हम जानते हैं आप एग्ज़िट पोल से परेशान हैं। आप पिछले एग्ज़िट पोल के समय भी इसी तरह परेशान थे, किसका सही माने, किसका गलत माने। जिस तरह ग़लत साबित होने में एग्ज़िट पोल अनुभवी हो चुके हैं उसी तरह आप भी एग्ज़िट पोल से परेशान होने में अनुभवी हो गए हैं। एग्ज़िट पोल ने आपके भीतर तड़प पैदा कर दी है। इसकी सफलता का कारण आप हैं, जो बार बार इसके गलत होने पर भी गले लगाने चले जाते हैं। मीडिया ने आपके भीतर यह जिज्ञासा पैदा कर दी है। आपको भी लगता है कि जागरुक बने रहना है तो एग्ज़िट पोल को लेकर कुछ तो राय होनी चाहिए। लेकिन क्या आप इस बात से परेशान हैं कि इस साल भारत में एक जनवरी से लेकर तीस सितंबर के बीच यानी 273 में से 235 दिन मौसम का प्रकोप दर्ज किया गया है जिसे एक्स्ट्रीम वेदर इवेंट कहा जाता है। इसी साल बिजली गिरने और आंधी तूफान में मरने वालों की संख्या 711 है। नौ महीने के भीतर मौसम के प्रकोप से 2,900 से अधिक लोग मारे गए हैं। क्या आपने टीवी डिबेट में इसकी चर्चा देखी है? अब तो अखबारों ने भी एग्ज़िट पोल को पहली खबर बना दिया है। दुनिया में जलवायु संकट से तबाही आई हुई है उसे लेकर दुबई में सम्मेलन हो रहा है, उसे लेकर गोदी चैनलों पर आपने कितनी चर्चाएं और ग्राफिक्स देखी हैं। इन एंकरों से बेहतर है एग्ज़िट पोल के दिन फलौदी से सट्टेबाज़ों को स्टुडियो में बिठा देना चाहिए, सारा देश बैठकर यही फालतू काम करे। फालतू कामों को ही अनिवार्य काम घोषित कर देना चाहिए।
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/ @ravishkumar.official
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30 ноя 2023