अपने अंदर काल्पनिक पौराणिक और ऐतिहासिक कहानियो को समेटे करीब हज़ारों साल पुराना चुनारगढ़ का किला भारत कि ऐतिहासिक विरासत है और एक अनमोल धरोहर है। मिर्ज़ापुर के टैकोर इलाके में स्थित चुनार किला आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। किले का, इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिस पहाड़ी पर किला स्थित है उस पहाड़ी कि प्राकृतिक संरचना मानव चरण के आकार कि है इसलिये इसका एक नाम चरणाद्रिगढ़ भी है।
ये वही चुनारगढ़ का किला है जिसपर देवकीनंदन खत्री नें मशहूर उपन्यास चंद्रकांता लिखा था.
मिर्जापुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित चुनार किले के एक ओर गहरी खाई है तो दूसरी ओर गंगा नदी। कहा जाता है काम और लोभ से मुक्त होकर राजा भतृहरि यहां पर साधना करने आए हुए थे। राजा भर्तृहरि जब अपने भाई राजा विक्रमादित्य के मनाने पर भी घर नहीं लौटे तो उनकी रक्षा के लिए यह क़िला बनवा गया।
यह जानना रोचक है कि गंगा से सटे होने के वजह से गंगा का पानी दुर्ग से टकराकर उत्तरामुखी हो जाता है। इसके बाद गंगा सीधे काशी की ओर चली जाती है। ये एक रहस्यमयी किला माना जाता है।
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22 окт 2021