बस्तर में पके धान की बालियों को आकर्षक तरीके से गूँथ कर वंदनवार बनाया जाता है जिसे ‘सेला’ कहा जाता है जो हल्बी शब्द है। यह बस्तर के बाजारों में सभी प्रमुख उत्सवों में सजा रहता है जो बाजारों के आकर्षक का केन्द्र होता है यह सेला प्रत्येक गाँव में और प्रत्येक दस-पन्द्रह परिवारों में से एक परिवार में कोई-न-कोई ऐसा कलाकार होता है, जो सेला बनाने में पारंगत होता है।घर की चैखट पर सेला लगाने की भारतीय परम्परा सदियों पुरानी है अधिकत्तर बस्तर में सभी प्रमुख उत्सवों नवरात्रि, दीपावली, गुड़ी पड़वा के अवसर पर घरो के प्रवेशद्वार पर वंदनवार लगाने की परम्परा आज भी प्रचलित है। इन त्यौहारो के शुभ अवसर पर देवी-देवताओ के स्वागत वन्दन पर पुष्प एंव आम पत्ते का वंदनवार लगाते है.. और स्वागत वन्दन के लगाये जाने के कारण ही ये वन्दनवार लगाते हैं।
आप सभी को दीपावली व गोवर्धन पूजा की अनंत शुभकामनाएं..🙏🙏
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13 окт 2024