घट में बसे भगवान, मंदिर में काई ढूँढती फिरै बाई सुरता | काया में बसे भगवान, मंदिर में काई ढूँढती फिरै बाई सुरता || मंदिर || मूर्ति कौर मंदिर में मेली, बा मुख से नहीं बोले | दरवाजे दरबान खड्या है, बिना हुकुम नहीं खोले || मंदिर || गगन मंडल से गंगा उतरी, पांचू कपड़ा धो ले | बिन साबण तेरो मैल कटेगो, हर भज निर्मल हो ले || मंदिर || सौदागर से सौदा कर ले, जंचता मौल करा ले | जे तेरे मन में फरक आवै तो, घाल तराजू में तोल || मंदिर || नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, दिल का परदा खोले | भानिनाथ शरण सतगुरु की, राई के पर्वत ओले ||