आज दो महाशक्तियों का पहली बार महामिलन हुआ तो छोटी काशी अभिभूत हो गई। इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने मंडीवासी नारायण की जय-जयकार करने लगे।
उतरशाल घाटी से आदिदेव ब्रम्हा का मंडी से सदियों पुराना संबंध रहा है, प्रभु आदि ब्रम्हा देव समागम मंडी शिवरात्रि के प्रमुख देवताओं में शामिल हैं, परंतु उनके छोटे भाई टिहरी के मंझला गांव के घूरलू नारायण आज पहली बार बाबा भूतनाथ की नगरी मंडी में पहुंचे तो हर तरफ उल्लास और उत्सव छा गया।
शक्ति की उपासना के प्रतीक शारदीय नवरात्रि के प्रथम शुभ दिवस पर सैंकड़ों हारियानों के साथ आराध्य देव घूरलू नारायण का यहां आगमन हुआ है। छोटी काशी की परंपरा अनुसार देव घूरनू नारायण सबसे पहले राज माधव राय के दरबार में पहुंचे और देव मिलन किया। यहां दो महाशक्तियों का प्रथम मिलन इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है।
पुरानी मंडी में भगवती जगजननी के यहां देयोली की शोभा बढ़ाने के लिए देव घूरनू नारायण यहां पहुंचे हैं। भगवती जग जननी भी रथ में विराजमान होकर राज माधव राय मंदिर पहुंची। ढोल-नगाड़ों, करनाल, नरसिंगों, शहनाई की देव धुन से छोटी काशी में सम्मोहन सा बंध गया। नाचे-गाते देवलुओं ने यहां अच्छी रौनक लगा दी है।
देव आदि ब्रम्हा के पुजारी परसराम ने बताया कि देव घूरलू नारायण, आदि ब्रम्हा के छोटे भाई हैं, यह मंडी नगर में पहली बार आए हैं, यह एतिहासिक घटना है।
16 окт 2024