जयपुर-सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग से चौमूं अजीतगढ़ उपमार्ग जयपुर से 75 किलोमीटर व अमरसर गांव से 5 किलोमीटर दूरी पर अरावली पर्वतमाला की एक पहाड़ी पर यह मन्दिर स्थित है।
माना जाता है कि यह मन्दिर महाभारत काल के समकालीन है। लोकमत के अनुसार अमरसर गांव के लकड़हारे चूहा भक्त को साक्षात दर्शन देकर मन्दिर निर्माण का आदेश देकर काली माता पिण्डी रूप में परिवर्तित हो गईं और उसी स्थान पर आज यह मन्दिर स्थित है।
मन्दिर के दर्शन के लिए सीढ़ियां पर चढ़ना होता है और करीब 451 सीढ़ियां चढ़कर ही दर्शन संभव हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए सीढ़ियों पर टिनशेड की व्यवस्था भी है।
मन्दिर की तहलटी में शिव मन्दिर, भैरव मन्दिर एवं माता कालिका चतुर्भुजा विग्रह स्थापित है। मन्दिर में धर्मशाला है। मन्दिर में दिन में ही दर्शन कराये जाते हैं और रात को पहाड़ी पर नहीं जाने नहीं दिया जाता।
अमरसर व आसपास के गांवों के निवासियों की यह कुल देवी मानी जाती हैं तथा जात व जड़ूले उतारने बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। मन्दिर में शुद्ध-सात्विक प्रसाद चढ़ता है और मन्दिर में लहसुन-प्याज निषेध हैं।
19 сен 2024