कार्यक्रम हेतु संपर्क करे - 8889368637 365 दिन, एक साल में 150 कार्यक्रम की प्रस्तुति देने वाला पार्टी #dance #song #viralvideo #video #youtube #india #comedy
@baratdhurw2430 सही कहत हव फेर आज ले 3000 वर्ष पहिली भरत मुनि अपन नाट्यशास्त्र म पहिली ले लिख देहे की अभिनय का क्षेत्र ही ऐसा है कि एक रिश्ता टूट कर दूसरा रिश्ता जुड़ता है और एक कैरेक्टर को छोड़ कर कलाकार दूसरे कैरेक्टर का रोल प्ले करते रहने अर्थात निरंतर परिवर्तन का नाम ही कलाकारी है और शायद यही परिवर्तन पार्टी के साथ-साथ कलाकार के जीवन में भी एक नयापन एक नई ऊँचाई लेकर आता है। सोनू को भी हम अब भी दुर्रे बंजारी के श्याम शीतल पार्टी में देख पायेंगे एक नए किरदार के साथ।
परिवर्तन के मूल कारण म भी हम दर्शक ही सबले बड़े जिम्मेदार हवन काबर की मय अपन तीर के ही नाचा पार्टी म अंतर देखे हंव की नाचा के मूल स्वरूप के संग जउन कलाकार प्रस्तुति देवत हे वो दर्शक के पैमाना म खरा नई उतर पावत हे येला अइसे भी कही सकत हन की व्यावसायिक रूप म अगर जादा कार्यक्रम के प्रस्तुति देना हे त जमाना के मांग के संग परिवर्तन अउ आधुनिकता के संग मंचिय प्रस्तुति देना पड़ही। आपके बात भी सही हवय आदरणीय जी हमर परम्परा अउ संस्कृति के मूल स्वरूप म जादा बदलाव अउ प्रयोग ठीक नई हवय फेर कही न कही इही प्रयोग अउ परम्परा के ही परिणाम आय की नाचा अउ आर्केस्ट्रा ले लोक मंच के प्रादुर्भाव होईस जउन हम छत्तीसगढ़िया मन ल अपन अधिकार अउ कर्तव्य ले जुड़े के प्रेरणा दिस अउ सांस्कृतिक पुनर्जागरण के रूप म चंदैनी गोंदा के उदय होईस फेर सोनहा बिहान, लोकरंग अउ रंगसरोवर जइसन संस्था हमर छत्तीसगढ़ी गीत संगीत ल पारंपरिक रूप म समृद्ध करीन जउन स्वरूप म भी अब फुहड़ता अउ दो अर्थी गीत के प्रभाव देखे बर मिलत हवय येखरे कारण आय की अब बाजारवाद हावी होगे हवय जेखर ले चंदैनी गोंदा जइसन संस्था भी अब अपन रिकार्ड तोड़ स्वर्णकाल प्रस्तुति के लय ल दोबारा नई पा सकत हे। ऐमा सरकारी तंत्र के उपेक्षा भी बहुत बड़े ताकत हवय जउन दिखत हे तउन बिकत हे संस्कृति बर मर-मर के उदिम करने वाला मन ल पद्मश्री जइसन सम्मान नई मिल पाइस फेर काली कलाकारी म कदम रखइया ल आज ये सम्मान मिल जावत हे जउन रवईया ह ये बात ल अउ ताकत देथे की बाजारवाद संग जुड़ के व्यावसायिक प्रस्तुति ही ठीक हवय कम से कम जीविका बर सोचे के जरूरत तो नई पड़त हवय। येखर बड़का उदाहरण हवय हमर कर तीर के गाँव कुहीखुर्द म मूल नाचा ठेठ म आज भी पार्टी हवय अउ ये पार्टी के कलाकार ल सरकार के तरफ ले नाममात्र के पेंशन घलो मिलथे फेर विडंबना वो पार्टी ल मंच नई मिले बछर म एक बियाना मिलगे त गजब हे त इही करा दिखथे की हम दर्शक येखर दोषी हवन। दर्शक के इही उपेक्षा के कारण आज कतको नाचा जउन मूल स्वरूप म प्रस्तुति देवत रिहिन वो साल दरसल कार्यक्रम के बियाना नई मिले ले पार्टी ही टूट गेय अउ कलाकार के जीवन भरके नाचा के प्रति समर्पण ल परिवार ह आँखी