा हम सभी को ज्ञान प्राप्त हो रहा और उम्मीद हैं ज्ञान प्राप्त होता रहेगा।। 🙏🙏 सादर आभार।।
Jai jai SiyaRam bhaiya ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Sangipur Pratapgarh ke bhairwan gram se Aapko hardik Shubhkamnayen, bhagwan Aapko har sukh aur samriddhi de. Jai Bajrangbali Hanuman 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Har Har Mahadev 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बहुत सुन्दर जानकारी, आपने बरौली स्टेट का जिक्र किया है जोकि मेरे ६७ वर्ष के जीवनकाल मे कभी स्टेट नहीं रही, हाँ नजदीकी स्टेट रामगढ़ी अवश्य है।इसपर भी थोड़ा प्रकाश डाल सकें तो कृपा होगी।
सादर प्राणाम 🙏बरौलिया रियासत थी रामगढी उसकी राजधानी थी रियासत का आधिकारिक नाम बरौलिया ही है, बरौलिया के शासको के रामगढी मे निवास के कारण बरौलिया रियासत को ही रामगढी रियासत कहा जाता है , जानकारी बिल्कुल सही है आशा है अब आप समझ जायेगे🙏
इतने सालों से हम यही निवास कर रहे हैं। परंतु इतना जानकारी आज तक नहीं था आज पहली बार यह सब जाना है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद बड़े भैया जी अपनी तिलोई के बारे में प्राप्त हुआ दिल से धन्यवाद भैया जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏✌️✌️✌️
इतने सालों से हम यहीं निवास कर रहे है,,परन्तु आज तक इतनी जानकारी नही थी, आज पहली बार ये सब जाना है।। आपका बहुत बहुत आभार , अपनी तिलोइ के बारे में जानकार हर्षित हुआ🙏🙏✌️✌️
भारत और उत्तर प्रदेश के इतिहास मै तो केवल लखनऊ के नवाबोऔ और मुगलो और आक्रांताऔ के बारे मै ही बताया जाते है हमारे राजाऔ को भारत और उत्तर प्रदेश की इतिहास की पुस्तको को बताया नही जाता है । 😡😡 आज आपने ही बताया (कान्हापुर) कानपुर शहर का नाम कानपुर कैसै पड़ा है । इसके लिए आपका आभार व्यक्त करते हुं।
आपका वीडियो हमे बहुत ही अच्छा लगता है अतः आपसे विशेष अनुरोध है कि आप कभी सिंगरामऊ के राजा का भी विस्तार से दिखाए जिनके बारे में जानने की बहुत इच्छा रहती है सिंगरामऊ रियासत आज भी है
अदभुत विडियो। आप अवध क्षेत्र का इतिहास अखिल भारतीय पटल पर लाते है जो कि सराहनीय है परंतु इस विडियो में बताए गए एक संदर्भ से हमे आपत्ति है। आपने हिंडौर के युद्ध में तिलोई राजा की जीत एवं प्रतापगढ़ राजा की पराजय बताई है जो की गलत है,वो युद्ध बेनतीजा रहा था और दोनो ही पक्षों ने खुद के जीतने का दावा किया था। युद्ध में तिलोई राजा की एक आंख प्रतापगढ़ राजा ने फोड दी थी और प्रतापगढ़ राजा का एक पैर तिलोई राजा ने घायल कर दिया था, जिसकी उलहाना दोनो राजा एक दूसरे को बाद में पत्र व्यवहार में देते रहते थे। युद्ध के बेनतीजा होने की जानकारी आपको अंग्रेजो के गैजेट में मिल जायेगी , और प्रतापगढ़ राजा का जीत का दावा आपको rajput barons of awadh नामक पुस्तक में मिल जाएगा। आपसे अनुरोध है की कृपया इस त्रुटी को सुधारे। धन्यवाद। आपके कार्य की सराहना एक बार फिर से कर रहा हूं, मैं राजस्थान का निवासी होने के बावजूद भी आपकी सारी विडियोज मन से देखता हूं क्योंकि मुझे अवध के इतिहास मे बहुत रुचि है। आप निरंतर ऐसे ही आगे और भी उत्तम कार्य करते रहें यहीं हमारी मनोकामना हैं।
सर मैं पुरा प्रयास करता हूँ की ज्यादा से ज्यादा वीडियो कों कॉमेंट करू जिससे प्रभावित होकर मनुष्य अपने जीवन को धन्य बना सके और pratapgarh hub के अधिक से अधिक वीडियो के माध्यम से समस्त प्रकार की जानकारी को समझ सके
I thank you first. which you made a documentary on my tiloi , again Thanks a lot for giving so much information about Tiloi & i really appreciate your creativity and high light point its really affordable knowledge and experience skills 👌👌😍
सर इलाहाबाद से मिर्जापुर रोड 60 km से दूर एक मार्केट है जिसका नाम मांडा है जो मेजा रोड के आगे है वहा एक बहुत बड़ा किला है उसके बारे में भी वीडियो बनाइए