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दरअसल, हम जिस कब्रिस्तान की बात कर रहे हैं ,उसका नाम है 'वादी-अल-सलाम'। आपको बता दें कि ये कब्रिस्तान इराक के नजफ शहर में स्थित है। करीब 1485 एकड़ में फैला यह कब्रिस्तान 'वैली ऑफ पीस' के नाम से भी मशहूर है, जिसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग आते हैं। यहां शिया इमाम और चौथे खलीफा ‘इमाम अली इब्न अबी तालिब’ की दरगाह भी है इस कब्रिस्तान में सभी कब्र पत्थर और मिट्टी से ही बनी हुई है, इन कब्रों में सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
दुनिया में एक ऐसा कब्रिस्तान है, जहां 50 लाख से ज्यादा मुर्दे दफन हैं। इसे वर्ल्ड का सबसे बड़ा कब्रिस्तान भी कहा जाता है। इराक के नजफ शहर में स्थित इस कब्रिस्तान का नाम है 'वादी-अल-सलाम'। पीस वैली के नाम से मशहूर इस कब्रिस्तान को देखने के लिए लाखों लोग आते हैं ! दुनियाभर के शिया अपनों को दफनाने के लिए यही जगह पसंद करते हैं। इन कब्रों को ईंटों, प्लास्टर और कैलिग्राफी से सजाया जाता है।
7 дек 2022