लाख को सद्गुरु बेसदैऊं सूरत लगाएं शब्द तुरी असवार है पल आवे छिन जाए। , सुरता खेलत खेल रचा और चाड आकाश से चढ़ जाए सत्य शब्द से जा मिले निर्भय नाच नचाए
15 окт 2024