देखावत हे की अब घर परिवार के जिनगी कइसे चलही। मने अब वो जुन्ना ठेठ के कलाकार अधेड़ उमर म बेरोजगार होगे। एक तरफ प्रयोगवादी अउ परिवर्तन के बहाव के संग चलत नाचा पार्टी एक बछर के 365 दिन म 150 प्रस्तुति देवत हे मने एक साल म कम से कम 02 लाख तो कमा ही लेवत हे फेर ये कमाय बर मंच अउ अवसर हम गाँव वाले दर्शक म ही देवत हन। अब के कलाकारी म दाऊ मंदराजी अउ दाऊ रामचन्द्र देशमुख जइसन अपन पुरखा के जम्मा पूंजी ल संस्कृति के संवर्धन बर निछावर करे के हिम्मत न पूंजी नई रखे अउ काबर घलो लुटाही अपन पूंजी ल का ये जिम्मेदारी केवल कलाकार मन के ही माथा म जिनगी भर रही। हम आम जन के भी कुछ कर्तव्य बनथे अउ सरकार तो चाटुकारिता, परसेंटेज म बात अउ हियाव करथे तब कलाकार ही अपन घर खुवार काबर करत रही का वोला बांकि आदमी मन सही इनकम करे के अपन घर परिवार बर पूंजी जमा करे के अधिकार नई हवय जउन वोखर बुढ़ापा म काम आवय। कुलमिलाक़े ये प्रयोग अउ परिवर्तन बहुत ही चिंतन के विषय हवय केवल कलाकार बर ही नही येखर केंद्र म हम सब हन। काबर की जउन समाज म दिखथे वो हमला कलाकारी के मंच म दिखथे अउ जउन कलाकारी के मंच म दिखथे वो हमर समाज म दिखथे दोनो एक दूसर ले प्रेरित हवय। युवा कवि ग्वाला भाई सही कथे कि घर परिवार के किस्सा कहानी दिखथे जेखर खाँचा म, वो हमर छत्तीसगढ़ के नाचा म।। सिरिफ देखइया बर नाचा ह तमाशा आय नही ते सीखने अउ गन्ने वाला बर सोजहा तमाचा आय। परिवर्तन अउ प्रयोग के कसौटी केवल कलाकार बर ही काबर हमर समाज भी तो बदल गेहे जउन बदलाव ही तो नाचा के मंच म दिखत हे वईसे भी कला अउ साहित्य म तत्कालीन समय के प्रभाव दिखथे। जब आधुनिकता नई रिहिस तब कला के मनोभाव ल दिवाल म राजशाही के समय उकेरे जावत रिहिस, ताम्रपत्र अउ शिलालेख म साहित्य समाहित रिहिस फेर जमाना के संग अब परिवर्तन होगे। दुनिया विहिच हवय बदले हे त हमर सोच अउ तरीका हा जेखर भविष्य दीर्घकालिक नई हे कालांतर म हमला अपन मूल स्वरूप म लहुटे ल ही लगही जइसे पहिली के गोबर खातू के पूर्वज वाले खेती म हमर पुरखा के सियान म 100 साल औसत आयु जियत रिहिस अब आधुनिक खेती म जहर घुल गेहे त आज औसत आयु 60 से होगे हे अब हमर आय तो बढ़ गेय फेर आयु घट गेय। जेखर बर बड़िहा काम भूपेश बघेल कर रिहिस जउन ल हम नई समझ पायेन।
आपके जुड़ाव अउ कमेंट्स मोला ऊर्जा देथे अउ अपन कमी ल झांके के अवसर देथे आईना दिखाथे मय आपके बात चिंतन ल सदा स्वीकार करथो अंतस ले। आप मोर बात ल रिष झन करहु आपके बेटा स्वरूप मानके माफ कर देहू आदरणीय जी।
जीवन ज्योति नाचा पार्टी जिर्राटोला का.भी रिहल्सर वाला विडियो.डालो भैया आदरणीय मेघनाथ देवदास कामेडी करते है। (आकर्षक प्रस्तुती-कंडिल कोतवाल)।इंतजार हैभैया।👍👍👍👍👍
रिहर्सल के दौर तो अब लगभग खतम होगे आदरणीय जी आपके निवेदन स्वीकार हे अब सीधा मंचिय प्रस्तुति डालहु। देवदास भईया जी कॉमेडी करते हैं न पर जिर्राटोला पार्टी में आने के बाद उनका मंचिय प्रस्तुति नही देखा हूँ