आदर्णीय श्री द्वारिका प्रसाद बंजारे जी। सादर सेवा जोहार। आपके देवी जस पचरा सुनकर दुर्लभ पारम्परिक संस्कृति की जानकारी मिलती है। पारम्परिक तंत्र मंत्रों से युक्त संगीत सुनकर हम धन्य हो गये। हमारे पुरखों से हमने जो जानकारी नहीं ले पाये, वो जानकारी आपसे प्राप्त कर पाये। दुल्हा देव के बारे में जानकारी मिली। नाग देव की पारम्परिक जानकारी मिली । और भी हमारी मूलनिवासियों के मानत के देवी देवताओं को जानने, मानने की विधि, और आगे आने वाली पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है। आपको बहुत बहुत धन्यवाद। जय जोहार।