बीजेपी में कार्यकर्ता कीbजितनी उपेक्षा होती है.इतनी अपेक्षा शायद ही किसी पार्टी में कार्यकर्ता की होती हो। यहां पर नेता एमएलए एमपी मिनिस्टर कार्यकर्ता को अपना नौकर समझते हैं और चाहते हैं कि वे जो कहें वही कार्यकर्ता काम करें.।पर किसी भी तरह की अपेक्षा ना करें।उसको पुलिस से पिटवाते हैं उसको जनता से पिटवाते हैं उसे खुद पीटते हैं। सबसे आश्चर्यजनक स्थिति तो यह है कि कभी भी बीजेपी का कोई भी नेता कार्य करता के साथ खड़ा हुआ नहीं दिखाई देगा।
Co को बर्खास्त करो इनकी गलती है...इसीलिये भाजपा साफ़ हो रही है..अधिकारियों के भरोसे सर्कार चलायी जा रही है ये अक्षमता है भाजपा की......जब सर्कार चलानी नहीं आती तो भाजपा को चुनाव में नहीं उतरना चाहिए
Bjp नेता की ये गत हो रही है तो आम लोगो के साथ ये पुलिस वाले कैसे गुंडा गर्दी करते होंगे.... सपा वाले पुलिस वालो के बराबर ईलाज करते रहते है.. रही bjp की बात तो ये खुद को नहीं बचा पा रही है तो आम जनता इनसे क्या उपेक्षा करे..
Thu hai aisi party aur aisi party ke karyakarta hone pe.।। Isse accha to 100rs ghoos deke aadmi kaam kara le.।। Kash yahi s. P hoti ya bsp hoti to kiski kitni aukaat hai usi time clear ho jati....
Tuglaki bjp neta hai ya co chhapari patrakaar agar neta sahi tha to maafi kis galati ki mangi kyo chhudane gaya yogi sarkar ki kanoon par bharosa nahi hai
यू पी पुलिस के इसी रवैये के कारण ही बी जे पी यू पी से साफ होने जा रही है अधिकतर पुलिस अधिकारी स पा व ब स पा के समय मे रिश्वत से नौकरी पाये है उनकी मानसिकता अभी भी वैसी ही है
क्या बात है ऐ भाजपा के कार्यकर्ता पागल हो गये है अपने आपको सीएम समझते हैं किसी भी पुलिस के साथ बदतमीजी करने में माहिर हैं, अगर इस कार्यकर्ता की गलती नहीं थी तो क्यों माफ़ी मांगी, पत्रकार ऐ भी तो समझो, कुछ पुलिस अफसर स्वाभिमानी ईमानदार होते हैं जो इन नेताओं के ग़लत काम का विरोध करते हैं, जिससे इन लोगों को तकलीफ़ होती है,,