जब पंडित कहता है कि हम कर से पैदा हुए हैं और शूद्र पैरों से पैदा हुए हैं तो तो सर को हमेशा अच्छा छोटा हो चाहे बड़ा हो पैरों में ही झुकना चाहिए क्योंकि उनको पता लगे कि हम ब्रह्मा जी से पैदा है और सर से पैदा हुए तो सुधारो को क्यों झुकते हैं पैरों में क्यों झुकते हैं उसे पर उसे हिसाब से हम शुद्ध ही उनसे ज्यादा और बेहतर उनसे बड़े हुए
यहां पर मैं आपका प्रवचन देख व सुन रहा हूं।आप हिन्दू धर्म के विरुद्ध एवं खासकर ब्राम्हणों के विरुद्ध कह रही हैं। आपके प्रवचन सभी देखते सुनते हैं।आप अपने धर्म की अच्छाई बुराई को कहिए। भविष्य दिख रहा है कि एक न एक दिन भारत में बड़ी बड़ी घटनाएं या दुर्घटनाएं होनी निश्चित है।आग जब लग जाती है तो जले बगैर राख नहीं होती।