बहुत बहुत धन्यवाद आपका आप ने हमारे दिलो पर राज करने वाले उपन्यास कोहबर की शर्त और केशव प्रसाद का घर तथा बल्हार और चौबे छपरा को दिखाया। अगर हो सके तो इस उपन्यास से जुडे और घटना क्रम को जरूर दिखाना ❤️ 🚩 जैसा की नॉवेल में बताया है चंदन और गुंजा जिस रास्ते से जाते है जब चंदन गुंजा को पैदल चौबे छपरा से बलहार लिबा कर ले जाता अगर ऐसा कुछ वास्तविक में हो तो दिखाना किसी बुजुर्ग व्यक्ति का इंटरव्यू लेना 🚩😍 और चौबे छपरा गांव दिखाना।और एक बात और दीपा सत्ती का बरगद का पेड़ अगर आस पास हो तो दिखाना। एक न एक दिन इन गांवों का भ्रमण हम को भी करना है 😍
बहुत-बहुत धन्यवाद सर जी नदिया के पार मूवी मेरी सबसे पसंदीदा फिल्म है जो भी इस फिल्म को देखेगा वह कभी भूल नहीं पाएगा आपने बहुत अच्छा दिखाया बलिहार और चौबेपुर का नजारा इस को अच्छे ढंग से देखाईऐ नदिया के पार २ बनेगी तो फिल्म सुपर डुपर हिट अभी तो गुंजा और चंदन है आप गुंजा और चंदन से कहिए अपने पति या या और कोई डायरेक्टर से कह कर नदिया के पार २ बनाए नदिया के पार की वीडियो दिखाते रहिए धन्यवाद
किसी गाँव के बुजुर्ग व्यक्ति जिसने उपन्यास पढा हो का इंटरव्यू ले तो सब पता चल जाएगा । बलिहार गाँव को और इस नाले को भी दिखाइए की क्या यह नाला चौबे छपरा तक जाता है । बलिहार और चौबे छपरा गांव का अंदर गलियों का भी वीडियो बनाइये
दूबे जी बता रहे थे की एक बुजुर्ग है जो कुछ अधिक बता सकते थे लेकिन o काफि अस्वस्थ थे इस लिए हम लोग उनके यहा नही जा पाए और हम लोग 5-6 लोगे से बाते किये लेकिन कुछ खास जानकारी नही मिल पाई
@@sahanigroup3206 सर एक बार और प्रयास कीजिये किसी से कहानी के पात्रों के बारे में और कहानी में आई हुई जगहों के बारे में । जो नाला दिखाया है क्या वह चौबे छपरा तक जाता है
मैने "कोहबर की शर्त" उपन्यास पढा तो बहुत दुख हुआ | कहानी में गुंजा का विवाह ओंकार से हो जाता है, और चन्दन के सामने ही उसके काका, उसकी भावी खतम हो जाते हैं, फिर चेचक से ओकर भी खतम हो जाता है, और बाला का चेहरा बिगड़ जाता है, और अंत में गुंजा भी बीमारी से मर जाती है, क्या सच में ऐसा हुआ था या फिर यह कहानी काल्पनिक है, 1. चन्दन के सामने रूपा, ओकार, गुंजा मर जाते हैं जो कि15 से 28 की उम्र के रहे होंगे| 2. वैधजी कहानी में शुरू से अंत तक रहते हैं | 3. पूरे उपन्यास को सही से देखें तो लगता है कि गुंजा को ध्यान में रखकर यह कहानी गढी गई है क्वारी गुंजा, सुहागन गुंजा, विधवा गुंजा, कफन में लिपटी गुंजा | यदि लोकेशन और कहानी का वर्णन देखा जाये तो उपन्यास वास्तविक लगता है लेकिन कहानी के हिसाब से यह कहानी काल्पनिक प्रतीत होती है | चूंकि लेखक का जन्म भी उसी गांव में हुआ तो सच भी हो सकता है| ""पर मैं अब भी दुविधा में हूं उपन्यास की कहानी वास्तविक है या काल्पनिक"" कृपया जबाब जरूर दें ||
सर किसी गांव के ही व्यक्ति से उपन्यास के पात्रों जी काका का पात्र किस्से प्रेरित था ओंकार चंदन अनिरुद्ध बिहँसी आदि पात्र किस्से प्रेरित थे । उपन्यास में नेटुये जो बाग में रहते थे वह कौनसा खेत है शायद बाग तो अब नही होगा । और क्या उस बाग में नेटुये रहते थे । वीडियो में बताना । सवाल तो और भी है उन्हें आगे पूँछउँगा
@@sahanigroup3206 शेयर करने की आप मत कहो कोहबर की शर्त के ऊपर बने आपके इस वीडियो को देखने के बाद कम से कम 50 लोग इसे देख चुके है शेयर करके । हमारा नदिया के पार नाम से व्हाट्स एप ग्रुप है जिसमे कोई भी बलिहार साइड का बन्दा नही है और ग्रुप में 131 लोग है जो कोहबर की शर्त की कहानी के बारे में में अधिक से अधिक जानना चाहते है
@@sahanigroup3206 जनेरा मतलब बाजरा । पर जोनहरी और सांबा फसल कौनसी होती है । उपन्यास में आया है आजकल तो रामपुर के सामने भरी हुई नदी सोना पर करनी पड़ती है । क्या यह नाला रामपुर के सामने से होकर भी गया है