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आपके वीडियो ने मेरी चिंता का समाधान कर दिया सर...मैने2 बार दर्शन वाला भाग पढ़ लिया लेकिन मन मे यही डर चल रहा था कि याद तो कुछ है ही नही। धन्यवाद सर सादर😊😊🙏🙏🙏
*ज़मीर जिंदा रख कबीर जिंदा रख, सुल्तान भी बन जाए तो दिल में फ़कीर जिंदा रख, हौंसले के तरकश में कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख,हार जा चाहे जिंदगी में सब कुछ मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिंदा रख* Sir your for giving motivational ❤️
💫 अद्भुत अकल्पनीय अद्वितीय गुरुदेव🙏 बस आपकी इसी अंदाज पर हम मोहित है जो हमारे अंदरएक नई ऊर्जा का प्रतिपादन कर देती हैं❤️ एक बार पुनःसादर प्रणाम गुरुदेव🙏❤️
Dhan he gurudev aap jese logo pe hame garv he hame hese guru ka mardarshan mila gire huye ko bi uta sakte Ho aap yahi right teacher ki identification hoti he
धन्यवाद सर, बेहद ही साधारण तरीके से असाधारण बातें बताने का आपका यह तरीका वाकई बेहद सराहनीय है। और आपका सादगी भरा रहन सहन, आपकी सादगी भरी वेशभूषा, जीवन शैली वाकई हमें बेहद प्रेरणा देती है।
प्रणाम सर। आपकी सौम्यता, ओजमय मधुर वाणी और उचित मार्गदर्शन विद्यार्थी जीवन के इस संघर्ष के दौर में मेरे लिए शीतल छाया की भांति है। आप मेरे प्रतियोगी परीक्षा के मार्गदर्शक हो।आपकी विद्वता को नमन। 🙏🙏🙏🌺🌺🌺
Sir aapka समझाने का तरीका दिमाग मै बैठ जाता है मतलब मै पहले inta समझ नहीं सकती थी आप जिस तरह समझाते हो वो समझ आता है थैंक्यू sir bhagvaan aapko स्वस्थ रखे ताकि ऐसे ही वीडियो बनाकर आप सबको समझाए
बहुत समय पहले की बात है , एक राजा को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे भेंट किये । वे बड़े ही अच्छी नस्ल के थे और राजा ने कभी इससे पहले इतने शानदार बाज नहीं देखे थे। राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक अनुभवी आदमी को नियुक्त कर दिया। जब कुछ महीने बीत गए तो राजा ने बाजों को देखने का मन बनाया और उस जगह पहुँच गए जहाँ उन्हें पाला जा रहा था। राजा ने देखा कि दोनों बाज काफी बड़े हो चुके थे और अब पहले से भी शानदार लग रहे थे । राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे आदमी से कहा, ” मैं इनकी उड़ान देखना चाहता हूँ , तुम इन्हें उड़ने का इशारा करो । “ आदमी ने ऐसा ही किया। इशारा मिलते ही दोनों बाज उड़ान भरने लगे , पर जहाँ एक बाज आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा था , वहीँ दूसरा , कुछ ऊपर जाकर वापस उसी डाल पर आकर बैठ गया जिससे वो उड़ा था। ये देख ,राजा को कुछ अजीब लगा.“ क्या बात है जहाँ एक बाज इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा ?”,राजा ने सवाल किया। ” जी हुजूर ,इस बाज के साथ शुरू से यही समस्या है , वो इस डाल को छोड़ता ही नहीं।” राजा को दोनों ही बाज प्रिय थे और वो अपने दूसरे बाज को भी उसी तरह उड़ना देखना चाहते थे। अगले दिन पूरे राज्य में ऐलान करा दिया गया कि जो व्यक्ति इस बाज को ऊँचा उड़ाने में कामयाब होगा उसे ढेरों इनाम दिया जाएगा। फिर क्या था , एक से एक विद्वान् आये और बाज को उड़ाने का प्रयास करने लगे , पर हफ़्तों बीत जाने के बाद भी बाज का वही हाल था, वो थोडा सा उड़ता और वापस डाल पर आकर बैठ जाता। फिर एक दिन कुछ अनोखा हुआ , राजा ने देखा कि उसके दोनों बाज आसमान में उड़ रहे हैं। उन्हें अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ और उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा जिसने ये कारनामा कर दिखाया था। वह व्यक्ति एक किसान था। अगले दिन वह दरबार में हाजिर हुआ। उसे इनाम में स्वर्ण मुद्राएं भेंट करने के बाद राजा ने कहा , ” मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ , बस तुम इतना बताओ कि जो काम बड़े-बड़े विद्वान् नहीं कर पाये वो तुमने कैसे कर दिखाया। “ “मालिक ! मैं तो एक साधारण सा किसान हूँ , मैं ज्ञान की ज्यादा बातें नहीं जानता , मैंने तो बस वो पेड़ की डाल ही काट दी जिसपर बैठने का बाज आदि हो चुका था और जब वो डाल ही नहीं रही तो वो भी अपने साथी के साथ ऊपर उड़ने लगा। “ ........ जीवन में ऊपर उड़ने के लिए तमाम तरह के अवगुणों का डाल काटना अनिवार्य है।अपनी कमियों या कमजोरियों को दुरुस्त किए बग़ैर जीवन में ऊँचाई की कल्पना भी बेमानी है........ मंज़िलें उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है... पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है...!!
*तूफान में कभी ताश का घर नहीं बनता रोन से कभी बिगड़ा मुकदर नहीं सवरता *दुनिया को जितने का हौसला रख एक बार हारने से कोई फकीर नहीं बनता ओर एक बार जीतने से कोई सिकंदर नहीं बनता#
आपकी वीडियो अचानक आने की खुशी को में अपने शब्दों में बयां नहीं कर सकता । आपके फेस, आपकी बॉडी लैंग्वेज से जो एनर्जी मिलती है ना सर वो कहीं और से नहीं मिल सकती। ये सब आपकी निष्ठा और लगन का नतीजा है। भगवान भी फिर उस इंसान को उसी अनुरूप ढाल देता है।