आदरणीय सर जी आप को साष्टांग दंडवत प्रणाम आपने तो मतलब एकदम दिमाग🧠 ही खोल दिया,!, चित्त की वृत्तियां ,बूंद सागर अद्भुत योग दर्शन बताया आपने आपका जितना धन्यवाद करो उतना कम है परमेश्वर से प्रार्थना आप हजारों हजारों साल जीवित रहे,,!,, आरोग्य वान रहे और इसी तरह से दर्शन शास्त्र का ज्ञान बांटते रहें पुनः दंडवत प्रणाम 🙏💯
SSA Patel ji🙏 Thank you so much for such an incredible explanation of the philosophy behind the ancient knowledge that the world is currently engaged in some of its practices. 🙏
श्री हरिः प्रथम आपके श्री युगल पादपद्मों में कोटि -कोटि नमन। हमारे राम रामानन्दीय वैष्णव सन्त हैं।हमें सांख्य,योग या अन्य दर्शनों का औपचारिक ज्ञान नहीं है।केवल सामान्य स्तर पर बहुत हल्का ज्ञान है। आपका षड् दर्शन पढा़ने का जो ढंग और समझ है, वह पूर्व जन्म के किसी भ्रष्ट योगी के जैसा है।आप सचमुच साधना से विचलित हुए एक महान् योगी हैं। क्योंकि आपकी पढा़ने की शैली से ही पुरुष और प्रकृति का अलगाव हो जाता है। केवल अष्टाङ्ग योग की व्याख्या मात्र से ही समाधि काअनुभव होने जैसा लगने लगता है। वास्तव में आप थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों के ज्ञाता नजर आते हैं।आप ऐसे अपने व्याखान भेजने की कृपा बनाए रखेंगे, आप श्री गुरुदेव के श्री चरणों में में बार-बार निवेदन है। "शुचीनांश्रीमतांगेहे योगभ्रष्टोभिजायते " कुछ भी कहने में त्रुटि हुई हो,क्षमा करेंगे क्योंकि अल्प शिक्षित हूँ। श्री हरये नमः आपका स्नेही-
शुभकामनाराए तिवारी जी भारतीय दर्शन विशेष कर शंखय और योग पर गजब की पकड़ है आपकी सभी वीडियो देखता हूँ समझाने का हुनर आप से सीख रहा हूँ,जानकारी के लिए बताना चाहूंगा मुझ पर भारतीय योग संस्थान मध्य प्रदेश प्रान्त का प्रान्तीय प्रधान का दायित्व है।
Aj Ghor kalyug me satyug ke braman ke darshan huye.... aj paheli bar kisi brahmin ko karma kand ke alava Atmagyan ki bat karte suna he ...ap Vitraag dasha (Avastha) ko prapt ho ya fir us marg per ho Shat shat Naman 🙏
वैदिक ज्ञान को तो पढ़ने मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं, बाल के रोएं खड़े हो जाते हैं, दिमाग घूम जाता है, चक्कर आने लगते हैं, भूख प्यास तक गायब हो जाती है, दिमाग ज्यदा सोचना शुरू कर देता है और इस संसार को देखने का दृष्टिकोण बदल जाता है l
सर आप ने बहुत अच्छा बताए योग दर्शन सर मै चाहता हूं की आप इसी तरह वीडियो अपलोड करते रहिए ताकि हम लोग भी आप से पढ़ने का मौका मिले ।। (सर आप बहुत अच्छा पढ़ाते हैं और बताते सर)धन्यवाद सर हम वाराणसी जिले से हैं । सर मै तो वीडियो के द्वारा आप से पढ़ने का मौका मिलेगा ।।।।।।।।।।।।सर
🪔 🙏 प्रणाम गुरुवर, You are phenomenal teacher🌹🌹 What bothers that " आपकी teaching प्राप्त ज्ञान का कोई question होता है तो... " शंका का समाधान किससे प्राप्त हो सकता है" ? कृपा आप ही बताये । एक भी question का answer नहीं मिल रहा। (और अच्छी website का भी यही है कोई भी reply नहीं!!!) 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🙏🙏🌹🌹
गुरुदेव please uplaod more lectures it's really awesome..इस छोटे से बूंद रूपी request को अपने सागर रूपी ज्ञान के लेक्चर्स से कृतार्थ करिए महोदय धन्यवाद
SAJIYA KHAN aapne jo is lecture mein dekha suna aur samjha hai vo bhartiya darshan ki ek boond matra hai, ek parichay matra hai. Poori tarah agar jaan jaaoge to aisa sukh paoge ki dukh aapko choo bhi nahin sakega. Par uske liye aapko khud ko mitana hoga aur uske liye bohot himmat chahiye.
इतने दर्शन और इतने भेद मतलब साफ है कि किसी को सत्य का लेशमात्र भी नहीं पता है l हाँ, खोज की ओर कदम बढ़ रहे हैं मजबूती से और विज्ञान के उत्तर का इंतजार है l किसी एक दर्शन को मानने और स्वीकार करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा l मुझको अब है इतना पता कि सबको बहुत कुछ है पता मगर फिर भी किसी को कुछ भी नहीं है पता l
प्रणाम Sir, 🪔समझाने के लिए हार्दिक अभिनंदन 🙏 Please एक बात clear नहीं हो पाई... कृपया बताने का कष्ट करें। * इन्द्रियां ग्रहण करती हैं। * चित्त storage house है। * बुद्धी decision करती है। ..... तो विषय को ग्रहण करके चित्त तक ले जाने का काम किसका है? इन करंट waves को क्या नाम से परिभाषित किया गया है? क्या यह मन है जो सर्वदा चलाए मान है? Thank you very very much 🌹🌹
When nature has gifted mankind with senses for pain and pleasure what is the need to fight against it.. so enjoy both of them and day thanks to creater
Nature also gifted fire it doesn't mean that you should jump into it? Nature gifted poison it means u should eat it and thanks to god Nature also gifted an evil thoughts it meabs u should destroy world and thank god
If agar ap dukh me dukhi sukh me sukhi honge to vhi karenge jisse apko sukh mile bhle vo glt ho, bhle dusro ko dukh pahuche, ya bad me apko hi dukh pahuche But when u r unaffected by pleasure and pain tb ap vahi karenge jo krna chahiye
Sir Bahirang Yog k baad Jo bhi anubhav mila kya ham usko shabdon me bayan Ker sakte Hain.? Ya dusre log mere behaviour ko dekh kr mujhe batayenge ki ab tum voh nhi ho? Abhar bahut aap Ka🙏🙏